चीन की घुसपैठ के खिलाफ फिलीपीन्स को जापान और ऑस्ट्रेलिया का समर्थन

मनिला – ‘साऊथ चायना सी क्षेत्र में तनाव बढ़ानेवाली किसी भी प्रकार की हरकतों को जापान का विरोध होगा’, ऐसा फिलीपीन्स में नियुक्त जापान के राजदूत ‘कोशिकवा काझुहिको’ ने डटकर कहा है। फिलीपीन्स के सागरी क्षेत्र में अपने २२० जहाज भेजकर तनाव बढ़ानेवाले चीन को सामने रखकर जापान के राजदूत ने यह चेतावनी दी है यह बात स्पष्ट है। इस कारण बेचैन हुए चीन ने, जापान यह इस क्षेत्र से बाहर का देश होने की आलोचना की। साथ ही, जापान जैसे त्रयस्थ देश ही इस क्षेत्र में अस्थिरता निर्माण कर रहे होने का दोषारोपण चीन ने किया है।

Phillipines-Chinaपिछले दो हफ्तों से चीन के २२० जहाजों ने फिलीपीन्स के सागरी क्षेत्र में घुसपैठ की है। फिलीपीन्स के ‘जुलियन फिलिप’ इस द्वीप की सीमा में वे खड़े होने का आरोप फिलीपीन्स ने कुछ दिन पहले किया था। इन जहाजों में लष्कर का प्रशिक्षण हासिल किए मिलिशिया यानी सशस्त्र बल होने का आरोप फिलीपीन्स की सरकार ने किया। पिछले हफ्ते फिलीपीन्स के लष्कर ने, इन चीनी मिलिशिया जहाजों के फोटोग्राफ्स प्रकाशित किए थे। वहीं, अब फिलीपीन्स की सागरी सीमा में चीनी जहाजों की घुसपैठ के सेटेलाइट फोटोग्राफ्स भी अन्तर्राष्ट्रीय माध्यमों के सामने आए हैं। चीनी जहाजों की इस घुसपैठ की, फिलीपीन्स में नियुक्त जापान के राजदूत काझुहिको ने आलोचना की। ‘आन्तर्राष्ट्रीय सागरी नियमों को जापान का पूरा समर्थन है। साथ ही, स्वतंत्र, मुक्त और शांतिपूर्ण सागरी क्षेत्र के लिए जापान प्रयासशील है। उसी प्रकार, इस क्षेत्र में फिलीपीन्स के अधिकारों को जापान का पूरा समर्थन होगा, ऐसा काझुहिको ने सोशल मीडिया में स्पष्ट किया।

जापान समेत अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ने भी चीनी जहाजों की इस क्षेत्र में की हुई घुसपैठ की आलोचना की। ‘अन्य देशों को उकसाने के लिए और धमकाने के लिए चीन हमेशा ही मिलिशिया जहाजों का इस्तेमाल करता है। इन जहाजों के कारण इस क्षेत्र की शांति और सुरक्षा खतरे में पड़ रही है’, ऐसा अमरीका से दूतावास ने कहा है।

‘सुरक्षित, मुक्त और सर्वसमावेशक इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को ऑस्ट्रेलिया का समर्थन होगा। बहुत ही महत्वपूर्ण सागरी महामार्ग होनेवाले साउथ चाइना सी में होनेवाली यातायात अन्तर्राष्ट्रीय नियमों पर आधारित हों। इस सागरी क्षेत्र में अस्थिरता निर्माण करनेवालीं ऐसी हरकतें विवाद भड़का सकतीं हैं’, ऐसी चेतावनी फिलीपीन्स में नियुक्त ऑस्ट्रेलियन राजदूत स्टिव्हन रॉबिनसन ने दी।

फिलीपीन्स स्थित चीन के दूतावास ने जापान के ऐतराज़ों को प्रत्युत्तर दिया। साऊथ चायना सी पर अधिकार होने वाला चीन इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए उत्तरदाई है। इस कारण बाहरी देश इस क्षेत्र की गतिविधियों में दखलअंदाजी करके सड़े हुए राजनीतिक दांवपेच ना अपनाएँ’, ऐसा ताना चीन के दूतावास ने मारा। साथ ही, अमरीका का अंकित बना जापान अधिक ही हीन स्तर पर जा रहा होने का दोषारोपण चीनी दूतावास ने किया।

जापान का घिनौना आचरण, इस क्षेत्र को नोचना चाहने वाले भेड़िए को आमंत्रित कर रहा है, ऐसा कहकर चीनी दूतावास ने अप्रत्यक्ष रूप में अमरीका को भी लक्ष्य किया। ये शाब्दिक मुठभेड़ें चल रहीं हैं कि तभी चीन में फिलीपीन्स के ‘स्प्रार्टले’ द्विपसमूह क्षेत्र के कृत्रिम द्वीपों पर निर्माण कार्य बढ़ाया होने की जानकारी सामने आ रही है।

Phillipines-Chinaअपने सागरी क्षेत्र में चीन के जहाजों ने की घुसपैंठ के बाद फिलीपीन्स ने अपनी सार्वभौमिकता की रक्षा के लिए नौसेना की गश्त शुरू की है। इस कारण, आनेवाले कुछ दिनों में इस क्षेत्र में संघर्ष की चिंगारी भड़क सकती है, ऐसी गहरी संभावना सामने आ रही है। यदि ऐसा हुआ, तो जापान और ऑस्ट्रेलिया ये देश फिलीपीन्स के पीछे डटकर खड़े रहेंगे, ऐसा स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। अमरीका ने भी चीन की आलोचना करके, अपना इस घुसपैठ को विरोध होगा, ऐसा संदेश दिया है।

ज्यो बायडेन अमरीका के राष्ट्राध्यक्षपद पर आने के बाद चीन बेलगाम बना होकर, म्यानमार से लेकर फिलीपीन्स तक चीन की आक्रामकता में हुई बढ़ोतरी, दुनियाभर के विश्लेषकों का गौर फरमा रही है। चीन को रोकने के लिए अमरीका के नए राष्ट्राध्यक्ष पूरी तरह असफल साबित हो रहे हैं, यह आलोचना इससे अधिक ही तीव्र हो सकती है। आज तक बायडेन का समर्थन करनेवालों को भी इसके बाद चीन के मुद्दे पर उनका बचाव करना अधिक से अधिक मुश्किल बन रहा दिखाई दे रहा है।

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