चीन के ‘हायपरसोनिक मिसाइल टेस्ट’ की वजह से परमाणु हथियारों की स्पर्धा भड़केगी – अमरिकी सिनेटर लिंडसे ग्रैहम का इशारा

वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन ने परमाणु क्षमता वाले ‘हायपरसोनिक मिसाइल’ का परीक्षण करने की खबर ज्यादा अच्छी नहीं है और इस खबर में यदि सच्चाई है तो इससे अमरीका और चीन के बीच परमाणु हथियारों की स्पर्धा तेज़ होने की संभावना है, ऐसा गंभीर इशारा अमरीका के वरिष्ठ सिनेटर लिंडसे ग्रैहम ने दिया है। ग्रैहम ने अमरिकी संसद के लिए एक खत भेजा है और इसमें रक्षा विभाग और गुप्तचर यंत्रणाओं के साथ तुरंत एक बैठक आयोजित करने की माँग भी रखी है। चीन ने लगातार दो महीनों में परमाणु क्षमता के दो ‘हायपरसोनिक’ मिसाइलों का परीक्षण करने की बात ब्रिटीश अखबार के वृत्त से सामने आयी है।

‘हायपरसोनिक मिसाइल टेस्ट’चीन द्वारा परमाणु क्षमता वाले ‘हायपरसोनिक मिसाइल’ का परीक्षण अच्छी खबर नही है और यदि इस खबर में सच्चाई है तो इससे अमरीका और चीन के बीच परमाणु हथियारों की स्पर्धा बढ़ सकती है। चीन परमाणु हथियारों की स्पर्धा शुरू ना करे इसके लिए अमरीका कोशिश कर सकती हैं, लेकिन यह कोशिश सफल होने की संभावना नहीं है। इस लिए अमरीका को चीन के ‘हायपरसोनिक परमाणु मिसाइल निष्प्रभ करने की क्षमता वाली यंत्रणा के लिए बड़ा निवेश करना पड़ेगा, यह इशारा ग्रैहम ने दिया। इस मुद्दे पर अमरीका का रक्षा विभाग और गुप्तचर यंत्रणाओं के वरिष्ठ अधिकारीयों की संसद में ‘क्लासिफाईड मीटिंग’ करनी चाहिए, यह माँग भी रिपब्लिकन सिनेटर ने रखी।

‘हायपरसोनिक मिसाइल टेस्ट’बीते हफ्ते ब्रिटेन के ‘फायनान्शियल टाईम्स’ ने चीन के इस परीक्षण का वृत्त प्रसिद्ध किया था। इस वृत्त में वर्णित परीक्षण अगस्त में किए जाने की बात कही गई थी। लेकिन, अब इससे संबंधित नई खबर प्रसिद्ध हुई है और इसमें चीन ने दो हायपरसोनिक परमाणु मिसाइलों का परीक्षण करने की जानकारी साझा की गई है। पहला परीक्षण जुलाई और दूसरा अगस्त में किया गया, यह बात ‘फायनान्शियल टाईम्स’ ने प्रसिद्ध की है। पहला परीक्षण २७ जुलाई के दिन किया गया और इस दौरान ‘हायपरसोनिक ग्लाईड वेहिकल’ का इस्तेमाल होने की बात दर्ज़ है।

दूसरा परीक्षण १३ अगस्त के दिन किया गया। इन दोनों परीक्षणों के दौरान चीनी मिसाइलों ने पृथ्वी के ‘लो ऑर्बिट’ से सफर करने की बात भी सामने आयी है। दोनों परीक्षण अमरिकी यंत्रणाओं को कोई अता-पता लगने नहीं दिया, यह जानकारी सामने आ रही है। साथ ही परीक्षण के दौरान चीनी मिसाइलों की क्षमता अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं को चौंकानेवाली साबित होने का दावा भी वर्णित अखबार ने किया है। अमरिकी वैज्ञानिकों के दावे के अनुसार चीन का यह परीक्षण अमरीका के पास मौजूद ‘हायपरसोनिक मिसाइल’ यंत्रणा से भी अधिक प्रगत है। इस लिए अमरिकी यंत्रणाओं में चिंता का माहौल फैलने की बात कही जा रही है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने इस परीक्षण को लेकर चिंता जताने की जानकारी विदेश विभाग ने साझा की है।

लेकिन, चीन ने ‘हायपरसोनिक मिसाइल’ का परीक्षण करने के दावों से इन्कार किया है। चीन के विदेश विभाग ने १६ जुलाई के दिन ‘स्पेस प्लेन’ का परीक्षण करने की जानकारी साझा की है। अन्य कोई भी परीक्षण ना होने की बात भी चीन ने कही है। इस वजह से इन परीक्षणों के प्रति रहस्य अधिक बढ़ने की बात सामने आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.