९९ देशों पर सायबर हमला; रशिया और ब्रिटन का सबसे ज्यादा नुकसान

वॉशिंग्टन, दि. १३: ९९ देशों में ७५ हज़ार से ज्यादा कम्प्युटर्स को शिकस्त देकर, फिरौती ना दी, तो पूरा डेटा नष्ट करने की धमकी देने वाला आजतक का सबसे बड़ा सायबर हमला हुआ है| रशिया और ब्रिटन इन देशों को इसका सबसे ज्यादा झटका लगा दिखाई दे रहा है| भारत को भी इस हमले से परेशान करने की खबर आ रही है| अमरीका के ‘नेशनल सिक्युरिटी एजन्सी’ के ‘इटरनल ब्ल्यू’ इस कोड का ‘सायबर वेपन’ जैसा इस्तेमाल करके यह हमला किया गया| इन सायबर हमलावरों ने हर कम्प्युटर के पीछे ‘बिटकॉईन’ इस डिजीटल चलन की करीब ३०० से ६०० डॉलर फिरौती की माँग की है|

‘सायबर टेरर’ मतलब सायबर आतंकवाद के तौर पर दुनियाभर में इस हमले की तरफ देखा जाता है| करीब ९९ देशों की सरकारी एजन्सियाँ के साथ साथ बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कम्प्युटर्स में भी ‘रॅन्समवेअर’ इस व्हायरस ने घुसपैंठ की| इन देशों की एजन्सियों और कंपनियों को मेल भेजकर उसी के द्वारा इस व्हायरस की कम्प्युटर में घुसपैंठ करायी गई| उसके बाद इस व्हायरस ने कम्प्युटर में घुसकर कम्प्युटर में रही सारी जानकारी ‘ब्लॉक’ कर दी है| यदि तीन दिन में हमें बिटकॉईन इस डिजिटल चलन में ३०० से ६०० डॉलर फिरौती नहीं मिली, तो पूरा डेटा नष्ट करेंगे, ऐसी धमकी साइबर हमलावरों ने दी है|

रशिया, ब्रिटन, जर्मनी, चीन, स्पेन, पोर्तुगाल और भारत समेत करीब ९९ देशों में हुए इस हमलें में रशिया और ब्रिटन का सबसे बड़ा नुकसान होने का दावा किया जा रहा है| रशियन कंपनियों और निजी सुरक्षा मंत्रालय के कम्प्युटर का इसमें बहुत बड़ा नुकसान होने की जानकारी दी जाती है| साथ ही, ब्रिटन की आरोग्यसेवाएँ भी इस सायबर हमले की वजह से बाधित हुई हैं| यह हमला हुए ९९ में से ७० देशों में यह सायबर हमला किस मालवेअर द्वारा हुआ इसकी पहचान हुई है, ऐसा सायबर सुरक्षा देनेवालीं दो रशियन कंपनियों ने कहा है| अबतक इस सायबर हमलें की ज़िम्मेदारी का स्वीकार करने के लिए कोई भी आगे नहीं आया है, लेकिन फिर भी ‘शॅडो ब्रोकर्स’ नाम का आंतर्राष्ट्रीय हॅकर्स का गुट इसके पीछे रहने की गहरी आशंका जताई जाती है|

अमरीका के ‘नेशनल सिक्युरिटी एजन्सी’ ने आतंकवादियों के साथ ही, दुश्मन देशों से इस्तेमाल किये जानेवाले कम्प्युटर्स की जानकारी प्राप्त करने के लिए ‘इटरनल ब्ल्यू’ नाम का कोड विकसित किया था| यह कोड इस्तेमाल करके यह सायबर हमला किया गया, ऐसी जानकारी सामने आयी है| इस कोड द्वारा विंडोज् प्रणाली का इस्तेमाल करनेवाले कम्प्युटर में घुसपैंठ करना ‘रॅन्समवेअर’ व्हायरस को आसान होता है|

भारत में भी कुछ कम्प्यूटर्स इस सायबर हमले की चपेट में आये हैं| लेकिन इसके तफ़सील अभी तक सामने नहीं आये हैं|

Leave a Reply

Your email address will not be published.