जम्मू-कश्‍मीर के मुद्दे पर भारत ने चीन को लगाई फटकार

नई दिल्ली – संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में चीन की सहायता से जम्मू-कश्‍मीर का मुद्दा उपस्थित करने की पाकिस्तान की कोशिश दुबारा नाकाम हुई। इसी बीच चीन ने भी भारत ने जम्मू-कश्‍मीर से धारा 370 हटाने का बीते वर्ष किया निर्णय अवैध होने का बयान किया गया है। इसके बाद भारत ने चीन को जोरदार शब्दों में फटकार लगाई है। भारत के अंदरुनि मामलों में दखलअंदाज़ी करने का कोई भी अधिकर चीन को ना होने की बात भारत के विदेश मंत्रालय ने चीन को सुनाई है।

Jammu-Kashmir-UNजम्मू-कश्‍मीर से धारा 370 हटाने का और जम्मू-कश्‍मीर को केंद्रीय प्रदेश घोषित करने का अहम निर्णय केंद्र सरकार ने बीते वर्ष किया था। इसके बाद जम्मू-कश्‍मीर में आतंकी हमले करके इन हमलों को स्थानिय लोगों के निसरण का स्वरूप देकर भारत की घेराबंदी करना संभव होगा और इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपस्थित करना संभव होगा, यह उम्मीद पाकिस्तान ने रखी थी। लेकिन ऐसा कुछ भी ना होने से हताश हुए पाकिस्तान को अब पीओके भी खोना पडेगा यह ड़र सता रहा है। इसकी वजह से पाकिस्तान यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपस्थित करने के लिए कई कोशिशें कर रहा है।

इस्लामिक देशों की संगठन ‘ओआयसी’ के सदस्य देश जम्मू-कश्‍मीर के मुद्दे पर भूमिका अपनाएं, यह उम्मीद पाकिस्तान कर रहा था। लेकिन, सौदी अरब का प्रभाव होनेवाली और पाकिस्तान की सदस्यता होनेवाले इस गुट ने भारत के विरोध में भूमिका अपनाना टाल दिया और इससे पाकिस्तान बेचैन होता दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान के विदेशमंत्री शहा महमूद कुरेशी ने सीधे ‘ओआयसी’ देशों की बैठक नहीं हुई तो पाकिस्तान कश्‍मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन कर रहे इस्लामी देशों की बैठक का आयोजन करेगा, यह धमकी दी है। इस पर सौदी जैसे पुराने मित्र देशों के साथ पाकिस्तान की दूरी बढ़ने की बात दिख रही है।

कश्‍मीर मुद्दे से संबंधित हर एक कोशिश नाकाम होने पर पाकिस्तान ने फिर एक बार चीन की सहायता से संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में कश्‍मीर के मुद्दे पर चर्चा करवाने की बड़ी कोशिश की। लेकिन, इस कोशिश में दोनों देश दुबारा नाकाम हुए। सुरक्षा परिषद के स्थायि और अस्थायि देशों में चीन के अलावा पाकिस्तान को अन्य किसीका समर्थन प्राप्त नहीं हुआ। इस वजह से नकाराधिकार रखनेवाले चीन की माँग पर बैठक हुई, लेकिन यह बैठक अनौपचारिक थी। इस बैठक के कोई भी रेकार्ड नहीं रखे गए हैं या निवेदन भी जारी नहीं किया गया है। जम्मू-कश्‍मीर का मसला द्विपक्षीय है और इसके लिए सुरक्षा परिषद के समय की बरबादी करने की ज़रूरत ना होने की बात लगभग सभी देशों ने स्वीकार की है। इस वजह से पाकिस्तान दुबारा मुँह के बल गिरा।

इसके बाद भारत ने चीन को कड़े बोल सुनाए। इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी जम्मू-कश्‍मीर से धारा 370 को हटाने का भारत ने किया हुआ निर्णय अवैध होने का बयान किया था। यह बयान और पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्रसंघ में यह मुद्दा उपस्थित करने के लिए चीन ने की हुई सहायता पर भारत के विदेश मंत्रालय ने चीन की कड़ी आलोचना की है। चीन को भारत के अंदरुनि मामलों में दखलअंदाज़ी करने का कोई अधिकार ना होने की चेतावनी भारत ने स्पष्ट शब्दों में दी है। साथ ही कश्‍मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में पेश करने में लगातार प्राप्त हो रही नाकामयाबी से चीन उचित निष्कर्ष निकाले, यह सलाह भी भारत ने प्रदान की है।

लद्दाख में भारत की आक्रामक भूमिका की वजह से चीन को नामुष्की का सामना करना पड़ रहा है और इस वजह से चीन कश्‍मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के आड में शरारती गतिविधियां कर रहा है। इससे भारत को झटका देने की कोशिश चीन कर रहा है। साथ ही भारत पीओके पर कब्ज़ा करेगा, इस ड़र ने चीन को परेशान किया है और ऐसा होने पर ‘सीपीईसी’ परियोजना के लिए भी खतरा बनेगा, यह ड़र भी चीन को सता रहा है। इसी कारण कश्‍मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर का मुद्दा करवाने के लिए चीन पाकिस्तान के साथ कोशिश कर रहा है, यह बात विश्‍लेषक कर रहे है।

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