इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की शांति के लिए ऑस्ट्रेलिया लष्करी अड्डों का आधुनिकीकरण करेगी

indo-pacific-ausमेलबर्न – ‘इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के पड़ोसी और मित्रदेशों की सहायता के लिए ऑस्ट्रेलिया चार लष्करी अड्डों का आधुनिकीकरण कर रही है। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया ७४ करोड़ डॉलर्स का निवेश कर रही है’, ऐसा ऐलान ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने किया। साथ ही यह निवेश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की शांति के लिए है और चीन विरोधी ना होने की बात प्रधानमंत्री मॉरिसन ने स्पष्ट की। ऑस्ट्रेलिया के अंदरुनि सुरक्षा मंत्री ने कुछ घंटे पहले ही युद्ध के नगाड़ों की आवाज़ सुनाई दे रही है, ऐसा कहकर चीन के विरोध में संघर्ष का इशारा दिया था। इस पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री के इस ऐलान की ओर देखा जा रहा है।

ऑस्ट्रेलिया के नेता बीते कुछ दिनों से चीन के साथ युद्ध शुरू के संकेत दे रहे हैं। तैवान के मुद्दे पर या साउथ चायना सी के विवाद के कारण चीन के साथ संघर्ष होने की संभावना बढ़ रही है, ऐसे दावे ऑस्ट्रेलियन नेता कर रहे हैं। तभी, चीन के विध्वंसकों की ऑस्ट्रेलिया के करीब समुद्री क्षेत्र में गतिविधियाँ भी बढ़ी थीं। ऐसी स्थिति में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने बुधवार के दिन उत्तरी ओर के चार लष्करी अड्डों के आधुनिकीकरण का ऐलान किया।

indo-pacific-ausरॉबर्टसन बैरेक्स, कांगारू फ्लैट्स, माउंट बंडे और ब्रैड शॉ इन चार लष्करी अड्डों का विस्तार एवं आधुनिकीकरण किया जाएगा। इसके लिए ऑस्ट्रेलिया ७४ करोड़ डॉलर्स से अधिक राशि का निवेश कर रही है और इस क्षेत्र में अमरीका के साथ युद्धाभ्यास का आयोजन भी किया जाएगा, यह जानकारी प्रधानमंत्री मॉरिसन ने साझा की। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया अगले दशक में अपनी रक्षा तैयारी के लिए २७० अरब डॉलर्स खर्च करेगा, ऐसा मॉरिसन ने कहा।

स्वतंत्रता को अनुकूल जागतिक व्यवस्था एवं शांति और स्थिरता एवं मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए ऑस्ट्रेलिया यह निवेश कर रहा है, ऐसा प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा। साथ ही इस निवेश की वजह से ऑस्ट्रेलियन जनता के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। ऑस्ट्रेलिया का यह लष्करी निवेश किसी भी देश के विरोध में ना होने की बात प्रधानमंत्री मॉरिसन ने ड़टकर कही।

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