चीन ने अंतरिक्ष से कूड़ा हटाने की तकनीका का परीक्षण करनेवाला उपग्रह किया प्रक्षेपित

बीजिंग – चीन ने अंतरिक्ष से कूड़ा हटाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे तकनीक का परीक्षण करनेवाले उपग्रह का प्रक्षेपण किया है। इसके तहत रविवार के दिन ‘शिजियान-२१’ नामक उपग्रह का सफल प्रक्षेपण करने की जानकारी चीनी प्रशासन ने प्रदान की है। चीन द्वारा इस वर्ष अंतरिक्ष में स्थापित किया गता ३९ वां उपग्रह है। चीन ने बीते कुछ वर्षों के दौरान अंतरिक्ष की गतिविधियों को प्रचंड़ गति प्रदान की है। इस पृष्ठभूमि पर तकनीक का परीक्षण करने वाले उपग्रह का चीन द्वारा प्रक्षेपण करना ध्यान आकर्षित करनेवाली घटना है।

CHINA-SPACE-LAUNCHरविवार को सुबह के समय सिचुआन प्रांत के प्रक्षेपण केंद्र से ‘शिजियान-२१’ उपग्रह को अंतरिक्ष में छोड़ा गया। यह उपग्रह अंतरिक्ष में ‘डेब्रिस मिटिगेशन टेक्नॉलॉजी’ संबंधी परीक्षण करेगा, ऐसा चीनी प्रशासन ने कहा है। उपग्रह प्रक्षेपित करने के लिए ‘लौंग मार्च-३बी’ कैरिअर रॉकेट का इस्तेमाल करने की जानकारी भी दर्ज़ की गई है। चीन ने इस वर्ष यह ३९ वां प्रक्षेपण किया है और वर्तमान वर्ष के अन्त तक कम से कम और दो मुहिम होने के संकेत दिए गए हैं।

चीन की अंतरिक्ष संस्था ने वर्ष २०१५ में ‘स्पेस डेब्रिस मॉनिटरिंग ऐण्ड एप्लिकेशन सेंटर’ स्थापित किया था। नए उपग्रह का प्रक्षेपण इसी केंद्र की मुहिम का हिस्सा माना जा रहा है। लेकिन, चीन का अंतरिक्ष क्षेत्र देश के सुरक्षा बलों से जुड़ा होने से इस मुहिम का उद्देश्‍य दोहरे इस्तेमाल का हो सकता है, ऐसे दावे विश्‍लेषक एवं विशेषज्ञ कर रहे हैं। कुछ वर्ष पहले चीन ने प्रक्षेपित किए ‘शिजियान-१७’ उपग्रह की क्षमता को लेकर अमरीका की ‘स्पेस फोर्स’ के प्रमुख जॉन विल्यम रेमंड ने इशारा दिया था।

अलग अलग तकनीक का परीक्षण करने के लिए प्रक्षेपित हो रहे चीनी उपग्रह अन्य देशों के उपग्रह एवं यान को नुकसान पहुँचा सकते हैं, यह ड़र पहले ही व्यक्त किया गया था। चीन द्वारा अंतरिक्ष में छोड़े गए रॉकेटस्‌, यान एवं उपग्रह अनुसंधान के साथ ही गश्‍त एवं लष्करी कारणों के लिए इस्तेमाल होने के आरोप भी लगाए गए हैं। अमरिकी सेना की गुप्तचर प्रणाली ने भी चीन की अंतरिक्ष में जारी गतिविधियों को लेकर इशारा देनेवाली रपट कुछ महीने पहले जारी की थी।

अमरीका के विश्‍लेषक गॉर्डन चैंग ने चीन की अंतरिक्ष से संबंधित महत्वाकांक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करके इससे अंतरिक्ष में भी ९/११ हो सकता है, ऐसा सनसनीखेज इशारा बीते वर्ष के अन्त में दिया था।

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