शरणार्थियों के मुद्दे पर यूरोपीय देश अधिक आक्रामक

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ब्रुसेल्स – अफ्रीका से यूरोप में घुसने वाले शरणार्थियों की संख्या फिरसे बढने के संकेत मिल रहे हैं, ऐसे में यूरोपीय देशों ने इस मुद्दे पर अधिक आक्रामक भूमिका ली है। हंगेरी और बल्गेरिया ने शरणार्थियों के खिलाफ नए कानून संमत किए हैं और इटली ने यूरोपीय महासंघ के नियम को ठुकराने की धमकी दी है।इस वजह से पिछले महीने में हुई बैठक के बाद भी यूरोपीय महासंघ में शरणार्थियों के मुद्दे पर मतभेद कायम होने की बात स्पष्ट हुई है।

इटली में नए सरकार की स्थापना होने के बाद उसमें से अंतर्गत रक्षा मंत्री मैटियो सैल्व्हिनी ने शरणार्थियों के खिलाफ प्रखर भूमिका लेकर खलबली मचाई थी।इटली की आक्रामक नीतियों का असर यूरोपीय महासंघ के अन्य देशों पर होकर शरणार्थियों के खिलाफ असंतोष सामने आ रहा था।पिछले महीने में महासंघ की हुई बैठक में भी इसका असर दिखाई दिया था।

इस बैठक के बाद जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने यूरोप में आने वाले शरणार्थी अन्य देशों में भेजने के बारे में स्वंतन्त्र अनुबंध किए जाएँगे, ऐसा दावा किया था।लेकिन इस घोषणा के बाद कई यूरोपीय देशों ने ऐसे अनुबंध नहीं किए जाने वाले हैं ऐसा कहते हुए मर्केल के दावे को झूठा साबित किया था।उसके बाद शरणार्थियों के मुद्दे पर उपाय ढूंढने की कोशिश के समय इटली के साथ साथ अन्य यूरोपीय देशों ने इस मुद्दे पर पीछे न हटने के सपष्ट संकेत दिए हैं।

इटली के विदेश मंत्री एन्झो मिलानेसी ने यूरोपीय महासंघ को भेजे खत में, महासंघ ने शरणार्थियों के बचाव मुहीम के बारे में किए नियमों को ठुकराने की धमकी दी है। महासंघ ने समुद्री क्षेत्र में फंसे शरणार्थियों की रिहाई के लिए ‘ऑपरेशन सोफ़िया’ मुहीम शुरू की थी।इसके अंतर्गत बचाए जाने वाले सभी शरणार्थी इटली में भेजे जाएंगे, ऐसा प्रावधान था।

लेकिन इटली की नई सरकार ने इस प्रावधान को ठुकराया है और ऑपरेशन सोफ़िया के अंतर्गत रिहा होने वाले वाले शरणार्थियों को अन्य देशों में भेजने की माँग की है। इटली ने इसके पहले भी शरणार्थियों के जहाज खुलकर नकार देकर खलबली मचाई थी।इस वजह से महांसघ के जहाज भी इटली नकार सकता है, ऐसी चिंता व्यक्त की जा रही है।

इटली के बाद हंगेरी और बल्गेरिया इन देशों ने भी महासंघ को चुनौती देने की तैयारी शुरू की है।हंगेरी शरणार्थियों की सहायता करने वाले और उस बारे में प्रचार करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं पर लगभग २५ प्रतिशत कर लगाने का निर्णय लिया है।पिछले हफ्ते में ही इस सन्दर्भ में विधेयक हंगेरी की संसद में मंजूर किए गए हैं।हंगेरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने इसके पहले शरणार्थियों को रोकने वाले ‘स्टॉप सोरोस’ यह विधेयक मंजूर करके महासंघ को ठुकराया था।

हंगेरी के बाद बल्गेरिया ने शरणार्थियों के खिलाफ कानून को मान्यता दी है।उसके अनुसार महासंघ के अन्य देशों की तरफ से शरणार्थियों को लेने के मामले में किसी भी प्रकार का अनुबंध करने के लिए सरकार पर पाबन्दी लगाई गई है।शरणार्थियों के समूहों को रोकन एक एली यह कानून किए जाने की जानकारी बल्गेरियन सरकार ने दी है।

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