चीन के सुरक्षा एजंसियो ने सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ ‘सशस्त्र क्रांति’ का षडयंत्र कुचल दिया

China Plot - चीन के सुरक्षा एजंसि

चीन के सुरक्षा एजंसियों द्वारा दावा किया गया है कि, उन्होंने सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ ‘सशस्त्र क्रांति’ का षडयंत्र कुचल दिया है। सुरक्षा एजंसियों ने ग्वांगडॉंग प्रांत में किये कडी कार्यवाही में सात संदिग्ध लोगों के साथ ५० किलो विस्फोटक जब्त किये। चीनी अर्थव्यवस्था में चल रही मंदी और सरकारी नीतियों के खिलाफ असंतोष के चलते पहली बार ऐसा षडयंत्र उजागर हुआ है। कुछ हफ्ते पहले चीन के सत्ताधारी दल के एक गुट का राष्ट्रपति झी जिनपिंग के खिलाफ नाराज होने की बात सामने आयी थी।

ग्वांगडॉंग क्षेत्र के सुरक्षा एजंसियो के दावे के अनुसार, मार्च महीने में पहली बार इस षडयंत्र का पता चला था। ४१ साल के झिआंग फेंगझुआन द्वारा सोशल नेटवर्कींग वेबसाईट्स के जरिए ‘शैडो आर्मी’ खडे करने के प्रयास शुरु हुए थे। इस शैडो आर्मी’ का साथ लेकर सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ विद्रोह खडा करके हुकूमत पलट देने की योजना थी। इसलिए फेंगझुआन ने हर एक क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ संपर्क करना आरंभ किया था। इस में कानून विशेषज्ञ, भविष्य बतानेवाले तथा विस्फोटक का निर्माण करनेवाले शामिल थे।

चीनी सुरक्षा एजंसियो द्वारा ग्वांगडॉंग प्रांत में डाले गये दो विभिन्न छापों में सात प्रमुख संदिग्ध लोगों के साथ २० से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। इन के साथ ५० किलोग्रॅम विस्फोटक, डिटोनेटर्स और अन्य सामग्री जब्त कर दी गयी। षडयंत्र के लिए आर्थिक सहायता जमा करने के उद्देश्य से लोकप्रिय तथा अमीर लोगों का अपहरण करने की योजना भी तैयार की गयी थी। ‘शैडो आर्मी’ के षडयंत्र में देश में बडी मात्रा में विस्फोट की शृंखला को अंजाम देकर अराजकवादी स्थिति पैदा करने की कोशिश भी सामने आयी है।

षडयंत्र के प्रमुख सूत्रधार माने जानेवाले झिआंग फेंगझुआन ने चीन में लोकतंत्र व्यवस्था पर आधारित हुकूमत की स्थापना करने की आकांक्षा भी व्यक्त की थी। अलग अलग वेबसाईट पर इस संकल्पना का पुरस्कार करते हुए, उसे समर्थन पाने के लिए कोशिशे शुरु थी। झिआंग फेंगझुआन के प्रमुख साथी मा जी पर अन्य सदस्यों के भरती की जिम्मेदारी डाली गयी थी। इस गुट द्वारा प्रांत के अलग अलग हिस्सों में करीब चार हजार से ज्यादा पत्रक बांटने का काम भी किया गया था।

चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के हुकूमत के खिलाफ सशस्त्र क्रांति का षडयंत्र रचाने की घटना पहली बार सामने आयी है। इस से पहले चीन के सुरक्षा तथा गुप्तचर एजंसियों द्वारा मानवाधिकार और लोकतंत्र के लिये आवाज उठानेवाले विभिन्न गुट तथा उनके सदस्यों के खिलाफ कडी कार्यवाही की गयी है। इस में सक्रीय प्रतिभागियों के खिलाफ हुकूमत तथा देश के व्यवस्था के खिलाफ षडयंत्र के आरोप रख्खे गये है। पर सीधे हुकूमत पलट देने के षडयंत्र का दावा पहली बार सामने आया है।

चीन के अध्यक्ष झी जिनपिंग द्वारा, उनके नेतृत्त्व को चुनौती खडी करनेवाले विरोधी नेताओं को राजनीति और सार्वजनिक क्षेत्र से दूर किया गया है। ऐसा करके जिनपिंग ने देश और पार्टी पर अपनी पकड मजबूत कर दी है। राष्ट्रपति जिनपिंग द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ चलायी गयी आक्रमक मुहिम की वजह से सत्ताधारी दल का एक बडा गुट नाराज हुआ है। इसी समय में देश की अर्थव्यवस्था में भी मंदी का दौर शुरु होने के संकेत मिले है। ऐसी स्थिति में देश की सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ सशस्त्र क्रांति का षडयंत्र सामने आना खलबली मचानेवाली घटना साबित हो रही है।

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