अमरीका के रक्षामंत्री भारत दौरे पर

नई दिल्ली: मंगलवार से अमरीका के रक्षामंत्री जेम्स मैटिस का भारत दौरा शुरू होकर वह भारत के रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल से मुलाकात करेंगे। अमरीका ने अफगानिस्तान मे लगभग ३००० से अधिक अतिरिक्त सेना तैनात की है। इसकी वजह से अमरीका के अफगानिस्तान विषयक नई नीति का महत्व बढ़ा है। इस पृष्ठभूमि पर रक्षामंत्री मैटिस भारत के साथ अफगानिस्तान के बारे मे महत्वपूर्ण चर्चा करेंगे, ऐसा कहा है। उसी समय भारत को एफ-१६ लड़ाकू विमान प्रदान करने का कंत्राट मिले इसके लिए अमरीका के रक्षामंत्री विशेष प्रयत्न करेंगे, ऐसी चर्चा है।

भारत दौराइस मुलाकात मे रक्षा मंत्री मैटिस भारत एवं अमरीका मे संरक्षण विषय सहयोग अधिक सक्षम करने के लिए प्रयत्न करेंगे। इस दौरे के पूर्व रक्षा मंत्री मैटिस ने पेंटागौन मे अमरीका के भारतीय राजदूत नवतेज सरना से मुलाकात की थी। उस समय अमरिकी रक्षामंत्री ने भारत के राजदूत का बाहर आकर स्वागत करने का अनूठा दृश्य देखने को मिला, ऐसा माध्यमों का कहना है। यह चर्चा अत्यंत खुले वातावरण मे होने की जानकारी नवतेज सरनाने दी है। उस समय रक्षा मंत्री मैटिस इनके भारत दौरे मे अफगानिस्तान की समस्या पर प्रमुख तौर पर चर्चा होगी, ऐसा कहा है।

अमरीका के राष्ट्रपति ने कुछ हफ्तों पहले नए अफगानिस्तान विषयक नीति घोषणा की थी। भारत अफगानिस्तान को स्थिर करने के लिए अधिक योगदान दें एवं अफगानिस्तान मे अधिक व्यापक भूमिका ले, ऐसा आवाहन अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया था। इस पृष्ठभूमि पर रक्षामंत्री मैटिस की इस मुलाकात मे अफगानिस्तान के बारे मे विशेष चर्चा होगी, एसा विश्लेषकों का कहना है।

चीन के नौदल का हिंद महासागर से प्रशांत महासागर का वर्चस्व दिखाने का प्रयत्न देखते, भारत एवं अमरीका का संयुक्त नौदल अभ्यास बढ़ाने का निर्णय लेंगे और उसकी घोषणा मैटिस के इस दौरे मे होगी, ऐसा विश्वास व्यक्त किया जा रहा है।

उसी के साथ रक्षामंत्री मैटिस भारत को एफ-१६ लड़ाकू विमान प्रदान करने के बारे मे चर्चा करने का वृत है। अमरीकाने यह विमान भारत को देने की तैयारी दिखाई थी पर पिछले दिन ३ दशकों से इस्तेमाल किए जानेवाले लड़ाकू विमान की तकनीक अब वक्त के साथ पीछे पड़ रही है। जिससे अधिक प्रगत विमान का पर्याय भारत के सामने उपलब्ध है। अमरीका के प्रस्ताव के बारे मे भारत से उत्सुकता दिखाई नहीं जा रही। ऐसा होते हुए भी अमरीका इसके लिए प्रयत्न कर रहा है और एफ-१ का निर्माण करने वाले ‘लॉकहीड मार्टिन’ने भारतीय कंपनी से इस विमान के निर्माण के लिए करार किया है। पर यह लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना मे शामिल करने का निर्णय अब तक नहीं हुआ, ऐसा खुलासा भारतने किया था।

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