ब्रिटेन ने किया ‘हुवेई’ कंपनी पर पाबंदी लगाने का ऐलान

लंदन – ब्रिटेन सरकार ने चीन की हुवेई कंपनी पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन की अध्यक्षता में हुई ‘नैशनल सिक्युरिटी कौन्सिल’ की बैठक में यह निर्णय किया गया। अमरीका ने लगाए प्रतिबंधों के कारण, हुवेई द्वारा ब्रिटेन में विकसित हो रहे नेटवर्क की सुरक्षा की गारंटी देना संभव नहीं होगा और इसी वजह से यह पाबंदी लगाना आवश्‍यक बनता है, इन शब्दों में ब्रिटेन के मंत्री ऑलिव्हर डाउडन ने संसद में हुवेई पर लगाई पाबंदी का समर्थन किया। ब्रिटेन ने हुवेई पर लगाई पाबंदी का अमरीका ने स्वागत किया है। उसी समय, चीन ने ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार का समझौता होने की संभावना ठुकराकर, ब्रिटीश कंपनियों को चीन में प्रदान किए जानेवाले अवसरों के मुद्दों पर पुनर्विचार करने की धमकी दी है।

Britain-Huaweiपिछले हफ़्ते में ब्रिटीश गुप्तचर यंत्रणा ‘जीसीएचक्यू’ के ‘नैशनल सायबर सिक्युरिटी सेंटर’ ने हुवेई के मुद्दे पर एक रिपोर्ट सरकार के सामने रखी थी। उसी में, अमरीका ने चीन की हुवेई कंपनी पर लगाए प्रतिबंधों की वजह से, ब्रिटेन में भी इस कंपनी के उत्पादों की सुरक्षा से संबंधित गारंटी देना मुमकिन नहीं है, यह चेतावनी ब्रिटीश गुप्तचर यंत्रणा ने दी थी। इस पृष्ठभूमि पर, मंगलवार के दिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन की अध्यक्षता में ‘नैशनल सिक्युरिटी कौन्सिल’ की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में, ब्रिटीश गुप्तचर यंत्रणा की रिपोर्ट स्वीकार करके हुवेई पर पाबंदी लगाने का निर्णय किया गया है। ब्रिटेन के मंत्री ऑलिव्हर डाउडन ने संसद में इस निर्णय की जानकारी प्रदान की।

‘५-जी’ तकनीक ब्रिटेन का चेहरामुहरा बदलनेवाली साबित होगी। लेकिन इसके लिए, इस तकनीक की नींव सबित होनेवालीं बुनियादी सुविधाओं की सुरक्षा और उनपर का भरोस अहम है। इसी वजह से अमरीका ने हुवेई पर लगाए प्रतिबंध और ब्रिटेन के सायबर विशेषज्ञों ने दी हुई सलाह को मद्देनज़र रखते हुए, सरकार ने ‘५-जी’ तकनीक के लिए हुवेई पर पाबंदी लगाने का निर्णय किया है। जनवरी २०२१ से हुवेई के किसी भी उपकरण की खरीद नहीं की जायेगी और सन २०२७ के अन्त तक ब्रिटेन का पूरा ‘५-जी’ नेटवर्क हुवेई से मुक्त होगा। साथ ही, ब्रिटन में पूरी दूरसंचार यंत्रणा की सुरक्षा के लिए नया विधेयक भी रखा जाएगा, यह जानकारी डाउडन ने प्रदान की। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने, इस वर्ष की शुरुआत में ही, ब्रिटेन में ‘५-जी’ तकनीक का निर्माण करने के लिए ‘हुवेई’ कंपनी को अनुमति प्रदान करने का निर्णय किया था। जॉन्सन के इस निर्णय की, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और अन्य नेताओं ने ज़ोरदार आलोचना की थी।

ब्रिटेन ने हुवेई पर पाबंदी लगाने का निर्णय करना, चीन के लिए बड़ा झटका साबित हुआ है और इसपर तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। ‘किसी भी प्रकार के सबूत ना होनवाले खतरों को आधार लेकर, सिर्फ अमरीका से सहयोग करने के उद्देश्‍य से पाबंदी का यह निर्णय करके, ब्रिटेन ने चीन को दिए वचनों का भंग किया है’, यह आरोप चीन के विदेश विभाग की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने किया। ब्रिटेन में चिनी कंपनियों के हितसंबध सुरक्षित रखने के लिए जल्द ही उचित निर्णय करने की चेतावनी भी चुनयिंग ने दी। वहीं, चीन के प्रवक्ता झाओ लिजिअन ने यह बयान किया है कि चीन के साथ व्यापारी समझौता करने के मुद्दे पर ब्रिटेन अब कोई भी उम्मीद ना रखें। ब्रिटीश कंपनियों को इसके आगे चीन में अच्छा माहौल और उचित अवसर प्राप्त होगा या नहीं, इसकी गारंटी देना संभव नहीं है, इन शब्दों में, हुवेई से संबंधित किए निर्णय के परिणाम ब्रिटीश कंपनियों को भुगतने होंगे, ऐसी धमकी भी लिजिअन ने दी है। ब्रिटेन में नियुक्त चीन के राजदूत ने भी, हुवेई के निर्णय के दूरगामी परिणाम ब्रिटेन-चीन संबंधों पर होंगे, ऐसी तीव्र नाराज़गी व्यक्त की है।

Britain-Huaweiअमरीका ने ब्रिटेन के इस निर्णय का स्वागत किया होकर, हुवेई यह सुरक्षा के लिए खतरा होने की बात कई देश मान रहे हैं, यही बात इस निर्णय से दिखाई दे रही है, ऐसी प्रतिक्रिया राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने व्यक्त की। ‘हुवेई जैसी कंपनियाँ चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी के हाथों की कठपुतलियाँ हैं और उनकी नीति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का मुद्दा होने पर आंतर्राष्ट्रीय समुदाय की अब धीरे धीरे सहमति हो रही है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने किया निर्णय इसी का प्रतिबिंब साबित होता है’, इन शब्दों में अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन ने, ब्रिटेन ने किए निर्णय की सराहना की। ब्रिटेन ने यह निर्णय करने से पहले अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ने भी हुवेई पर प्रतिबंध लगाए हैं। साथ ही, फ्रान्स, जर्मनी, कनाडा और भारत जैसें प्रमुख देशों ने हुवेई पर पाबंदी लगाने के संकेत दिए हैं।

चीन की ‘हुवेई’ कंपनी ‘५-जी’ तंत्रज्ञान के क्षेत्र में फिलहाल शीर्ष कंपनी के तौर पर जानी जाती है। चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत और सेना से काफ़ी करीबी संबंध होनेवाली इस कंपनी ने, विश्‍व के अधिकांश प्रमुख देशों में ‘५-जी’ तकनीक का नेटवर्क विकसित करने के लिए ज़ोरदार गतिविधियाँ शुरू की हैं। लेकिन, विश्‍व के प्रमुख देश एक के बाद एक कार्रवाई करने के कारण, हुवेई समेत चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के, तंत्रज्ञान क्षेत्र में वर्चस्व स्थापित करने के ईरादें मिट्टी में मिलने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

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