भारत पर सायबर हमला करने का आरोप चीन ने ठुकराया

नई दिल्ली/बीजिंग – मुंबई की बिजली सप्लाई खण्डित करने के लिए चीन ने बीते वर्ष सायबर हमला किया था, ऐसें आरोप हो रहे हैं। अमरीका की ‘मैसेच्युसेटस्‌’ स्थित कंपनी ने इस मुद्दे पर प्रदान की हुई जानकारी का हवाला देकर, अमरिकी अखबार ने सबसे पहले इस सायबर हमले की खबर प्रकाशित की थी। भारतीय माध्यमों ने इस खबर को अहमियत देने पर चीन की प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने, अपने देश पर लगाया यह आरोप बेबुनियाद होने की बात कहकर, उल्टा चीन ‘सायबर’ सुरक्षा का पुख्ता पुरस्कर्ता देश होने की बात कही है।

सायबर हमला

बीते वर्ष से चीन से भारत पर हो रहें सायबर हमलों में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। खास तौर पर लद्दाख की ‘एलएसी’ पर दोनों देशों के बीच तनाव निर्माण होने की स्थिति में, चीन से संबंधित हैकर्स के गुट ने भारत को सायबर हमले का लक्ष्य करने की कड़ी कोशिश की थी। बीते वर्ष के १२ अक्तूबर के दिन मुंबई की बिजली सप्लाई कुछ घंटों के लिए खण्डित हुई थी। इसके पीछे चीन की सरकार से जुड़े ‘रेडइको’ नामक हैकर्स के गुट का हाथ होने का दावा एक अमरिकी कंपनी ने किया है। देशों के इंटरनेट का इस्तेमाल और सायबर सुरक्षा से जुड़ी इस कंपनी ने किए दावे की खबर अमरिकी अखबार ने प्रकाशित की है।

यह खबर भारतीय माध्यमों ने उठाई हैं। इसके बाद भारत में अन्य ठिकानों पर भी बिजली सप्लाई खण्डित होने के पीछे, चीन से सायबर हमलें होने की खबरें प्राप्त हुईं थीं। सिंगापूर और टोकियो में केंद्र होनेवाली ‘सायफार्मा’ नामक सायबर सुरक्षा कंपनी ने भी, चीन भारत में तैयार हो रहीं कोरोना की वैक्सीन की जानकारी प्राप्त करने के लिए सायबर हमलें कर रहा होने की बात कही है। ‘एटीपी १०’ और ‘स्टोन पांडा’ नामक कुख्यात चीनी हैकर्स के गुट, ‘भारत बायोटेक’ और सिरम इन्स्टिट्युट ऑफ इंडिया’ पर ये सायबर हमलें करने में जुटे होने का इशारा सायफार्मा ने दिया था। इस वजह से चीन के सायबर हमले का मुद्दा आगे आया है और इस वजह से देश की सायबर सुरक्षा पर गंभीर चिंता व्यक्त की जा रही है।

कोरोना वैक्सीन का निर्माण कर रहीं कंपनियों पर हुए सायबर हमलों से कुछ भी हासिल ना होने की बात कहकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने देश को आश्‍वस्त किया। साथ ही, सायबर क्षेत्र में भारत की सुरक्षासंबंधित दीवार काफी मज़बूत है, यह भरोसा रविशंकर प्रसाद ने दिलाया। वहीं, बीते वर्ष मुंबई की बिजली सप्लाई खण्डित करनेवाला सायबर हमला चीन से होने के आरोपों की, अभी केंद्र सरकार ने अधिकृत स्तर पर पुष्टि नहीं की है। साथ ही, इस हमले के सबूत ना होने की बात केंद्रीय ऊर्जामंत्री आर.के.सिंह ने कही है। लेकिन, इस मोरचे पर सावधान रहने की ज़रूरत होने का दावा केंद्रीय ऊर्जामंत्री ने किया।

वहीं, चीन ने अपने खिलाफ लगाए ये आरोप ठुकराए हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वैंग वेनबिन ने, सायबर हमलों को लेकर चीन पर हो रहें आरोप बेबुनियाद हैं और इस तरह से आरोप करना गैरज़िम्मेदाराना साबित होता है, ऐसी आलोचना भी की है। सायबर हमलों की जड़ें खंगालना बड़ा कठिन होता है। इस कारण, सबूत प्राप्त हुए बगैर इस तरह के आरोप करने के पीछे, गैरज़िम्मेदाराना हरकत के साथ ही कुटील उद्देश्‍य भी हो सकता है, ऐसा आरोप वेनबिन ने किया है।

इसी बीच, चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने भारतीय माध्यमों पर फिर से तोप चलाई है। भारतीय माध्यम चीन को बेवजह लक्ष्य कर रहे हैं। इस वजह से भारत-चीन संबंधों पर विपरित असर हो रहा है, यह दावा इस अखबार ने किया है। इसके साथ ही, भारतीय माध्यमों के आक्रामक राष्ट्रवाद का भारत की नीति पर असर होने लगा है और भारतीय नेताओं को चीनविरोधी भूमिका का स्वीकार करने के सिवाय अन्य विकल्प नहीं बचा है, यह बात भी ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने कही है।

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