तालिबानी अधिकारी और नेताओं को भारत राजनीतिक प्रशिक्षण दे रहा है

काबुल – अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत को अब भी भारत ने स्वीकृति प्रदान नहीं की है। काबुल में स्थित भारतीय दूतावास भी पूरी तरह से शुरू नहीं किया गया है। लेकिन, अफ़गानी जनता के लिए भारत ने २० हज़ार टन गेहूं भेजने का निर्णय लिया है। भारत ने पहले भी दवाईयां और अन्य ज़रूरी सामान की आपूर्ति करके अफ़गानी जनता के लिए काफी बड़ी सहायता मुहैया की थी। अब अफ़गानिस्तान में स्थित भारत के दूतावास में तालिबान के अधिकारी और नेता राजनीतिक प्रशिक्षण ले रहे हैं, ऐसी खबर मिली है।

तालिबान ने ही भारत से यह मांग की है। इससे पहले अफ़गान सेना के अधिकारियों को भारत में प्रशिक्षण पाने के लिए भेजने का ऐलान तालिबानी हुकूमत ने किया था। इस पर पाकिस्तान से तीव्र बयान सामने आए थे। अब भारत तालिबानी हुकूमत के अधिकारी और नेताओं को भी चार दिन राजनीतिक प्रशिक्षण दे रहा है। अफ़गानिस्तान में स्थित भारतीय दूतावास में यह प्रशिक्षण जारी हैं और तालिबान के कुछ नेताओं ने इसके ऑनलाईन पाठ लेने की तैयारी करने की खबरें हैं।

अमरीका की वापसी के बाद तालिबान ने अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा किया और इसके बाद अन्य देशों की तरह भारत ने भी वहां का अपना दूतावास बंद कर दिया था। लेकिन, अब अफ़गान जनता को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए भारत ने पहल की है और इसके लिए भारतीय दल अफ़गानिस्तान रवाना हुए थे। अब भारत से हमें राजनीतिक प्रशिक्षण मिले, ऐसी मांग तालिबानी हुकूमत ने की है। इसके अनुसार भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने इंडियन टेक्निकल ऐण्ड इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन (आईटीईसी) उपक्रम के तहत तालिबानी हुकूमत को प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया।

मित्रदेशों की क्षमता विकसित करने के लिए भारत के विदेश मंत्रालय ने ‘आईटीईसी’ के तहत यह उपक्रम चलाया है। इसमें तालिबानी हुकूमत के अफ़गानिस्तान का समावेश ध्यान आकर्षित कर रहा है। अफ़गानिस्तान की सत्ता हथियाने के साथ ही तालिबान ने भारत से ताल्लुकात सुधारने के लिए पहल की और पाकिस्तान को किनारे कर दिया है, ऐसी शिकायत पाकिस्तान के नेता कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में भारत से तालिबान को दिया जाने वाला प्रशिक्षण पाकिस्तान की चिंता बढ़ानेवाला मुद्दा है, ऐसा पाकिस्तानी पत्रकार कह रहे हैं।

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