‘ऑकस डील’ से नाराज़ हुए फ्रान्स ने अमरीका और ऑस्ट्रेलिया से अपने राजदूत को वापस बुलाया

पैरिस/वॉशिंग्टन/कैनबेरा – ऑस्ट्रेलिया ने अमरीका के साथ पनडुब्बियों से संबंधित समझौता करने से फ्रान्स बड़ा आहत होने की बात सामने आ रही है। शुकवार के दिन फ्रान्स ने इसी समझौते के मुद्दे पर अमरीका और ऑस्ट्रेलिया से अपने राजदूतों को वापस बुलाने का निर्णय किया। अमरीका और ऑस्ट्रेलिया के निर्णय बड़े गंभीर होने से राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन को यह सख्त निर्णय करना पड़ा, यह बात फ्रेंच विदेशमंत्री ने स्पष्ट की। अमरीका और ऑस्ट्रेलिया दोनों ने इस निर्णय पर अफसोस जताया है और फ्रान्स के अहम भागीदार होने का खुलासा भी किया है।

राजदूत को वापस बुलाया‘फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष की सूचना के अनुसार अमरीका और ऑस्ट्रेलिया से फ्रेंच राजदूतों को तुरंत वापस बुलाया जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया और अमरीका के १५ सितंबर के दिन के ऐलान बड़े गंभीर हैं और इसी उपलब्धि पर यह अपवादात्मक निर्णय किया गया है। परमाणु पनडुब्बी से संबंधित ऑस्ट्रेलिया और फ्रान्स के बीच समझौता रद करना और अमरीका के साथ परमाणु पनडुब्बियों के लिए भागीदारी करना, यह दोनों बाते मित्रदेश एवं भागीदारों के अस्वीकारार्ह बर्ताव का हिस्सा साबित होती हैं। इसका यूरोप को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की अहमियत और इस क्षेत्र में मौजूद फ्रान्स के गठबंधन एवं भागीदारी पर सीधा असर पड़ सकता है’, ऐसे आक्रामक शब्दों में फ्रेंच विदेशमंत्री जीन य्वेस-द्रिआन ने इस निर्णय की जानकारी साझा की।

राजदूत को वापस बुलायाफ्रान्स के इस निर्णय पर अमरीका और ऑस्ट्रेलिया की प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। ‘फ्रान्स अमरीका का अहम भागीदार और पुराने सहयोगीयों में से एक है। फ्रान्स के और हमारे ताल्लुकात बड़े अनमोल हैं। समझौते के मुद्दे पर फ्रान्स के साथ उच्च स्तरीय बातचीत की जाएगी’, ऐसा विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राईस ने कहा। अमरीका और फ्रान्स के रक्षामंत्रियों के बीच इस मुद्दे पर प्राथमिक बातचीत होने की जानकारी अमरिकी रक्षाविभाग ने साझा की है।

राजदूत को वापस बुलाने के फ्रान्स ने किए निर्णय पर ऑस्ट्रेलिया ने अफसोस जताया है। फ्रान्स के ताल्लुकात हमारे लिए अहम हैं और अलग-अलग मुद्दों पर फ्रान्स के साथ सहयोग आगे भी जारी रहेंगे, यह प्रतिक्रिया ऑस्ट्रेलिया के प्रवक्ता ने बयान की है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने अपने बयान में कहा कि, पनडुब्बियों से संबंधित समझौता रद हो सकता है, इसके संकेत फ्रान्स को दिए थे। जून में फ्रेंच के राष्ट्राध्यक्ष के साथ हुई बैठक में बोलते समय राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों के नज़रिये से ऑस्ट्रेलिया अलग निर्णय कर सकती है, यह इशारा देने का दावा मॉरिसन ने किया।

फ्रान्स और ऑस्ट्रेलिया के समझौते के अनुसार फ्रान्स ऑस्ट्रेलिया को १२ परंपरागत ‘अटैक सबमरिन्स’ की आपूर्ति करनेवाला था। यह समझौता तकरीबन ५० अरब डॉलर्स का था। इस समझौते के लिए दो अरब डॉलर्स का निवेश होने की जानकारी भी सामने आयी थी।

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