नाटो की कार्रवाइयों के गंभीर परिणाम होंगे रशियन राष्ट्राध्यक्ष का इशारा

नाटो की कार्रवाइयों, गंभीर परिणाम, लष्करी क्षमता, व्लादिमिर पुतिन, इशारा, रशिया, अमरिकामॉस्को: ‘रशियन सीमा के पास नाटो अपनी लष्करी क्षमता बढ़ा रहा है। यह रशिया के लिए चुनौती साबित होती है। नाटो की इस कार्रवाई के गंभीर परिणाम होने ही वाले हैं’, इन कठोर शब्दों में रशिया के राष्ट्राधयक्ष व्लादिमिर पुतिन ने नाटो को फटकार लगाई है। उसी समय नाटो के इस खतरे का सामना करने के लिए रशिया सीमा पर लष्करी सज्जता बढ़ा रहा है, इस बात को भी पुतिन ने स्पष्ट किया है।

नाटो की कार्रवाइयों, गंभीर परिणाम, लष्करी क्षमता, व्लादिमिर पुतिन, इशारा, रशिया, अमरिकाशुक्रवार को रशिया के मॉस्को में सुरक्षा परिषद में बोलते समय राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने नाटो पर टीका की है। ‘रशियन सीमा के पास के क्षेत्र में नाटो अपनी क्षमता बड़ी बढ़ा रहा है। इस वजह से लष्करी और राजनीतिक अस्थिरता मचेगी। साथ ही इस वजह से तस्करी और अपराध की समस्याएँ भी बढ़ेगी’, ऐसा इशारा पुतिन ने दिया है। नाटो की इन कार्रवाइयों की वजह से रशिया के सामने की चुनौतियों में बढ़ोत्तरी होगी और इस वजह से नया संघर्ष उत्पन्न होने वाला है, ऐसा कहकर रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने नाटो की इन गतिविधियों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, ऐसा कहा है।

‘इस खतरे का सामना करने के लिए रशिया की सीमा पर सज्जता बढ़ाना आवश्यक बन गया है। सीमा इलाके के खतरों का त्वरित निराकरण करने की क्षमता विकसित करना, यही इस पर इलाज है’, ऐसा दावा करके इसकी रशिया ने तैयारी की है, ऐसे संकेत राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दिए हैं।

दौरान, रशिया ने पिछले कुछ महीनों में नाटो के सदस्य वाले अपने प्रभावक्षेत्र के पास के देशों के नजदीकी क्षेत्र में युद्धाभ्यासों का आयोजन करके, अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन किया था।

अमरिका ने परमाणु युद्ध की संभावना बढ़ाई – रशिया के विदेश मंत्री का दावा

मॉस्को: अमरिका ने परमाणुओं का इस्तेमाल करने की प्रक्रिया गतिमान की है और इस वजह से परमाणु युद्ध की संभावना बढ़ गई है, ऐसी चिंता रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लाव्हरोव्ह ने व्यक्त की है। मॉस्को में आयोजित की गई सुरक्षा विषयक परिषद में रशिया के विदेश मंत्री ने यह व्यक्त की है। कुछ दिनों पहले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने अपने मिसाइलों के हमले से कोई भी देश सुरक्षित नहीं है, ऐसा दावा किया था। उसपर अमरिका ने जवाब भी दिया था। उस पृष्ठभूमि पर रशिया के विदेश मंत्री ने व्यक्त की हुई चिंता औचित्यपूर्ण साबित होती है।

अमरिका अपना लष्करी वर्चस्व प्रस्थापित करने के लिए सत्ता का समतोल गिराने के लिए भी आगे पीछे नहीं देखने वाला, ऐसा संकेत देकर रशिया के विदेश मंत्री ने अमरिका ने इस दिशा में तैयारी भी शुरू की है, ऐसा कहा है। अमरिका को अपने पुराने बैलेस्टिक मिसाइलों की जगह नए अद्ययावत मिसाइल विकसित करना है। साथ ही परमाणुओं के इस्तेमाल के सन्दर्भ में प्रक्रिया अधिक गतिमान बनाकर अमरिका ने परमाणु युद्ध की संभावना बढाई है, ऐसा दावा रशियन विदेश मंत्री ने किया है।

अमरिका और नाटो की इन गतिविधियों की वजह से निर्माण हुई अस्थिरता की पृष्ठभूमि पर रशिया ने एकदूसरे पर विश्वास बढाने के लिए चर्चा की कोशिश की थी। लेकिन इन कोशिशों को अमरिका ने प्रतिसाद नहीं दिया, ऐसा कहकर उसपर लाव्हरोव्ह ने नाराजगी जताई है। उसी समय पश्चिमी देशों को इसके आगे अपनी दादागिरी नहीं चलेगी, इसका एहसास होना ही चाहिए, ऐसा ताना भी लाव्हरोव्ह ने मारा है।

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