आयएस (IS) के आतंकी हमले से फ्रान्स दहल उठा

ATTENTION EDITORS - VISUAL COVERAGE OF SCENES OF INJURY OR DEATH A general view of the scene shows rescue service personnel working near the covered bodies outside a restaurant following a shooting incident in Paris, France, November 13, 2015. REUTERS/Philippe Wojazer - RTS6VPX

फ्रान्स (France) की राजधानी पॅरिस (Paris) में छह आतंकी हमलों में १२९ लोगों की नृशंस हत्या कर ‘आयएस’ (IS) ने सारे विश्‍व को दहला दिया है। इन हमलों में घायलों की संख्या २०० से अधिक बतायी जाती है। इनमें कई लोगों की हालत नाजूक बतायी जाती है। दुनिया भर के देशों ने इन हमलों की कडी आलोचना की है। यह हमला कर ‘आयएस’ने फ्रान्स के खिलाफ जंग छिड दी है, ऐसा फ्रान्सिसी राष्ट्रपति फ्रॅंकोईस हॉंलांदे ने कहा है। द्वितिय विश्‍वयुद्ध के बाद फ्रान्स में हुआ यह सबसे बडा हमला माना जा रहा है।

‘आयएस’ के आठ आतंकियों ने ‘स्टेट दी फ्रान्स’ फुटबॉल स्टेडियम ‘ला बेले इक्विप बार’, ‘ली पेती कम्बोज’, ‘ली कॅरिलॉन बार’, ‘रू फ्रॉन्तेन ओ रॉय’ और बाटाक्लॅन कॉन्सर्ट हॉल’ इन छे जगह को निशाना बनाया। बाटाक्लॅन कॉन्सर्ट हॉल में आतंकीयों ने १०० से अधिक लोगों की जान ले ली। लोगों को बंदी बना कर आतंकियो ने गोलियों की बौछार कर उन्हे मौत के घाट उतार दिया। फ्रेंच पुलीस यहा कुछ मिनट की देरी से पहुंची। लेकिन तब तक आतंकियो ने यह हॉल लहूलोहान कर दिया था।

आठ हमलावर आतंकियो में से सात आतंकियों ने आत्मघाती विस्फोट किये। एक आतंकी फ्रेंच पुलिस के साथ मुठभेड में मारा गया। इस भीषण हमले के बाद पूरे फ्रान्स में दहशतगर्दी का माहौल देखा जा रहा था। फ्रेंच सुरक्षा एजन्सीयों ने अनिश्‍चित काल के लिए आपातकाल घोषित किया है। हमले के एक दिन में ही फ्रेंच पुलिस और सुरक्षाकर्मीयों ने तीन हमलावरों की पहचान कर ली। इनमे से एक आतंकी फ्रान्स का नागरिक है और एक के पास सीरियाई पासपोर्ट तो दुसरे हमलावर के पास इजिप्त का पासपोर्ट होनेकी पुष्टी फ्रेंच मीडिया ने की है।

Paris : This image taken from the French television pool shows French President, Francois Hollande making an emergency broadcast Friday evening, Nov. 13, 2015. Several dozen people were killed Friday in the deadliest attacks to hit Paris since World War II, French President Francois Hollande said, announcing that he was closing the country's borders and declaring a state of emergency. AP/PTI(AP11_14_2015_000006B)

‘आयएस’(IS)ने फ्रान्स को सीरिया में अपने उपर हो रहे हवाई हमलों का बदला लेने की धमकी दे दी थी। अगस्त महिने के आखिर में ८०० आतंकी युरोप मे दाखिल होने की खबर फ्रेंच मीडिया ने दी थी। कुछ सप्ताह पहले फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष हॉलांदे ने अपनी जनता को आतंकी हमले के लिए तैयार रहने की सलाह दी थी। वही विशेषज्ञों ने मुंबई में हुए २६/११ हमलो की तरह फ्रान्ससहित युरोपीय देशों मे हमले होने की आशंका जताई थी।

यह हमला कर ‘आयएस’ने फ्रान्स के खिलाफ जंग की घोषणा की है। जिन मानवतावादी मूल्यों पर फ्रान्स का विश्‍वास है और जिन मूल्यों की रक्षा के लिए फ्रान्स लडता रहा है, उन मूल्यों को ‘आयएस’ खदेडने की कोशिश कर रहा है। लेकीन इस हमले के बाद फ्रान्स ‘आयएस’ के आतंकियो को करारा जवाब देगा, ऐसा फ्रान्स के राष्ट्रपति हॉलांदे ने कहा है। विश्‍व के सभी देशों ने इस आतंकी हमले की निंदा कर इस युद्ध में फ्रान्स को साथ देने की घोषणा की है।

इन हमलों के वक्त ब्रिटन दौरे पर आए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन आतंकी हमलो की कडे शब्दों में निर्भत्सना की। इस कठीन समय में भारत फ्रान्स की जनता का साथ देगा, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने दहशतगर्दी के खिलाफ सारी मानवता एक हो, ऐसा संदेश दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा ने पॅरिस में हुआ हमला सारी मानवता पर हुआ हमला है और फ्रेंच जनता आतंकीयों के सामने सिर नही झुकाएगी, ऐसा विश्‍वास जताया है। इन हमलावरों को सजा देने के लिए अमेरिका फ्रान्स को पुरी तरह सहयोग देगा, ऐसा भरोसा ओबामा ने दिया है।

रशिया के राष्ट्रपति पुतिन, ब्रिटन के प्रधानमंत्री डेव्हिड कॅमेरॉन और जर्मनी की चान्सेलर अँजेला मर्केल ने भी फ्रान्स की जनता के प्रति संवेदना जताई। ‘आयएस’ (IS) के इन हमलो का युरोपीय देशों में भारी राजनीतिक असर दिखायी दे रहा है। सीरिया और अन्य देशों से युरोप मे आश्रय ले रहे शरणार्थी इन हमलों के पिछे है, ऐसा फ्रान्स और युरोप के कुछ गुटों का मानना है। इसी वजह से पोलंड ने शरणार्थियों को अपने देश में पनाह नही मिल सकती, ऐसी घोषणा की। युरोपीय संघने अपने सभी सदस्य देशों को शरणार्थियों का कोटा दिया हुआ है। फ्रान्स पर हुए हमले के बाद यह कोटा स्वीकारना संभव नही रहा, ऐसा पोलंड के मंत्री कहा है।

पोलंड के बाद हंगेरी, चेक रिपब्लिक, स्लोव्हाकिया यह युरोपीय देश भी शरणार्थीयों के बारे में यही भूमिका ले सकते है। इससे युरोप में आश्रय ले रहे शरणार्थियों की समस्या और जटील बन सकती है। उत्तरी फ्रान्स में कॅलाईस नामक शरणार्थियों की छावनी आग की चपेट में आ गयी और इसमे सेकडो तंबू जल कर राख हो गये। पॅरिस में हुए हमले के बाद कुछ ही घंटो में लगी इस आग के पिछे शरणार्थियों के खिलाफ फ्रान्सिसी जनता में आए बदले की भावना है, ऐसा कुछ लोगों का मानना है। अधिकारीक तौर पर यह बात फ्रेंच एजन्सीयों ने नकार दि है।

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