जॉर्डन में अमरिकी लष्कर को मुक्त प्रवेश

अम्मान – इसके बाद अमरीका के लष्कर को जॉर्डन में मुक्त प्रवेश दिया जायेगा। अमरीका के जवान, लड़ाकू विमान और लष्करी वाहनों के प्रवेश पर किसी भी प्रकार का बंधन नहीं होगा, ऐसा ऐलान जॉर्डन की सरकार ने किया। जनवरी महीने में अमरीका के साथ हुए रक्षा समझौते में वैसा प्रावधान किया गया था। पिछले कई महीनों की बातचीत के बाद यह समझौता सफलतापूर्वक संपन्न होने की जानकारी जॉर्डन ने दी। साथ ही, इस समझौते के कारण अपने देश की सार्वभौमिकता का उल्लंघन ना होने का दावा भी जॉर्डन की सरकार ने किया।

jordan-us-militaryजनवरी महीने में अमरीका और जॉर्डन के बीच नया रक्षा समझौता हुआ था। पिछले ही महीने जॉर्डन की सरकार ने यह समझौता, संसद के सामने प्रस्तुत न करते ही ठेंठ सम्मत किया। इस कारण जॉर्डन में इस समझौते की शर्तों के संदर्भ में उलट-पुलट चर्चाएँ ज़ोरों पर थीं। इस कारण जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमन सफादी ने माध्यमों के साथ बातचीत करते हुए इस समझौते की जानकारी सार्वजनिक की।

इस समझौते के कारण अमरीका के जवान, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर्स, लष्करी वाहन और जहाजों को जॉर्डन में खुला प्रवेश होगा। अमरिकी लष्कर शस्त्रों समेत जॉर्डन में संचार कर सकेगा। अमरिकी जवान हथियार लेकर जॉर्डन में खुलेआम विचरण कर सकते हैं। इसके अलावा यह समझौता, अमरीका को जॉर्डन में अपने हथियारों का भांडार करने की अनुमति देता है, यह भी विदेश मंत्री सफादी ने स्पष्ट किया।

जॉर्डन की संसद के चरमपंथी गुट के नेता सालेह अल-अरमौती ने इस समझौते पर ऐतराज़ जताया। साथ ही, यह समझौता जॉर्डन के कानूनों का और सार्वभौमिकता का उल्लंघन करनेवाला होने की आलोचना अरमौती ने की। लेकिन विदेश मंत्री सफादी ने यह दावा किया कि इस समझौते के कारण अथवा अमरिकी लष्कर को दिए मुक्त प्रवेश के कारण, जॉर्डन की सार्वभौमिकता का उल्लंघन नहीं हो रहा है।

पिछले कुछ दशकों से दोनों देशों में जारी होनेवाले लष्करी और रक्षा विषयक सहयोग की पृष्ठभूमि पर अमरीका के साथ यह समझौता किया होने की जानकारी सफादी ने दी। साथ ही, इस सहयोग के कारण ही अमरीका जॉर्डन को हर साल ४२ करोड़ डॉलर्स से भी अधिक मूल्य के हथियारों की सप्लाई करती है, इसकी याद भी विदेश मंत्री सफादी ने कराई। उसी प्रकार, यह समझौता अमरिकी जवानों को जॉर्डन में किसी भी प्रकार की लष्करी कार्रवाई की आज़ादी नहीं देता है, यह भी विदेश मंत्री सफादी ने स्पष्ट किया।

jordan-us-militaryफिलहाल जॉर्डन में अमरीका के तीन हज़ार से भी अधिक जवान तैनात हैं। ‘आयएस’विरोधी कार्रवाई के लिए तथा इस क्षेत्र की स्थिरता के लिए जॉर्डन ने ही अमरिकी लष्कर को तैनाती की अनुमति दी थी। इसके लिए जॉर्डन ने अमरीका को ‘मुवाफक सलती हवाई अड्डा’ उपलब्ध करा दिया है। ‘आयएस’ के खिलाफ ‘ऑपरेशन इंहेरंट रिझॉल्व’ इस लष्करी मुहिम के लिए इस हवाई अड्डे का इस्तेमाल किया गया था।

फिलहाल खाड़ी क्षेत्र में शुरू होनेवालीं गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर, अमरीका और जॉर्डन के बीच का यह सहयोग गौरतलब साबित होता है। सऊदी और युएई इन अपने सहयोगी देशों को हथियारों की सप्लाई करना अमरीका ने रोक दिया है। इस कारण अमरीका का खाड़ी क्षेत्र में प्रभाव कम होगा, ऐसी चिंता व्यक्त की जाती है। लेकिन जॉर्डन के साथ सहयोग बढ़ाकर अमरीका, खाड़ी क्षेत्र में अपना प्रभाव कायम है, यही दर्शा रही है।

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