कोरोना का टीकाकरण चौबीस घंटे शुरू रहेगा – केंद्र सरकार का निर्णय

नई दिल्ली – देश में शुरू कोरोना के टीकाकरण की मुहिम को गति प्रदान करने के लिए और टीकाकरण केंद्र पर होनेवाली भीड़ कम करने की दृष्टि से सरकार ने बड़ा निर्णय किया है। इसके तहत अब हफ्ते के चौबीस घंटे यानी ‘२४ बाय ७’ कोरोना का टीकाकरण शुरू रहेगा। इस वजह से कोविन पोर्टल पर टीकाकरण के लिए समय का चयन करते समय नागरिक अपने सुविधा के अनुसार समय तय कर सकेंगे। देश में १ मार्च से, ६० से अधिक उम्र के आम नागरिकों के टीकाकरण की शुरूआत हुई है। इस पृष्ठभूमि पर किया गया यह निर्णय बड़ा अहम साबित होता है।

भारत में पहले चरण में डॉक्टर्स, स्वास्थ्यकर्मी, फ्रन्ट लाईन वर्कर्स, पुलिस जवानों का टीकाकरण शुरू किया गया था। इसी टीकाकरण के दूसरे चरण में आम नागरिकों का टीकाकरण शुरू हुआ है। लेकिन इस चरण में, ६० वर्ष से अधिक उम्र के ज्येष्ठ नागरिक और ४५ वर्ष से अधिक उम्र के बिमार नागरिकों को ही टीका दिया जा रहा है। आम नागरिकों का टीकाकरण शुरू करने के बाद सरकार ने टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए भी कदम उठाना शुरू किया है। इसके लिए सबसे पहले समय की सीमा हटाई गई है।

corona-vaccinationअबतक सुबह ९ से शाम ५ के बीच कोरोना का टीका दिया जा रहा था। इसके लिए कोवीन पोर्टल पर जाकर, अपनी सुविधा के अनुसार तारीख और ९ से शाम ५ बजे तक के समय का चयन करने का प्रावधान है। लेकिन, समय सीमा होने से टीकाकरण के केंद्रों पर भीड़ होती दिख रही थी। सरकार ने, भीड़ ना हो और स्वास्थ्य यंत्रणाओं का भार कम हो, इसके लिए निजी अस्पतालों में भी टीका प्रदान करने की सुविधा उपलब्ध कराई थी। इसके अनुसार एक टीके के लिए २५० रुपये हिसाब से निजी अस्पतालों में वैक्सीन के दो ड़ोस लेने के लिए ५०० रुपये शुल्क तय किया गया है। लेकिन, वहाँ पर भी समय सीमा रखी गई थी। लेकिन अब यह समय सीमा हटने का बड़ा निर्णय सरकार ने किया है।

लेकिन, टीकाकरण कितने बजे तक शुरू रखना है, यह तय करने का अधिकार अस्पतालों का होगा। अस्पताल अपनी क्षमता के अनुसार यह निर्णय कर सकते हैं और अपना निर्णय राज्य सरकार को बताकर अगली कार्यवाही कर सकते हैं, ऐसा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है। इसके अलावा, सरकार ने निजी अस्पतालों को टीकाकरण केंद्र शुरू करने के लिए तय कीं शर्तें भी हटाई गई हैं, यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री हर्ष वर्धन ने प्रदान की।

इसके अलावा केंद्र सरकार ने अपनी वैक्सीन के डोसेज्‌ रिशेड्युल करने की अनुमति भी प्रदान की है। देश में ‘ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका’ ने विकसित की हुई ‘कोविशिल्ड’ और ‘भारत बायोटेक’ एवं ‘इंडियन कौन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ (आयसीएमआर) ने विकसित किए ‘कोवैक्सीन’ का टीकाकरण शुरू किया गया है। किसी भी टीके के दो डोस २८ दिनों के अंतराल के साथ प्राप्त करना आवश्‍यक है।

corona-vaccinationलेकिन, यदि एक डोस लेने के बाद कोई व्यक्ति दूसरा डोस प्राप्त करने के लिए कुछ कारणों से उसी शहर में मौजूद नहीं होता, तो ऐसा व्यक्ति डोस को रिशेड्युल भी कर सकता है। इसके अनुसार, कोविन ऐप पर अपने मोबाईल क्रमांक के ज़रिये लॉगीन करके अपने नाम के आगे के ‘ऐक्शन कॉलम’ पर दर्ज़ ठिकान में बदलाव करना संभव होगा। लेकिन, ठिकान का यह बदलाव कम से कम एक दिन पहले करना आवश्‍यक होगा। साथ ही, ठिकान में बदलाव करने के बाद यह ध्यान रखा जाएगा कि इस संबंधित व्यक्ति को दो अलग अलग वैक्सीन के डोस ना दिए जायें, यह बात भी स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट की है।

कोरोना की ‘नेजल वैक्सीन’ भी जल्द ही प्राप्त होगी। ‘कोवैक्सीन’ का निर्माण करनेवाली ‘भारत बायोटेक’ कंपनी ने, नाक से देनेवाली कोरोना की वैक्सीन विकसित की है। इस ‘नेजल वैक्सीन’ का परीक्षण अगले हफ्ते से शुरू होगा, ऐसा वृत्त है। चेन्नई, हैद्राबाद, नागपूर और पटना में इस वैक्सीन का परीक्षण किया जाएगा। इससे संबंधित प्रस्ताव भारत बायोटेक ने ‘ड्रग्ज कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया’ (डीसीजीआय) को दिया होने का वृत्त है।

भारत बायोटेक ने कोरोना के ‘नेजल वैक्सीन’ के पहले और दूसरे चरण के परीक्षण करने की अनुमति माँगी है। भारत बायोटेक ने वॉशिंग्टन युनिव्हर्सिटी के साथ अनुसंधान करके इस वैक्सीन का निर्माण किया होने की बात कही जा रही है। खास बात यह है कि इस वैक्सीन का मात्र एक ही डोस रहेगा। इसके एक ही डोस से नागरिकों को कोरोना से सुरक्षा मिलेगी। फिलहाल ‘इंजेक्शन’ के ज़रिये दिए जा रहें टीके के दो डोस लगाने पड़ते हैं। ‘नेजल वैक्सीन’ उपलब्ध होने पर इंजेक्शन से राहत मिलेगी।

इसी बीच, भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ के तीसरें चरण का परीक्षण पूरा हुआ है। इस परीक्षण के दौरान २५,८०० कार्यकर्ता शामिल हुए थे। भारत में कोरोना की वैक्सीन के ‘क्लिनिकल ट्रायल’ में शामिल हुए लोगों की यह सबसे बड़ी संख्या साबित होती है। इन परीक्षणों के दौरान ‘कोवैक्सीन’ कोरोना के विरोध में काफी प्रभावी साबित हुई है। साथ ही यह वैक्सीन, ब्रिटेन में पाये गए कोरोना के ‘स्ट्रेन’ पर भी प्रभावी साबित होने की बात परीक्षणों से स्पष्ट हुई है, ऐसा दावा कंपनी ने किया है। इस वजह से यह काफी बड़ी सफलता समझी जा रही है। तीसरें चरण का परीक्षण शुरू होते समय केंद्र सरकार ने ‘कोवैक्सीन’ का इस्तेमाल करने के लिए अनुमति प्रदान की थी।

कोरोना की ‘नेजल वैक्सीन’ भी जल्द ही प्राप्त होगी

corona-vaccination‘कोवैक्सीन’ का निर्माण करनेवाली ‘भारत बायोटेक’ कंपनी ने, नाक से देनेवाली कोरोना की वैक्सीन विकसित की है। इस ‘नेजल वैक्सीन’ का परीक्षण अगले हफ्ते से शुरू होगा, ऐसा वृत्त है। चेन्नई, हैद्राबाद, नागपूर और पटना में इस वैक्सीन का परीक्षण किया जाएगा। इससे संबंधित प्रस्ताव भारत बायोटेक ने ‘ड्रग्ज कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया’ (डीसीजीआय) को दिया होने का वृत्त है।

भारत बायोटेक ने कोरोना के ‘नेजल वैक्सीन’ के पहले और दूसरे चरण के परीक्षण करने की अनुमति माँगी है। भारत बायोटेक ने वॉशिंग्टन युनिव्हर्सिटी के साथ अनुसंधान करके इस वैक्सीन का निर्माण किया होने की बात कही जा रही है। खास बात यह है कि इस वैक्सीन का मात्र एक ही डोस रहेगा। इसके एक ही डोस से नागरिकों को कोरोना से सुरक्षा मिलेगी। फिलहाल ‘इंजेक्शन’ के ज़रिये दिए जा रहें टीके के दो डोस लगाने पड़ते हैं। ‘नेजल वैक्सीन’ उपलब्ध होने पर इंजेक्शन से राहत मिलेगी।

इसी बीच, भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ के तीसरें चरण का परीक्षण पूरा हुआ है। इस परीक्षण के दौरान २५,८०० कार्यकर्ता शामिल हुए थे। भारत में कोरोना की वैक्सीन के ‘क्लिनिकल ट्रायल’ में शामिल हुए लोगों की यह सबसे बड़ी संख्या साबित होती है। इन परीक्षणों के दौरान ‘कोवैक्सीन’ कोरोना के विरोध में काफी प्रभावी साबित हुई है। साथ ही यह वैक्सीन, ब्रिटेन में पाये गए कोरोना के ‘स्ट्रेन’ पर भी प्रभावी साबित होने की बात परीक्षणों से स्पष्ट हुई है, ऐसा दावा कंपनी ने किया है। इस वजह से यह काफी बड़ी सफलता समझी जा रही है। तीसरें चरण का परीक्षण शुरू होते समय केंद्र सरकार ने ‘कोवैक्सीन’ का इस्तेमाल करने के लिए अनुमति प्रदान की थी।

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