भारत और अमरीका के विदेश मंत्रियों की चर्चा

नई दिल्ली – अमरीका अफगानिस्तान से सेना वापस लेने की तैयारी में है; ऐसे में अमरीका के विदेश मंत्री ब्लिंकन ने भारत के विदेश मंत्री जयशंकर के साथ फोन पर चर्चा की। जयशंकर ने सोशल मीडिया में इस चर्चा की जानकारी दी। संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद का प्राथमिकता क्रम और कोरोना की महामारी के कारण भारत में बनी स्वास्थ्य विषयक परिस्थिति इन पर विदेश मंत्री ब्लिंकन के साथ अपनी चर्चा हुई, ऐसा जयशंकर ने कहा है।

us-india-talks११ सितंबर को अफगानिस्तान से अपनी सारी सेना वापस बुलाई जाएगी, ऐसी घोषणा अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने की है। लेकिन इस सेनावापसी के लिए १ मई तक दी हुई मोहलत बढ़ाने के लिए तालिबान तैयार नहीं है। यह अमरीका ने किए हुए समझौते का उल्लंघन है और इसकी ज़िम्मेदारी अमरीका को लेनी ही पड़ेगी, ऐसी धमकियाँ तालिबान द्वारा दी जा रहीं हैं। उसी समय, तालिबान अफ़गानिस्तान में घनघोर संघर्ष की तैयारी करने लगा है, यह बात स्पष्ट हो रही है। इस कारण सेनावापसी से पहले अपने सैनिकों की सुरक्षा के लिए अमरीका को अफगानिस्तान में नई तैनाती करनी पड़ रही है।

इस पृष्ठभूमि पर अमरीका के विदेश मंत्री ब्लिंकन ने भारत के विदेश मंत्री के साथ चर्चा की। इस चर्चा का सारा विवरण अभी तक सार्वजनिक नहीं हुआ है। लेकिन इसमें अफगानिस्तान के मुद्दे का समावेश होने के संकेत जयशंकर ने दिए। भारत के पड़ोसी देशों के बारे में इस समय चर्चा हुई, ऐसा जयशंकर ने स्पष्ट किया। अमरीका अफगानिस्तान से कर रही सेनावापसी का मुद्दा चर्चा में है, ऐसे में भारत और अमरीका के विदेश मंत्रियों की यह चर्चा गौरतलब साबित हो रही है।

इसी बीच, इस चर्चा से पहले जयशंकर ने युएई का दौरा किया था। इस दौरे में भारत की विदेश मंत्री ने संयुक्त अरब अमिरात (युएई) के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन झायेद अल नह्यान के साथ चर्चा की। इसमें दोनों देशों के बीच सभी मोरचों पर द्विपक्षीय सहयोग व्यापक करने पर जोर दिया गया। लेकिन भारत के विदेश मंत्री जयशंकर का यह दौरा अलग ही कारण से चर्चा में है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी भी युएई के दौरे पर थे और यहाँ भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की चर्चा हो सकती है, ऐसे दावे किए जा रहे थे। दोनों देशों ने हालांकि वैसी संभावना ख़ारिज की है, फिर भी युएई के वरिष्ठ अधिकारियों ने ऐसा घोषित किया है कि युएई इस चर्चा में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है।

भारत और पाकिस्तान के बीच यह चर्चा हालांकि युएई करवा रहा होने के दावे किए जा रहे हैं, फिर भी दरअसल इसके पीछे अमरीका का बायडेन प्रशासन होने का दावा पाकिस्तान के कुछ पत्रकार कर रहे हैं। इस कारण विदेश मंत्री जयशंकर और अमरीका के विदेश मंत्री ब्लिंकन के बीच फोन पर हुई चर्चा की अहमियत अधिक ही बढ़ी है।

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