डॉ. हिम्मतराव बावस्कर भाग – १

डॉ. हिम्मतराव बावस्कर  भाग – १

सच्चे संशोधकों का संशोधन कार्य कभी भी खतम नहीं होता है। जैसे गर्मी के मौसम में जमीन में पानी का स्तर कितनी भी गहराई तक जा चुका हो फिर भी वसंत ऋतु के आते ही वृक्षों में नये पल्लव फूट पड़ते हैं, बिलकुल वैसे ही प्रतिकूल परिस्थिति में भी संशोधकों का काम विकसित होते ही […]

Read More »

डॉ. कल्पना चावला

डॉ. कल्पना चावला

१९७१ में प्रथम अंतरिक्षयान प्रक्षेपित किया गया, इसके पश्चात् आनेवाले कुछ दशकों में इस क्षेत्र में बहुत अधिक प्रगति हुई है। इस तेजी से विकसित हो रहे वैज्ञानिक क्षेत्र में कल्पना चावला जैसी भारतीय वैज्ञानिक महिला ने अतुलनीय साहस भरा कार्य किया है। डॉ. कल्पना चावला संशोधक कैसे? यह एक प्रश्न किसी के भी मन […]

Read More »

डॉ. सी. एन. आर. राव (चिंतामणि नागेसा रामचंद्र राव)

डॉ. सी. एन. आर. राव (चिंतामणि नागेसा रामचंद्र राव)

अमरिका के व्हर्जिनिया प्रांत में लँगले रिसर्च सेंटर है और वहाँ पर उन्नत अंतरिक्ष तकनीकी ज्ञान के संशोधन एवं विकास से संबंधित काम चलता है। इस केन्द्र के स्वागतकक्ष में दो घोड़ों के दौड़ रहे रथ का शिल्प है। एक घोड़ा संधोशन का तो दूसरा तकनीकी ज्ञान की प्रगति को दर्शाता है। संशोधन एवं उसे […]

Read More »

डॉ. ब्रह्म प्रकाश

डॉ. ब्रह्म प्रकाश

आयझॅक न्यूटन के कहे अनुसार हर एक संशोधनकर्ता अपने से पूर्व संशोधकों के मज़बूत कंधों का सहारा लेकर ही आगे बढ़ता रहता है। आज के समय में देश के क्षेपणास्त्र, युद्ध सामग्री, रॉकेट अथवा उपग्रह के लिए आवश्यक तकनीकी ज्ञान पूरा करने के लिए अनेक संशोधकों का निर्माण करने में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले संशोधनकर्ता […]

Read More »

हरीश चंद्रा (१९२३-१९८३)

हरीश चंद्रा (१९२३-१९८३)

समय, कर्म और गति इनका हिसाब-किताब सभी के लिए अनिवार्य है। अनेकों के लिए क्लिष्ट, सिरदर्द लगनेवाला गणित का यह विषय। मातंग मुननि, बौद्धायन, कात्यायन, पाणिनि, आर्यभट, याज्ञवल्क्य, भास्कराचार्य, ब्रह्मगुप्त, वराहमिहिर, रामानुजन, ए. कृष्णास्वामी अय्यर, सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर, सत्येन्द्रनाथ बोस, श्रीराम अभ्यंकर, जयंत नारलीकर ……. इस तरह यह प्राचीन अथवा वैदिक काल से चली आ रही […]

Read More »

सत्येन्द्र बोस (१८९४-१९७४)

सत्येन्द्र बोस (१८९४-१९७४)

गणित विषय में ‘हिन्दू हायस्कूल’ (कलकत्ता) के एक विद्यार्थी को बिलकुल सौ में सौ की बजाय एक सौ दस अंक प्राप्त हुए। एक अनोखा रिकार्ड बन गया, यह बात सभी लोगों को पता चली। इस विद्यार्थी ने गणित का पेपर विभिन्न प्रकार से हल करके बताया था। इसी कारण शिक्षकों ने खुश होकर उसे अपनी […]

Read More »

प्रो. सतिश धवन (१९२०-२००२)

प्रो. सतिश धवन (१९२०-२००२)

१८ जुलाई १९८० के दिन सुबह के समय श्रीहरिकोटा के अन्तरिक्ष अड्डे (स्पेस स्टेशन) से भारत का पहला उपग्रह प्रक्षेपक वाहन (SLV) छोड़ा गया और अपोजी मोटर ने रोहिणी उपग्रह को यथायोग्य गति के साथ निश्चित किए गए कक्ष में यशस्वी रूप में प्रक्षेपित किया। उपग्रह प्रक्षेपण की यंत्रणा प्राप्त कुछ गिने-चुने देशों में भारत […]

Read More »

कृष्णमेघ कुंटे भाग – २

कृष्णमेघ कुंटे भाग – २

‘मदुमलाई जाने से पहले १९९४ के जून महीने में हम मित्रों के बीच एक निजी सभा हुई। इस सभा में सभी नौजवान ही उपस्थित थे। कोई वृक्षों से संबंधित, कोई पर्यावरण से, तो कोई सर्प-बिच्छू- सूक्ष्म जीव-जन्तुओं से, तो कोई तितलियों से संबंधित, कोई वन्यजीवों के प्रति अध्ययन करनेवाला तो कोई केवल निरीक्षण करनेवाला। सभी […]

Read More »

कृष्णमेघ कुंटे भाग – १

कृष्णमेघ कुंटे भाग – १

वास्तविक तौर पर मेरा समय व्यतीत हो रहा था, परन्तु दिमाग में कुछ चल रहा था। आस-पास कुछ कर दिखाने योग्य नज़र नहीं आ रहा था, फिर भी मन में होने वाले विश्वास की पकड़ ढीली नहीं पड़ी थी। दसवी में गणित एवं बारहवी में रसायनशास्त्र इन विषयों में मैं केवल बोर्ड की कृपा से […]

Read More »

प्रफुल्लचंद्र रॉय (१८६१-१९४४)

प्रफुल्लचंद्र रॉय (१८६१-१९४४)

विदेशी वस्तुओं पर निर्भर रहना, उनके प्रति प्रलोभन होना यह किसी भी देश के हित के लिए ठीक नहीं है। श्रमिकों का तन, ग्राहकों का मन और देश का धन इन सब के प्रति प्रयत्नपूर्वक, निपुणता से किया गया नैतिक विचार है स्वदेशी। स्वतंत्रता आंदोलन में स्वदेशी, स्वराज्य, राष्ट्रीय शिक्षा ये आचार सूत्र थे। विदेशी […]

Read More »