’सर्जिकल स्ट्राईक कर भारत ने आवश्यक संदेश दिया’ : सेनाप्रमुख जनरल बिपीन रावत

नयी दिल्ली, दि. ३ : ‘ ‘पीओके’ में घुसकर भारतीय सेना ने किया हुआ ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ यानी पाकिस्तान को दिया ज़रूरी संदेश था’, ऐसा नये सेनाप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने कहा| एक समाचारवाहिनी से की बातचीत में जनरल रावत ने, इस संदर्भ में भारतीय सेना की भूमिका स्पष्ट की है| ‘अगर पडोसी देश भारत के विरोध में आतंकवाद का इस्तेमाल करता है, तो उसके खिलाफ सर्जिकल स्टाईक करने का अधिकार भारत को है’ ऐसा जनरल रावत ने कहा| साथ ही, भारतीय सेना के पास एक ही समय पर पाकिस्तान और चीन से सामना करने की ताकत है, ऐसा भी सेनाप्रमुख ने स्पष्ट किया|

सर्जिकल स्ट्राईकजम्मू-कश्मीर की नियंत्रणरेखा पर आतंकवादियों के कारनामों के जारी रहते यह सर्जिकल स्ट्राईक करने से भारत ने अपने दुश्मनों को सही संदेश दिया है| यह संदेश देना बेहद ज़रूरी था| अगर नियंत्रणरेखा के पार आतंकवादियों के अड्डें कार्यरत हैं, तो इन ठिकानों पर कारवाई करने का अधिकार भारत को है, ऐसा कहते हुए जनरल रावत ने, आनेवाले समय में भी सर्जिकल स्ट्राईक किए जा सकते है, ऐसे संकेत दिए हैं| लेकिन इस संदर्भ में निश्‍चित जानकारी न देते हुए, दुश्मन को संभ्रम में रखना बेहतर होगा, ऐसा सेनाप्रमुख ने कहा|

इस प्रकार के हमले के लिए बड़े पैमाने पर पूर्वतैयारी करके, उसकी सुनियंत्रित योजना तैयार करने की ज़रूरत होती है| साथ ही, इसके लिए गोपनीयता रखनी पडती है| यह गोपनीयता केवल मुहिम में जीत हासिल करने के लिए नहीं, बल्कि अपने जवानों की सुरक्षितता के लिए भी ज़रूरी होती है, ऐसा कहते हुए जनरल रावत ने, ‘पीओके’ में किए सर्जिकल स्ट्राईक का श्रेय, भूतपूर्व सेनाप्रमुख के साथ साथ अधिकारी और जवानों को दिया| साथ ही, भारतीय सेना के पास एक ही समय पर पाकिस्तान और चीन का मुकाबला करने की क्षमता है, ऐसा सेनाप्रमुख ने सोमवार को कहा था| इस संदर्भ में यदि देश के राजनीतिक नेतृत्व ने आदेश दिए, तो सेना के पास एक ही समय पर दोनों तरफ लड़ने की क्षमता है| लेकिन चीन के साथ संघर्ष के बजाय सहयोग की नीति अपनाने की और दोनों देशों की सीमा पर शांति बरकरार रखने के लिए सेना प्रयास कर रही है, ऐसी जानकारी जनरल रावत ने दी|

भारत और चीन आर्थिक विकास और समृद्धि के लिए एक दुसरे के साथ प्रतियोगिता कर रहे हैं| उसी समय, दोनों देशों के बीच सहयोग को भी बड़ा मौका है| संघर्ष के बजाय चीन के साथ सहयोग को अधिक अहमियत देना अच्छा होगा, ऐसा दावा सेनाप्रमुख ने किया है| मग़र पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर की नियंत्रणरेखा पर जारी गोलाबारी को लेकर जनरल रावत ने सख़्त भूमिका अपनाई थी| ज़रूरत पड़ी, तो सेना नियंत्रणरेखा पर अपना सामर्थ्य दिखाने से पीछे नहीं हटेगी, ऐसी चेतावनी जनरल रावत ने पाकिस्तान को दी है|

इसी दौरान, चीन और पाकिस्तान के बीच विकसित हो रहे सामरिक सहयोग को देखते हुए, भारतीय सेना ने एक ही समय पर पाकिस्तान और चीन के सेना के साथ संघर्ष करने की योजना तैयार रखी है| भारतीस सेना की नीति में इस को शामिल किया गया था| इसके अनुसार भारत ने चीन से सटे हुए अपने सीमावर्ती इलाकों में अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए तैयारी की है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

दो दिन पहले, निवृत्त वायुसेनाप्रमुख अरुप रहा ने, चीन से सटे सीमावर्ती इलाकों में वायुसेना देश की रक्षा के लिए अपनी सिद्धता बढा रही है, ऐसा कहा था|

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