चीन के राष्ट्राध्यक्ष द्वारा सेना को तैयार रहने के आदेश

अंतरिक्षयुद्ध की तैयारी हेतु ‘स्पेस फ़ोर्स’ का निर्माण

In this Dec. 31, 2015 photo released by China's Xinhua News Agency, Chinese President Xi Jinping, front left, gives a military flag to Wei Fenghe, front center, commander of the Rocket Force of the Chinese People's Liberation Army (PLA), and Wang Jiasheng, front right, political commissar of the Rocket Force, in Beijing. China has created three new military bodies as part of reforms to modernize its military - the world's largest standing force - and improve its fighting capacity. (Li Gang/Xinhua via AP) NO SALES

ईस्ट एवं साऊथ चायना सी में तनाव के बढ़ते, चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ की सिद्धता को बढ़ाने के आदेश दिए हैं। साथ ही, चीन ने ‘स्पेस फ़ोर्स’ इस नये दल की स्थापना की है और स्वदेशी रचना की विमानवाहक युद्धनौका के निर्माण की रफ़्तार भी बढ़ा दी है। ‘ग्लोबल टाईम्स’ इस सरकारी वृत्तपत्र ने राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के इन आदेशों का समर्थन कर, ‘अमरीका के बढ़ते प्रभाव को मद्देनज़र रखते हुए यह कदम उठाना चीन के लिए आवश्यक था’ ऐसा कहा है।

गत कुछ महीनों से चीन के लष्कर में हो रहे भ्रष्टाचार के समाचार प्रकाशित हो रहे हैं। साथ ही, चीन के राष्ट्राध्यक्ष द्वारा, सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एकनिष्ठ रहने का आवाहन लष्कर से किया जा रहा है। इसलिए चीन की सरकार का लष्कर पर से नियंत्रण कम होता जा रहा है, ऐसा कहा जा रहा था। उसीमें, कुछ दिन पहले, चीन के राष्ट्राध्यक्ष द्वारा अपनी सेनासंख्या मे कटोतरी की जा रही होने की घोषणा की गयी थी। बढ़ती सेनासंख्या के कारण चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे बोझ को मद्देनज़र रखते हुए चीन ने सैनिकों की संख्या में कटोतरी करने का निर्णय लिया है, ऐसा दावा भी पश्चिमी विश्लेषकों ने किया था।

लेकिन गत दो दिनों से चीन के प्रसारमाध्यमों में प्रकाशित हो रहे समाचारों से यह साफ़ ज़ाहिर हो रहा है कि चीन अपने लष्कर के आधुनिकीकरण के प्रयास कर रहा है। ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ के अध्यक्ष रहनेवाले राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने अपने लष्कर के लिए तीन नये पथकों की घोषणा की है। जल्द ही चीन के लष्कर में इन तीन नये पथकों को स्थान दिया जायेगा और उनका स्वतंत्र मुख्यालय भी होगा। इस मुख्यालय में से चीन के लष्कर तथा सहायक पथकों की गतिविधियों का नियंत्रण किया जायेगा, यह जानकारी ‘झिनुआ’ इस चिनी दैनिक ने प्रकाशित की।

China missile

हालाँकि तीन नये लष्करी पथकों की घोषणा की गयी है, मग़र फिर भी चीन के लष्कर में से जल्द ही तीन लाख सैनिकों की कटोतरी की जायेगी। उसके बदले में प्रत्यक्ष युद्ध में शरीक़ होनेवाले सैनिकों को लष्कर की सेवा में रखा जाएगा। वहीं, लष्कर में से निकाल दिये गए सैनिकों को सरकारी एवं सरकार-संलग्न कंपनियों में नौकरी दी जाएगी। सैनिकों की संख्या कम करने के साथ साथ अगले पाँच वर्षों में चीन के लष्कर के आधुनिकीकरण पर ज़ोर दिया जाएगा।

इसमें, अंतरिक्षयुद्ध की तैयारी हेतु ‘स्पेस फ़ोर्स’ का निर्माण किया जानेवाला है। इस ‘स्पेस फ़ोर्स’ को शीघ्रतापूर्वक कार्यान्वित करने के आदेश राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने दिये होने का दावा प्रसारमाध्यमों के द्वारा किया जा रहा है। आण्विक विस्फोटकों से सुसज्जित रहनेवाले दीर्घ पहुँच के क्षेपणास्त्र, इलेक्ट्रॉनिक संघर्ष पथक, इस स्पेस फ़ोर्स का भाग होंगे।

इसीके साथ चीन ने गत कुछ दिनों में महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। अमरीका की विमानवाहक युद्धनौका को जलसमाधि देने की क्षमता रहनेवाले और ठेंठ अमरीका तक की पहुँच रहनेवाले ‘डाँगफ़ेंग-४१’ इस युद्धनौकाभेदी क्षेपणास्त्र का परीक्षण किया गया होने की घोषणा चीन ने की है। चीन ने ‘हायपरसॉनिक’ क्षेपणास्त्र का परीक्षण किया होने का दावा भी किया जा रहा है।

वहीं, अमरीका की तुलना मे चीन की लष्करी क्षमता में यदि बहुत फ़र्क़ दिखायी देता है, तो आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन की ओर देखने का नज़रिया बदल सकता है। सामर्थ्यशाली लष्कर यह चीन के लिए राजनीतिक प्रभाव को बढ़ानेवाली बात साबित होगी, ऐसा चीन सरकार का मुखपत्र रहनेवाले ‘ग्लोबल टाईम्स’ इस दैनिक ने कहा है।

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