अगले छह महीनों में देश को आवश्‍यक १०० फीसदी ‘लिथियम बैटरीज’ का उत्पादन भारत में ही होगा

नई दिल्ली – ‘इलेक्ट्रिक वीहिकल्स’ यानी ‘ई-वाहनों’ के लिए आवश्‍यक १०० फीसदी ‘लिथियम बैटरीज’ का निर्माण अगले छह महीनों में भारत में ही होगा। इस बलबूते पर भारत ‘ई-वाहनों’ के निर्माण क्षेत्र में शीर्ष स्थान प्राप्त करेगा, ऐसा दावा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। एक वर्चुअल परिषद में बोलते समय केंद्रीय मंत्री गडकरी ने यह विश्‍वास व्यक्त किया। दो दिन पहले गडकरी ने रायसेना डॉयलॉग में बोलते समय विश्‍व की ‘ई-वाहनों’ का निर्माण करनेवाली ‘टेसला मोटर्स’ को जल्द से जल्द भारत में उत्पादन शुरू करने का आवाहन किया था।

केंद्र सरकार भारत में ‘ई-वाहनों’ के लिए काफी बड़ी मात्रा में बढ़ावा दे रही है। वर्ष २०३० तक भारत के सड़कों पर अधिक से अधिक ‘ई-वाहन’ दिखाई देंगे, ऐसा लक्ष्य तय किया गया है और इससे अरबों रुपयों के र्इंधन की भी बचत होगी। लेकिन, इसे मुमकिन करने के लिए देश में ‘ई-वाहनों’ के लिए आवश्‍यक ‘लिथियम बैजरीज’ का उत्पादन और इसके लिए आवश्‍यक लिथियम की सप्लाई अहम साबित होंगे। इस मोर्चे पर भारत अब तक चीन पर निर्भर था। लेकिन, भारत अब ‘लिथियम ट्रैंगल’ के तौर पर जाने जा रहे अर्जेंटिना, चिली और बोलिविया जैसे लैटिन अमरिकी देशों से लिथियम प्राप्त करने की कोशिश करने में जुटा होने की खबरें प्राप्त हुई थीं। साथ ही भारतीय वैज्ञानिकों ने लिथियम बैटरिज की तकनीक विकसित करने की खबरें भी प्राप्त हुई थीं।

इस पृष्ठभूमि पर एक वर्चुअल परिषद में बोलते समय हम वाहन कंपनियों को ‘फ्लेक्सिबल फ्यूल इंजन’ का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं और इस मुद्दे पर वाहन निर्माण करनेवाली कंपनियों से हमारी अंतिम चरण की बातचीत हुई है, यह जानकारी केंद्रीय मंत्री गडकरी ने प्रदान की। भारत ‘ई-वाहनों’ के निर्माण में बढ़त प्राप्त करने की दिशा में बढ़ रहा है। यकीनन इसके लिए कुछ अवधि आवश्‍यक होगा। लेकिन, इस क्षेत्र में भारत आनेवाले दिनों में पहले स्थान का देश बनेगा, ऐसा विश्‍वास गडकरी ने व्यक्त किया। स्वदेशी बैटरिज की तकनीक से हम इस मोर्चे पर बड़ी छलांग लगाएँगे, ऐसा दावा गडकरी ने किया।

इसके लिए भारत के पास बड़ी क्षमता है। अगले छह महीनों के दौरान भारत में आवश्‍यक १०० फीसदी ‘लिथियम बैजटीज’ का उत्पादन होगा’, ऐसा विश्‍वास व्यक्त करने के साथ ही देश में इसके लिए आवश्‍यक ‘लिथियम’ की कमी ना होने की बात केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट की।

इसके अलावा भारत ‘हायड्रोजन फ्यूल सेल’ तकनीक पर भी काम कर रहा है और आनेवाले दिनों में परंपरागत र्इंधन के स्थान पर इसका इस्तेमाल किया जाएगा। देश में हर वर्ष ८ लाख करोड़ रुपयों के र्इंधन आयात होता है। यह माँग अगले चार से पांच वर्षों के दौरान दोगुनी होगी। इसका बड़ा भार अर्थव्यवस्था को बर्दाश्‍त करना पड़ेगा। इसे ध्यान में रखें तो इस परंपरागत र्इंधन के लिए प्रभावी विकल्पों का विचार करना अहम होगा, यह बात गडकरी ने रेखांकित की।

इसी बीच केंद्रीय मंत्री गडकरी ने ‘टेसला मोटर्स’ को भारत में जल्द से जल्द वाहन निर्माण शुरू करने का आवाहन किया। एलॉन मस्क के ‘टेसला मोटर्स’ ने दो महीने पहले भारत में अपनी गाड़ियों के निर्माण के लिए कर्नाटक सरकार के साथ समझौता किया था। लेकिन, ‘टेसला मोटर्स’ ने भारत में गाड़ियों का निर्माण करने का निर्णय करते ही चीन ने इस कंपनी को रोकने के लिए इस कंपनी के खिलाफ आरोप लगाना शुरू किया। मौजूदा स्थिति में ‘टेसला मोटर्स’ ने चीन में अपना कारखाना शुरू किया है।

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