इटली के तुरीन में बिल्डरबर्ग की बैठक

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

तुरीन – विश्व के सबसे प्रभावशाली माने जाने वाले बिल्डरबर्ग समूह की बैठक ७ से १० जून के दरमियान इटली के तुरीन शहर में शुरू होने वाली है। इस बैठ के लिए २३ देशों के १२८ लोग शामिल होने वाले हैं। इस बैठक में यूरोप का लोकप्रियतावाद, विषमता की चुनौती, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, कॉंटम ऑफ कॉम्प्युटिंग, सऊदी अरेबिया और ईरान जैसे विषयों पर चर्चा होने वाली है। दुनिया भर के ‘कॉन्स्पिरसी थिअरिस्ट’ की तरफ से बिल्डरबर्ग समूह का दुनिया पर नियंत्रण होने का आरोप किया जाता है। अगले वर्ष का एजेंडा निश्चित करने के लिए बिल्डरबर्ग की बैठक का आयोजन किया जाता है, ऐसा दावा ‘कॉन्स्पिरसी थिअरिस्ट’ करते आ रहे हैं।

उत्तर अमरिका और यूरोपीय देशों के बीच संवाद व्यापक करने के लिए सन १९५४ को बिल्डरबर्ग की वार्षिक बैठक का आयोजन शुरू हुआ था। इसके बाद के समय में विविध क्षेत्र पर अपना प्रभाव डालने वाले राजनीतिक नेता, विश्लेषक, मीडिया क्षेत्र के विशेषज्ञ, खोजकर्ता इस वार्षिक बैठक में शामिल होने लगे। विविध क्षेत्र के लगभग १२० से १४० मान्यवरों के सहभाग की वजह से इस बैठक का महत्व उत्तरोत्तर बढ़ता गया। अत्यंत महत्वपूर्ण विषयों पर गहराई तक चर्चा करना, यह इस बैठक का वैशिष्ट्य माना जाता है। इस वजह से हर साल होने वाली बिल्डरबर्ग बैठक की तरफ दुनिया भर की मीडिया का ध्यान लगा रहता है। इस वर्ष इटली के तुरीन शहर में यह बैठक होने वाली है और इस बैठक में शामिल होने वाले आमंत्रितों की सूचि भी घोषित की गई है।

बिल्डरबर्ग

इस सूचि में अमरिका के ज्येष्ठ मुस्तैद हेनरी किसिंजर, अमरिका के भूतपूर्व रक्षा दल प्रमुख डेव्हिड पेट्रोस का समावेश है। इस बैठक के विषयों के बारे में जानकारी भी सामने आई है और इसमें यूरोप में प्रभाव डाल रहा लोकप्रिय नीतियों का विषय महत्वपूर्ण है। वर्तमान में यूरोप में दक्षिणपंथी विचारों के राष्ट्रवादी पार्टियों को जनता ने पसंद किया है और परधर्मी शरणार्थियों को विरोध करने वाले नेताओं को यूरोप में बड़ा प्रतिसाद मिल रहा है। इस विषय पर बैठक में चर्चा होने वाली है। इसीके साथ ही विषमता की चुनौती, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, कॉंटम ऑफ कॉम्प्युटिंग, सऊदी अरेबिया और ईरान, रशिया, मुक्त व्यापार और ‘पोस्ट ट्रुथ वर्ल्ड’ जैसे विषयों पर बैठक में चर्चा होने वाली है।

दौरान, सन १९५४ से शुरू हुई इस बैठक में विश्व के अगले वर्ष का अजेंडा निश्चित किया जाता है, ऐसा दावा कुछ ‘कॉन्स्पिरसी थिअरिस्ट’ नियमित रूपसे करते आ रहे हैं। इसी वजह से इस बैठक की चर्चा का स्वरुप गोपनीय रखा गया जाता है, ऐसा दावा भी इन ‘कॉन्स्पिरसी थिअरिस्ट’ ने किया है। लेकिन इस बैठक में शामिल हुए लोगों की तरफ से यह सारी अफवाएं हैं कहकर इस बैठक में विधायक और रचनात्मक चर्चा की जाती है, ऐसी जानकारी दी जाती है।

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