अफ़गानिस्तान में अमरीका की सहायता करके पाकिस्तान ने अपना भारी नुकसान किया – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की शिकायत

इस्लामाबाद – ‘अफ़गानिस्तान के युद्ध में अमरीका का साथ देकर पाकिस्तान ने अपना ही भारी नुकसान कराया। इसके बावजूद पाकिस्तान पर अमरीका विश्‍वासघात करने का आरोप लगा रही है। अफ़गानिस्तान की असफलता के लिए अमरीका पाकिस्तान को बलि का बकरा बना रही है’, ऐसी शिकायत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने की। रशिया के ‘आरटी’ नामक समाचर चैनल को दिए साक्षात्कार में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बोल रहे थे। अमरीका के ‘सीएनएन’ समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार की वजह से इम्रान खान का पाकिस्तान समेत अंतरराष्ट्रीय माध्यमों में भी मज़ाक उड़ाया जा रहा है। ऐसी स्थिति में रशियन समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में इम्रान खान ने अमरीका पर नए आरोप लगाए।

Afghanistan-Pakistan-Imran-Khan अफ़गानिस्तान के युद्ध के लिए अमरीका की सहायता करने का निर्णय करके पाकिस्तान ने काफी बड़ी भूल की, यह दावा प्रधानमंत्री इम्रान खान ने किया। सोवियत रशिया के अफ़गानिस्तान पर हमले का विरोध करने के लिए अमरीका का साथ देकर पाकिस्तानी सेना ने मुजाहिद्दीन को तैयार किया और उन्हें प्रशिक्षित किया। लेकिन, ९/११ के हमले के बाद अमरीका ने अफ़गानिस्तान पर हमला किया और इसके लिए साथ देनेवाले पाकिस्तान ने स्वयं तैयार किए मुजाहिद्दीन को आतंकी करार दिया। इसके भयंकर परिणाम पाकिस्तान को भुगतने पड़े। इनमें से कुछ लोग पाकिस्तान के खिलाफ खड़े हुए और उन्होंने पाकिस्तानी सेना पर हमले किए, इस इतिहास की यादें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने वर्णित साक्षात्कार के दौरान ताज़ा कीं।

हमने ही प्रशिक्षित किए मुजाहिद्दीन के हमलों का पाकिस्तानी सेना को सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं बल्कि, बराक ओबामा अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष थे तब पाकिस्तान में अमरीका के ड्रोन हमले शुरू हुए। पाकिस्तान ने तकरीबन २ लाख ८० हज़ार ड्रोन हमलों को बर्दाश्‍त किया। अफ़गानिस्तान के युद्ध में अमरीका की सहायता करने की वजह से पाकिस्तान में हुए आतंकी हमलों में ८० हज़ार लोग मारे गए। इतना सबकुछ करने के बावजूद अफ़गनिस्तान की असफलता का ठिकरा पाकिस्तान के सिर फर फोड़कर अमरीका अब पाकिस्तान को बलि का बकरा बना रही है, यह अफसोस प्रधानमंत्री इम्रान खान ने व्यक्त किया।

Imran-Khan-USइसी बीच इम्रान खान ने इस साक्षात्कार के दौरान फिर से तालिबान का समर्थन किया। विश्‍व ने तालिबान की हुकूमत को स्वीकृति प्रदान करना ही एकमात्र मार्ग विश्‍व के सामने है, यह बयान इम्रान खान ने किया। अंतरराष्ट्रीय माध्यमों में इम्रान खान के यह दावे पाकिस्तान के लिए सहायक नहीं बल्कि भयंकर साबित हो रहे हैं, ऐसी चिंता पाकिस्तान के ही कुछ विश्‍लेषकों ने व्यक्त की है। अमरीका के ‘सीएनएन’ समाचार चैनल को कुछ दिन पहले दिए साक्षात्कार के दौरान इम्रान खान ने किए दावे मज़ाक का विषय बने थे। अमरीका के विदेशमंत्री ब्लिंकन को अफ़गानिस्तान की कुछ भी जानकारी ना होने का दावा करके हक्कानी यानी अफ़गानिस्तान में बसा हुआ एक समुदाय होने का दावा इम्रान खान ने किया था। अफ़गानिस्तान में हक्कानी गुट के आतंकी मौजूद हो सकते हैं, लेकिन, हक्कानी नामक समुदाय नहीं है, इस ओर अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों ने ध्यान आकर्षित किया। इस वजह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ही पड़ोसी देश की पर्याप्त जानकारी नहीं रखते, यह बात भी इससे विश्‍व भर में सार्वजनिक हुई थी।

अमरीका की आलोचना करने के बजाय इम्रान खान ने मुँह बंद रखा तो पाकिस्तान के लिए वह अधिक लाभदायी साबित होगा क्योंकि, इम्रान खान अपने साक्षात्कार में पाकिस्तान की समस्याएँ कम करने के बजाय बढ़ा रहे हैं, ऐसी आलोचना पाकिस्तान के पत्रकार कर रहे हैं। इनमें से कुछ पत्रकारों ने ऐसे में सीधे यह दावा भी किया कि, इम्रान खान को प्रधानमंत्री बनानेवाली पाकिस्तानी सेना को पछतावा करने की नौबत का सामना करना पड़ा है। पाकिस्तान की सेना अब अपनी यह भूल जल्द ही सुधारने की तैयारी में होने की खबर भी उन्होंने प्रदान की है।

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