इटली में आने वाले शरणार्थी मतलब नए गुलाम – इटली के राष्ट्राध्यक्ष सर्जिओ मातारेला

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रोम – इटली में दाखिल होने वाले शरणार्थी गुलामी की नई पद्धति का शिकार हो रहे हैं, ऐसा सनसनीखेज दावा इटली के राष्ट्राध्यक्ष ने किया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के ‘वर्ल्ड डे अगेंस्ट ह्युमन ट्रैफिकिंग’ की पृष्ठभूमि पर हुए एक कार्यक्रम में राष्ट्राध्यक्ष सर्जिओ मातारेला ने इटली ने इस गुलामी की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, ऐसे चेतावनी भी दी है। इटली के राष्ट्राध्यक्ष शरणार्थियों के मुद्दे पर गंभीर वक्तव्य कर रहे हैं, ऐसे में एक इटालियन जहाज ने १०० लीबियन शरणार्थियों को समुद्र से वापस लीबिया में भेजने की घटना सामने आई है।

‘’गुलामी यह इंसानियत को लगा हुआ सबसे बड़ा कलंक है। ‘वर्ल्ड डे अगेंस्ट ह्युमन ट्रैफिकिंग’ के मौके पर हम सब एक होकर सभी प्रकार की गुलामी की, फिर चाहे वह नई हो या पुरानी हो, उसकी निर्भत्सना करनी चाहिए और उसके खिलाफ संघर्ष करना चाहिए। शरणार्थियों के समूह यह आधुनिक गुलामी के लिए उपजाऊ जमीं साबित हो रही है’’, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष मातारेला ने शरणार्थियों के माध्यम से गुलामी को प्रोत्साहन मिलने की बात की तरफ ध्यान आकर्षित किया है।

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युद्ध, अस्थिरता और गरीबी की वजह से हजारो शरणार्थी अपनी जान जोखिम में डालकर खतरनाक रास्ते से दाखिल हो रहे हैं और मानवी तस्करी करने वाले लोग बहुत ही लज्जास्पद तरीके से उसका गलत फायदा उठा रहे हैं, ऐसा आरोप भी मातारेला ने किया है। ‘इन शरणार्थियों को इसके आगे विविध रास्तों से जुलुम-जबरदस्ती का समावेश वाले भविष्य की तरफ धकेला जा रहा है। उसमें दासत्व, अवैध तरीके से गोद लेना, अवयवों का व्यापार संयुक्त अपराधिक टोलियों की तरफ से होने वाला इस्तेमाल और लैंगिक शोषण जैसी चीजों का समावेश है’, इन शब्दों में मातारेला ने आधुनिक गुलामी का एहसास कराके दिया है।

मानवी तस्करी और गुलामी का परस्पर संबंध बताते हुए मातारेला ने यह समाज के लिए प्लेग की बीमारी की महामारी होने का दावा किया है। कुछ दिनों पहले, पूरी दुनिया मानवी तस्करी के खिलाफ आवाज उठाए, ऐसा आवाहन ख्रिस्त धर्मियों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने किया था। उसी समय मानवी तस्करी की वजह से पुरुष, महिला और बच्चों को गुलामी में धकेला जाता है, ऐसा भी कहा था। मातारेला ने इसी समस्या की ओर ध्यान खींचा है और इसकी भयानकता का एहसास भी कराया है।

दौरान, इटली की तरफ से शरणार्थियों को इटली में प्रवेश करने के लिए रोके जाने की घटनाएँ सामने आ रही हैं। ऐसे में इटली के एक जहाज ने १०० से अधिक शरणार्थियों को सीधे लीबिया में वापस भेजने की जानकारी सामने आई है। इटली के ‘एस्सो वेन्तोतो’ इस जहाज ने लीबिया से लगभग ६० मील दूरी पर १०८ शरणार्थियों को कब्जे में लिया था। उसके बाद इटली के तटरक्षक बल की तरफ से मिली सुचना के अनुसार इन शरणार्थियों को वापस लीबिया के त्रिपोली बंदरगाह में छोड़ा गया है।

इटली ने लिए इस फैसले पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर से तीव्र प्रतिक्रिया आई है। पिछले दशक भर में इस तरह से शरणार्थियों को परस्पर मातृभूमि भेजने की यह पहली घटना है। इसके द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय कानून का भंग होने का दावा संयुक्त राष्ट्रसंघ और अन्य स्वयंसेवी संगठनों ने किया है।

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