शरणार्थियों की समस्या पर यूरोप में तीव्र मतभेद

इटली और हंगेरी की तरफ से फ़्रांस के साथ साथ महासंघ को अंतिम चेतावनी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

रोम/ब्रुसेल्स – यूरोपीय महासंघ की तरफ से शरणार्थियों के बारे में लागू की जाने वाली नीति बदलने के लिए इटली और हंगेरी एक हुए हैं और इन देशों ने यूरोपीय महासंघ और फ़्रांस को अंतिम चेतावनी दी है। फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष अवैध शरणार्थियों का स्वागत कर रहे हैं और उनकी इच्छा है तो वह इटली के साथ की सीमा को खोलकर इटली के शरणार्थियों को भी स्वीकार करें, ऐसी माँग इटली और हंगेरी ने की है। उसी समय गुरुवार को महासंघ की होने वाली बैठक में इटली ने शरणार्थियों के मुद्दे को आक्रामक रूपसे उपस्थित करने के संकेत दिए हैं और अर्थ सहायता के मुद्दे पर नकाराधिकार इस्तेमाल करने की धमकी दी है।

पिछले कुछ महीनों में लीबिया से यूरोपीय देशों में घुसने वाले शरणार्थियों का मुद्दा बिगड़ गया है। इटली सरकार ने इस मुद्दे पर आक्रामक भूमिका लेकर शरणार्थियों को रिहा करने वाली स्वयंसेवी संस्थाएं और महासंघ के सभी जहाजों पर बंदी लगाई है। उसी समय इटली के जहाजों से उतारे गए शरणार्थियों को वापस लीबिया भेजकर खलबली मचादी है। इटली की इस आक्रामकता की वजह से शरणार्थियों की समस्या फिरसे सामने आई है और महासंघ में दरार पड़ने के संकेत मिल रहे हैं।

गुरुवार को महासंघ के सदस्य देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्रियों की विषेश बैठक हुई। इस बैठक की पृष्ठभूमि पर इटली ने आक्रामक भूमिका लेते हुए हंगेरी और झेक रिपब्लिक के साथ हाथ मिलाया है। इटली के प्रधानमंत्री गिसेप काँटे ने झेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री एन्द्रेज बैबिस से मुलाकात करके शरणार्थियों के मुद्दे पर महासंघ में समान भूमिका लेने के बारे में चर्चा की। उसी समय शरणार्थियों के मुद्दे पर शुरुवात से ही कठोर भूमिका लेने वाले हंगेरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने मंगलवार को इटली के अंतर्गत रक्षा मंत्री मैटियो सैल्व्हिनी से मुलाकात की।

ऑर्बन और सैल्व्हिनी ने महासंघ में शरणार्थियों के समूहों के खिलाफ एकत्रित भूमिका लेने पर एकमत दर्शाते हुए महासंघ की नीति और फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष की भूमिका पर कठोर आलोचना की। ‘फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युअल मैक्रॉन देश में अवैध शरणार्थियों का स्वागत कर रहे हैं। वह शरणार्थियों के समूहों का समर्थन करने वाले यूरोपीय मोर्चे का नेतृत्व कर रहे हैं। दूसरी तरफ हंगेरी और इटली जैसे देश अवैध शरणार्थियों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं’, ऐसा ऑर्बन ने कहा है। उन्होंने इटली ने समुद्री रास्ते से आने वाले अवैध शरणार्थियों को रोकने पर प्रशंसा भी की है।

इटली के अंतर्गत रक्षा मंत्री सैल्व्हिनी ने भी फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष को निशाना बनाया है। ‘इटली ने शरणार्थियों के मुद्दे पर जब सहायता मांगी तब फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने कुछ भी नहीं किया। हमें हमारी सीमाओं को सुरक्षित रखना है। उसके लिए शरणार्थियों के लिए मददगार साबित होंगी ऐसी नीतियां लागू करने वाले मैक्रॉन और जॉर्ज सोरस के साथ हम संघर्ष करेंगे’, ऐसी सैल्व्हिनी ने चेतावनी दी है।

इटली के उपप्रधानमंत्री लुइगो डि मेओ ने भी शरणार्थियों के मुद्दे पर आक्रामक भूमिका ली है और महासंघ के बजेट पर नकाराधिकार इस्तेमाल करेंगे, ऐसी चेतावनी दी है। इसके पहले इटली ने यूरोपीय महासंघ की तरफ से लागू किए जाने वाले ‘ऑपरेशन सोफिया’ इस मुहीम के खिलाफ भी अन्तिम चेतावनी दी थी। इटली की इस भूमिका की वजह से गुरुवार को होने वाली महासंघ की बैठक में भी शरणार्थियों का मुद्दा प्रमुख होगा, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

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