अमरीका-रशिया की ‘न्यू स्टार्ट ट्रीटी’ के बाद चीन ने किया ‘ऐण्टी बैलेस्टिक मिसाइल’ का परीक्षण

बीजिंग – चीन ने ‘मिड-कोर्स ऐण्टी बैलेस्टिक’ मिसाइल का परीक्षण किया है। इस वजह से अंतरमहाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइल नष्ट करना आसान होने की जानकारी चीन के रक्षा मंत्रालय ने प्रदान की है। साथ ही यह परीक्षण किसी भी देश के खिलाफ ना होने का बयान चीन ने किया है। लेकिन, चीन इस परीक्षण का इस्तेमाल उपग्रह विरोधी मिसाइल की क्षमता बढ़ाने के लिए कर सकता है, ऐसा दावा अमरिकी माध्यम कर रहे हैं। साथ ही अमरीका और रशिया के बीच हुए ‘न्यू स्टार्ट ट्रीटी’ के बाद चीन ने यह परीक्षण किया है, इस ओर भी अमरिकी माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

new-start-treatyचीन के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने मिड-कोर्स ऐण्टी बैलेस्टिक मिसाइल के परीक्षण की जानकारी प्रसिद्ध की। चीन ने अपनी ही सीमा में इस मिसाइल यंत्रणा का परीक्षण किया और इस परीक्षण से आवश्‍यक उद्देश्‍य प्राप्त होने की बात वर्णित मुखपत्र ने कही है। रक्षात्मक मंशा से किया गया यह परीक्षण किसी भी देश को धमकाने के लिए नहीं था, यह खुलासा भी चीन कर रहा है। दो दिन पहले हुए इस परीक्षण पर अमरीका के बायडेन प्रशासन ने अभी प्रतिक्रिया दर्ज़ नहीं की है। लेकिन, अमरीका के लष्करी विश्‍लेषक एवं माध्यमों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज की है।

अमरीका और रशिया ने ‘न्यू स्टार्ट ट्रीटी’ की अवधि पांच वर्षों के लिए बढ़ाने का निर्णय करने के बाद चीन ने यह परीक्षण किया, इस ओर भी यह लष्करी विश्‍लेषक एवं माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इसी बीच, ‘मिड कोर्स ऐण्टी बैलेस्टिक मिसाइल’ यंत्रणा का परीक्षण अंतरिक्ष में स्थित अमरिकी उपग्रहों के लिए खतरा साबित हो सकता है, यह दावा अमरिकी माध्यम कर रहे हैं। क्योंकि, अंतरमहाद्विपीय मिसाइलों को नष्ट करने की क्षमता वाली इस यंत्रणा का इस्तेमाल ऐण्टी सैटेलाईट यानी उपग्रह नष्ट करने के लिए भी हो सकता है, ऐसा इन माध्यमों का कहना है।

new-start-treatyइससे पहले वर्ष २०१८ में भी चीन ने इसी तरह से ‘ऐण्टी बैलेस्टिक’ मिसाइल का परीक्षण किया था। उस समय भी चीन ने उपग्रह विरोधी मिसाइल का परीक्षण किया है, यह आरोप अमरीका ने किया था। साथ ही चीन के इन मिसाइलों से अंतरिक्ष में स्थित अमरिकी उपग्रह एवं हितसंबंधों के लिए खतरा होने की आलोचना अमरीका ने की थी। लेकिन, चीन ने ऐसे आरोप ठुकराए थे।

चीन का अपने पड़ोसी देशों के साथ लगातार तनाव बढ़ रहा है। और ऐसी स्थिति में चीन ने ऐण्टी बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण करके इन देशों को इशारा दिया गया है, ऐसा आरोप अन्य माध्यम कर रहे हैं। तुर्की की वृत्तसंस्था ने स्पष्ट रूप से चीन के इस मिसाइल परीक्षण का और लद्दाख की ‘एलएसी’ पर भारत-चीन के बीच निर्माण हुए तनाव का सीधा संबंध होने का दावा किया हैं।

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