युआन के पतन से चीन बेचैन; विदेशों में किये जानेवाले निवेश पर निर्बंध लगाने के चीन द्वारा संकेत

बीजिंग: अमरीका में हुए तख्तापलट की गूँज चीन की अर्थव्यवस्था में दिखने लगी है| चिनी मुद्रा युआन का पतन शुरू हो चुका है| अमरीका में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के बाद दो हफ्तों के अंदर ही युआन में ज़बरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है| फिलहाल युआन अमरिकी डॉलर की तुलना में साड़ेआठ साल के निचांकी स्तर पर है| युआन की निचले स्तर पर चल रही मार्गक्रमणा को रोकने के लिए चीन के मध्यवर्ती बैंक ने चिनी कंपनियो द्वारा विदेश में होनेवाले निवेश पर प्रतिबंध लगाने के संकेत दिये हैं|

युआनअमरीका के नये राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने लगातार चीन के खिलाफ सख्त रवैय्या अपनाया है| उन्होंने चीन द्वारा होनेवाली आयात पर टैक्स लगाने की तथा चीन को ‘करन्सी मॅनिप्युलेटर’ घोषित करने की धमकी दी है| यदि ऐसा होता है, तो अमरीका और चीन में व्यापार युद्ध भड़कने की संभावना जतायी जा रही है| इस पृष्ठभूमि पर, चीन ने भी अमरीका को खरी खरी सुनायी है| वहीं, ट्रम्प की जीत की वजह से चिनी अर्थव्यवस्था में बेचैनी-सी फैल रही होकर, युआन में भारी मात्रा में गिरावट देखने को मिल रही है|

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के चुनाव से पहले अमरीकी डॉलर की तुलना में युआन का दर ६.७७ इतना था| लेकिन पिछले दो हफ्ते में उसमें डेढ़ प्रतिशत से भी ज़्यादा गिरावट दर्ज हुई है| एक डॉलर के लिए अब ६.९१ युआन देना पड़ रहा है| इस एक साल में युआन डॉलर की तुलना में ६.२ प्रतिशत से ज़्यादा गिरा है और यह गिरावट पिछले साड़ेआठ साल में सबसे निचली स्तर पर जा पहुँची है|

युआनट्रम्प की जीत और अमरीका में ब्याजदरों के बढ़ने की संभावना, इसके कारण अमरिकी डॉलर आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और भी मज़बूत होता नज़र आ रहा है| डॉलर की इस मज़बुती का झ़टका दुनिया के सभी प्रमुख मुद्राओं को लगा दिखायी दे रहा है| चीन को भी इसके झटके लगने शुरु हो गये हैं| चीन की कई कंपनियों तथा उद्योजकों ने, युआन अमरिकी डॉलर में बदलने के लिए बड़े पैमाने पर शुरुआत की होने की जानकारी सामने आ रही है|

चीन कुछ ही महिनें पहले, आंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के अतिरिक्त चलनों में युआन को शामिल कराने में क़ामयाब हुआ था| इस मुद्राकोष में शामिल कराने से पहले, युआन की क़ीमत आंतर्राष्ट्रीय मार्केट के अनुसार नियंत्रण में रखने की शर्त रखी गयी थी और चीन ने यह शर्त मंज़ूर भी की थी| इसके कारण चीन में स्थानीय स्तर पर तथा आंतर्राष्ट्रीय स्तर के व्यवहारों के तहत भी युआन की क़ीमतों में बदलाव हो रहे हैं| चीन के मध्यवर्ती बैंक को उसपर नियंत्रण रखने के अधिकारों की क्षमता मर्यादित है| इसके कारण चीन के बैंक को युआन का मूल्य अपने अधिकार में रखने के लिए बड़े पैमाने पर डॉलर खर्च करने पड़ रहे हैं|

युआनचीन के पास अधिक विदेशी मुद्रा का भंडार बड़े पैमाने पर उपलब्ध है, ऐसा कहा जाता है| लेकिन फिलहाल हालात पहले जैसे नहीं रहे हैं| सन २०१४ में चार ट्रिलियन डॉलर पर रहनेवाला मुद्रा का भंडार, फिलहाल ३.१२ ट्रिलियन डॉलर तक नीचे गिरा है| यह पाँच सालों का नीचांक है| इस नीचांक स्तर की वजह से डॉलर मार्केट में उतरकर युआन का मूल्य नियंत्रित करने की क्षमता पर मर्यादा आयी है| इसके कारण चीन ने अब विदेश में होनेवाले निवेश पर निर्बंध लगाने के संकेत दिये हैं|

चिनी कंपनियों द्वारा विदेशों में, प्रॉपर्टी और अन्य ठेंठ संबंध न रहनेवाले क्षेत्रों में होनेवाली एक अरब डॉलर की पूँजी तथा बाहर जानेवाली पूँजी इनपर ध्यान केंद्रित किया जायेगा, ऐसा कहा जाता है| इस मामले में चीन की संसद द्वारा प्रस्ताव पारित किया जाएगा, ऐसा दावा किया जा रहा है| लेकिन इस प्रकार के निर्बंध, चीन में होनेवाले विदेशी निवेश को तथा आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रहनेवाली चीन की प्रतिमा को ठेंस पहुँचानेवाले साबित होंगे और इसका झटका चिनी अर्थव्यवस्था को लगेगा, ऐसा कहा जाता है| इस कारण, युआन चलन में हो रही गिरावट चिनी अर्थव्यवस्था को दोनो तरफ से घेरनेवाली दिखाये दे रही है|

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