तालिबानी हुकूमत में अफ़गानिस्तान में नशीले पदार्थों का उत्पादन और तस्करी बढ़ेगी – संयुक्त राष्ट्रसंघ के वरिष्ठ अधिकारी का इशारा

काबुल – ‘तालिबान ने अफ़गानिस्तान का कब्ज़ा करने के साथ आतंकी और अपराधिक संगठन अस्थिरता का लाभ उठाकर अफ़गानिस्तान में अपने अड्डे स्थापित करने लगी है। इस वजह से अफ़गानिस्तान में अवैध नशीले पदार्थों का उत्पादन और पड़ोसी देशों में तस्करी की मात्रा बढ़ने की संभावना बढ़ी है’, ऐसा गंभीर इशारा संयुक्त राष्ट्र संघ के वरिष्ठ अधिकारी ने दिया। तालिबान की हुकूमत स्थापित होने के साथ ही अफ़गानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र संघ की नशीले पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई भी बंद होने की ओर माध्यमों द्वारा ध्यान आकर्षित किया जा रहा है।

afghan-taliban-narcotics-drugs-1अफ़गानिस्तान तालिबान के हाथ पड़ने के साथ ही इस देश में नशीले पदार्थों के उत्पादन को लेकर लगातार चिंता जताई जा रही है। नशीले पदार्थों की विश्‍वभर में तस्करी पर नज़र रखनेवाली ‘युनाइटेड नेशन्स ऑफिस ऑन ड्रग्ज एण्ड क्राईम-यूएनओडीसी’ संगठन की बीते हफ्ते तात्कालिक बैठक का आयोजन हुआ। वियना में हुई इस बैठक में भी ‘यूएनओडीसी’ की अध्यक्षा ‘घाडा वली’ ने अफ़गानिस्तान की मौजूदा स्थिति का नया इशारा दिया। अफ़गानिस्तान के नशीले पदार्थों का उत्पादन और तस्करी को रोकने पर वली ने जोर दिया।

‘विश्‍व के नशीले पदार्थों में से ८५ प्रतिशत उत्पादन अकेले अफ़गानिस्तान में किया जाता है। अफ़गानिस्तान में बदली हुई स्थिति की वजह से आतंकी और अपराधिक संगठन वहां की अस्थिरता का लाभ उठाकर नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी बढ़ाने का अवसर प्राप्त कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में, अफ़गानिस्तान को आतंकियों का आश्रयस्थान बनने से रोकना हो तो नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी और संबंधित अपराधों को रोकने की कोशिश तीव्र करनी चाहिए’, यह इशारा ‘यूएनओडीसी’ की अध्यक्षा वली ने दिया।

इसी दौरान अफ़गानिस्तान विषय के अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक मोहम्मद खान अंदार ने इससे भी अधिक गंभीर इशारा दिया। ‘नशीले पदार्थों का उत्पादन और तस्करी के खिलाफ समय पर कार्रवाई नहीं की गई तो अफ़गानिस्तान की गरीबी, दुरावस्था अधिक बढ़ेगी। इस वजह से अफ़गानिस्तान में हो रहा नशीले पदार्थों का उत्पादन और तस्करी कई गुना बढ़ेगी’, यह इशारा अंदार ने दिया। कुछ दिन पहले पैरिस स्थित ‘फायनान्शियल एक्शन टास्क फोर्स-एफएटीएफ’ ने भी अफ़गानिस्तान के आतंकवाद और इससे संबंधित आर्थिक गुनाहों के प्रति चिंता जताई थी।

afghan-taliban-narcotics-drugs-2अंतरराष्ट्रीय संगठन और विश्‍लेषक अफ़गानिस्तान में फैल रहे आतंकी संगठन और नशीले पदार्थों की तस्करी को लेकर इशारे दे रहे हैं और इसी दौरान तालिबान ने कहा है कि, पूरी स्थिति नियंत्रण में है। हमारी हुकूमत स्थापित होने के बाद अफ़गानिस्तान से नशीले पदार्थों की तस्करी बंद होने का दावा तालिबान ने किया है, और ही नशीले पदार्थों की तस्करी करनेवालों को हिरासत में लिया गया है।

लेकिन, १५ अगस्त के दिन तालिबान ने अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करने के साथ ही वहां पर ‘यूएनओडीसी’ की सभी कार्रवाईयाँ बंद हुई हैं। साथ ही नशीले पदार्थों का भारी मात्रा में उत्पादन करने वाले प्रांतों पर तालिबान का नियंत्रण स्थापित हुआ है। इस वजह से तालिबान के दावों की सच्चाई परखना किसी के लिए संभव नहीं है। तालिबान का अर्थकारण नशीले पदार्थों के कारोबार पर ही निर्भर था, यह बात पहले ही स्पष्ट हुई थी।

ऐसी स्थिति में तालिबान अपने देश के नशीले पदार्थों का कारोबार बंद करने के बजाय उसे अधिकाधिक बढ़ावा दिए बगैर नहीं रहेगी, यह चिंता विश्‍वभर के ज़िम्मेदार विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं। साथ ही नशीले पदार्थों की तस्करी से प्राप्त होनेवाले पैसों पर आतंकी संगठन फैलने से अफ़गानिस्तान में नशीले पदार्थों का कारोबार में बढोतरी पूरे विश्‍व के लिए दोहरा संकट होगा।

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