खगोलशास्त्र में अनमोल योगदान डॉ. गोविन्द स्वरूप

खगोलशास्त्र में अनमोल योगदान डॉ. गोविन्द स्वरूप

प्राचीन काल से ही हमारे देश में खगोलशास्त्र (अ‍ॅस्ट्रॉलॉजी) का अध्ययन किया जाता है। आधुनिक भारत में इस क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य करके आंतरराष्ट्रीय कीर्ति प्राप्त करनेवाले वैज्ञानिक डॉ. गोविंद स्वरूप का उल्लेख करना आवश्यक है। मूलत: खगोलशास्त्र यह कुछ पेचीदा सा विषय लगता है, फिर भी यह काफी दिलचस्प है। ग्रहगोल, तारे, नक्षत्र इनकी […]

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डॉ. होमी जहांगीर भाभा

डॉ. होमी जहांगीर भाभा

तमिलनाडू के कुंडकुलम् नामक स्थान पर एक हजार मेगावॅट क्षमता की चार परमाणु केन्द्रों के निर्माण की घोषणा कुछ वर्ष पूर्व भारतीय अणुऊर्जा महामंडल के अध्यक्ष ने की। इन चार अणु केन्द्रों सहित कुल छह अणुऊर्जा प्रकल्प में से कुल १७ अणु केन्द्रों के कारण भारत के समक्ष रहनेवाली ऊर्जा से संबंधित अनेक समस्याओं का […]

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हरितक्रांति डॉ. एम्. एस्. स्वामीनाथन्

हरितक्रांति डॉ. एम्. एस्. स्वामीनाथन्

वैज्ञानिकों ने हमारी भारतमाता को सुजलाम्-सुफलाम् बनाने के लिए अविरत प्रयास तो किए ही हैं, साथ ही सामान्य भारतवासियों के रोज़मर्रा के जीवन को सुखी एवं समृद्ध बनाने के लिए उन्होंने अपना बहुत बड़ा योगदान दिया है। डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन के समान महान संशोधनकर्ता इस देश में भूख की समस्या हमेशा के लिए दूर […]

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डॉ. राजा रामण्णा

डॉ. राजा रामण्णा

भारतीय परमाणु संशोधन क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण कार्य राजस्थान सीमाक्षेत्र के सरहदी इलाके में पोखरण नामक स्थान पर किये गये देश के प्रथम एवं सफल परमाणु विस्फोट परीक्षण के कारण सदैव स्मरणीय रहनेवाले संशोधनकर्ता हैं, डॉ. राजा रामण्णा। सन १९७४ में किए गए इस यशस्वी परमाणु परीक्षण के पश्‍चात् पोखरण में भारत की भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती […]

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डॉ. शांतिस्वरूप भटनागर (१९८४-१९५५)

डॉ. शांतिस्वरूप भटनागर (१९८४-१९५५)

‘डॉ. शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार’ यह पुरस्कार प्राप्त करनेवाले वैज्ञानिक स्वयं को धन्य मानते हैं। और इस पुरस्कार के प्रति काफी सन्तोष व्यक्त करते हुए दिखाई देते हैं। उनका मन्तव्य होता है – ‘डॉ. शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार से हम सभी संशोधनकर्ताओं (अनुसन्धानकर्ताओं) को जो सम्मान प्राप्त होता है, उससे हमें अपरंपार सन्तोष मिलता है।’ २१ फरवरी […]

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डॉ. होमी सेठना

डॉ. होमी सेठना

स्वतंत्रता के बाद के छह दशकों में भारत में जो शैक्षणिक एवं वैज्ञानिक प्रगति हुई, उसका देश के विकास पर निश्‍चित ही अच्छा परिणाम हुआ है। यह सब साध्य हुआ है, केवल भारत को केन्द्रस्थान में रखकर भारत के विकास के लिए निरंतर प्रयास करते रहनेवाले संशोधनकर्ताओं (अनुसन्धानकर्ताओं) के ही कारण। संशोधनकर्ताओं की श्रृंखला की […]

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सॅम पित्रोदा

सॅम पित्रोदा

वैज्ञानिक वर्तमानकाल में पूर्णता प्राप्त कर भविष्य की उड़ान भरते रहते हैं। यह दूरदृष्टि कुछ गिने-चुने लोगों को ही प्राप्त हुई होती है। ऐसे लोगों का द्रष्टापन यह सामान्य जनों की दृष्टि से कुछ भिन्न ही होता है। तकनीशन एवं वैज्ञानिक सॅम पित्रोदा इनके मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। इक्कीसवी सदी में […]

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डॉ. रघुनाथ अनंत माशेलकर

डॉ. रघुनाथ अनंत माशेलकर

उत्तम संगठनकर्ता, प्रशासक एवं विख्यात आंतरराष्ट्रीय खोजकर्ता स्कूल में बिना चप्पल पहने पैदल चलकर जानेवाला एक छात्र, जिसके लिए मैट्रिक की परीक्षा में बोर्ड की बुद्धिमान बच्चों की सूचि में नाम होने के बावजूद भी अधिक पढ़ पाना असंभव था। परन्तु इस कठिन परिस्थिति में हार न मानते हुए अत्यधिक परिश्रम करने से ही भारत […]

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डॉ. अनिल काकोडकर; भारतीय अणु-ऊर्जा क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण कार्य

डॉ. अनिल काकोडकर; भारतीय अणु-ऊर्जा क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण कार्य

‘भारत में अणु ऊर्जा कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र के अन्तर्गत संशोधन कार्य का तेज़ी से आगे बढना यह अत्यन्त ज़रूरी है और इससे भारत के छात्रों के मन में पश्‍चिमी देशों के प्रति आकर्षण न रहकर स्वदेश-केन्द्रित संशोधन करने में रुचि बढेगी। अणुविज्ञान एवं तकनीकी ज्ञान क्षेत्र में वैश्‍विक धरातल पर […]

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डॉ. एम्. जी. के. मेनन

डॉ. एम्. जी. के. मेनन

देश के विकास में बहुत बड़े पैमाने पर योगदान देनेवाले वैज्ञानिक देश के हर एक राज्य का कारोबार चलाने का और संपूर्ण देश की वैज्ञानिक नीति आदि निश्‍चित करने का उत्तरदायित्व उस देश की सरकार पर होता है। इसके लिए प्रागतिक विचारों के केबिनेट मंत्रिमंडल का होना ज़रूरी होता है। देश के वैज्ञानिक विकास का […]

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