रशिया ने बाल्टिक देशों के राजनीतिक अफसरों को देश से बाहर निकाला

मास्को – रशिया ने लाटविया, लिथुआनिया और इस्टोनिया इन बाल्टिक देशों के साथ ही स्लोवाकिया के राजनीतिक अफसरों को देश से बाहर जाने के आदेश दिए हैं। बाल्टिक देशों ने कुछ दिन पहले की कार्रवाई पर रशिया का यह प्रत्युत्तर है। इसके अलावा रशिया ने ‘अनफ्रेन्डली’ यानी मित्र ना होनेवाले देशों की सूचि बनाई है और इस सूचि में अमरीका को पहले स्थान पर रखने का वृत्त प्रसिद्ध हुआ है। लेकिन, अभी इस सूचि पर काम जारी है और जल्द ही यह सूचि घोषित की जाएगी, ऐसा रशिया के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया।

russia-baltic-state-officersयूरोपिय महासंघ के सदस्य देश और रशिया के बीच बीते दो हफ्तों से राजनीतिक स्तर पर संघर्ष जारी है। इसकी शुरूआत चेक गणराज्य ने रशियन दूतावास के १९ राजनीतिक अफसरों को देश से बाहर निकालकर की थी। छह वर्ष पहले २०१४ में चेक गणराज्य के लष्करी गोदाम में भीषण विस्फोट हुए थे। यह एक दुर्घटना नहीं बल्कि रशियन दूतावास में काम कर रहे रशियन जासूसों ने किया हुआ हमला था, ऐसा आरोप चेक ने लगाया था। इसी वजह से रशियन दूतावास से अफसरों को देश से बाहर निकाला गया है, ऐसा चेक ने ऐलान किया था।

चेक गणराज्य की इस कार्रवाई पर जवाब देने के तौर पर रशिया ने अगले कुछ ही घंटों में मास्को स्थित चेक के २० राजनीतिक अफसरों को देश छोड़ने के आदेश दिए। इसके बाद चेक सरकार ने भी रशिया के ६३ राजनीतिक अफसरों को देश से बाहर निकालने के आदेश जारी किए थे। तभी, यूरोपिय महासंघ के अन्य सदस्य देशों ने चेक के समर्थन में रशिया की आलोचना करके इस राजनीतिक संघर्ष में कूदे।

russia-baltic-state-officersचेक समेत पोलैण्ड जैसे रशिया के साथ बैर रखनेवाले पूर्व यूरोपिय देश ने राजनीतिक अफसरों को देश से बाहर निकाला है। इसके बाद किसी समय सोवियत रशिया का हिस्सा रहे स्लोवाकिया, लाटविया, लिथुआनिया और इस्टोनिया जैसे बाल्टिक देशों ने भी रशियन राजनीतिक अफसरों को देश से बाहर निकाला है। इसके जवाब में रशिया ने बुधवार के दिन किसी समय सोवियत संघ का अंग रहे इन चारों देशों के राजदूतों को समन्स थमाकर कुल छह राजनीतिक अफसरों को देश से बाहर निकाला। चेक और रशिया के विवाद में उतरने की इन चारों देशों को ज़रूरत क्या है, ऐसा सवाल रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैवरोव ने किया है।

इस राजनीतिक संघर्ष की पृष्ठभूमि पर रशिया ने ‘अन्फ्रेन्डली’ देशों की सूचि बनाना शुरू किया है। इस सूचि में अमरीका, ब्रिटेन, चेक गणराज्य, पोलैण्ड, जॉर्जिया, युक्रैन, लिथुआनिया, लाटविया, इस्टोनिया का समावेश होने का दावा रशियन माध्यम कर रहे हैं। इसके अनुसार संबंधित देशों को अपने दूतावासों में रशियन नागरिकों का इस्तेमाल करने पर पाबंदी रहेगी, ऐसा रशियन माध्यमों का कहना है। लेकिन, इस सूचि पर अभी काम जारी होने की बात रशियन विदेशमंत्री लैवरोव ने कही। इसी बीच, इस सूचि में अमरीका का समावेश रहेगा, ऐसे संकेत रशियन सरकार ने पहले ही दिए थे।

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