पाकिस्तान और चीन की सरहद पर होगी ‘आयबीजी’ की तैनाती – भारतीय सेनाप्रमुख की चेतावनी

नई दिल्ली – पाकिस्तानी वायुसेना के लड़ाकू ‘एफ-१६’ और ‘जेएफ-१७’ विमान भारतीय सीमा के नज़दिकी क्षेत्र में गश्‍त कर रहे हैं। इसी दौरान भारत के सिक्किम की सीमा में चिनी सैनिकों ने घुसपैंठ करने की कोशिश की है। ये दोनों घटनाएँ एक ही समय पर होना यानी महज़ एक संयोग न होकर, पाकिस्तान और चीन की भारतविरोधी रणनीति का ही हिस्सा होने की बात कुछ विश्‍लेषक कह रहे हैं। पाकिस्तान के कब्ज़े से गिलगित-बाल्टिस्तान समेत ‘पीओके’ को हासिल करने की तैयारी भारत ने शुरू करने से, इन दोनों देशों ने भारत की सीमा के नज़दिकी क्षेत्र में ये गतिविधियाँ शुरू की हैं, इस ओर सामरिक विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहें हैं। लेकिन, भारत के सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पाकिस्तान और चीन की सीमा पर ‘इंटिग्रेटेड बॅटल ग्रुप्स’ (आयबीजी) की तैनाती करने की तैयारी पूरी होने की बात कहकर इन दोनों पड़ोसी देशों को क़रारा संदेश दिया है।

बदलते दौर की युद्धनीति के अनुसार भारतीय सेना ने ‘इंटिग्रेटेड बॅटल ग्रुप्स’ का निर्माण किया है। ‘आयबीजी’ के एक बेड़े में करीबन पाँच हज़ार सैनिक होते हैं। साथ ही, इसमें लंबी दूरी कीं तोंपें, टैंक, हवाई सुरक्षा यंत्रणा एवं रक्षासामग्री तथा अन्य ज़रूरी सामान की यातायात करने के लिए स्वतंत्र व्यवस्था भी हैं। इन ग्रुप्स् की तैनाती करने की निर्णयप्रक्रिया भी, सेना की पारम्परिक पद्धती से काफ़ी अलग होने की बात कही जाती हैं। वर्तमान दौर में युद्ध की बदलती नीति और चेहरा देखें, तो इस तरह के ‘आयबीजी’ की ज़रूरत होने का दावा काफ़ी पहले से किया जा रहा था। खास तौर पर पाकिस्तान और चीन जैसे देशों से भारत को दी जा रहीं चुनौतियों की पृष्ठभूमि पर ‘आयबीजी’ का निर्माण किया गया है।

पाकिस्तानी वायुसेना के विमान भारतीय हवाई सरहद से नज़दिकी क्षेत्र में गश्‍त करने की खबर हाल ही में प्रकाशित हुई है। उसी प्रकार, सिक्किम की सीमा पर घुसपैंठ की कोशिश कर रहें चिनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की झड़प होने की खबर भी रविवार के दिन जारी हुई थी। इस टकराव के दौरान दोनों देशों के सैनिक घायल हुए थे। इन दोनों हरकतों के माध्यम से, पाकिस्तान और चीन भारत को धमकाने की कोशिश करते दिख रहें हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान और पीओके के मुद्दे को लेकर भारत ने अपनाई आक्रामक भूमिका, इन देशों की इन हरकतों के लिए ज़िम्मेदार होने का दावा विश्‍लेषक कर रहें हैं। चीन और पाकिस्तान की ‘सीपीईसी’ परियोजना गिलगित-बाल्टिस्तान से ही गुज़रती है। इस वजह से भारत ने इस क्षेत्र को लेकर अपनाई भूमिका चीन को काफ़ी ज़्यादा बेचैन करनेवाली साबित हुई है। इसी वज़ह से चीन ने सिक्किम की सीमा से घुसपैठ करने की कोशिश करके भारत पर दबाव बढाने की तैयारी की थी। लेकिन, भारतीय सैनिकों ने चीन की घुसपैंठ को दिये हुए क़रारे ज़वाब से चीन को मुँह की खानी पड़ी हैं। इस घटना के एक ही दिन में भारतीय सेनाप्रमुख ने, एक ही समय पर पाकिस्तान और चीन को कड़ा इशारा दिया दिख रहा है। पाकिस्तान और चीन की सीमा पर भारतीय सेना ‘आयबीजी’ कभी भी तैनात कर सकता हैं, इस तैनाती की तैयारी पूरी हो चुकी है, यह बात सेनाप्रमुख जनरल नरवणे ने वृत्तसंस्था को दी हुई मुलाकात के दौरान स्पष्ट की। कोरोना वायरस की महामारी फ़ैलने के कारण इस प्रक्रिया के लिए देरी हुई है, यह बात सेनाप्रमुख ने आगे कही।

पिछले वर्ष अक्तूबर महीने में अरुणाचल प्रदेश में सेना ने ‘हिमविजय’ युद्धाभ्यास किया था। इस दौरान ‘आयबीजी’ ने अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन किया था। इस वज़ह से भारतीय सेनाप्रमुख ने ‘आयबीजी’ की तैनाती के बारे में दी हुई चेतावनी बड़ी अहमियत रखती है।

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