दुनिया एकजूट कर चीन से ६.५ ट्रिलियन डॉलर्स का मुआवज़ा माँगें -ब्रिटन के ‘हेंरी जॅक्सन सोसायटी’ अभ्यासगुट का आवाहन

लंडन – कोरोनावायरस जैसे भयंकर संक्रमण की जानकारी दुनिया से छिपाकर रखनेवाले चीन से तक़रीबन साढ़े छ: ट्रिलियन डॉलर्स का मुआवज़ा वसूल करने के लिए सारी दुनिया एकजूट करें, ऐसी माँग ब्रिटन के ‘हेंरी जॅक्सन सोसायटी’ इस अभ्यासगुट ने की है। ब्रिटन के माध्यम और लोकप्रतिनिधि, कोरोनावायरस यह चीन का जैविकशस्त्र होने का आरोप कर रहे होकर, चीन के विरोध में अलापा जानेवाला सूर अब अधिक से अधिक आक्रमक बन रहा दिखायी दे रहा है।

कोरोनावायरस के संक्रमण से अब तक दुनियाभर में लगभग ७० हज़ार लोगों की जानें लीं हैं। इस संक्रमण के फ़ैलाव को देखते हुए आनेवाले समय में मृतकों की संख्या इससे भारी मात्रा में बढ़ेगी, ऐसी चिंता व्यक्त की जा रही है। इस संक्रमण को रोकने के लिए किये गये लॉकडाऊन के कारण वित्तव्यवहार पूरी तरह ठप पड़ गये हैं। इससे जागतिक अर्थव्यवस्था का पूरे साढ़े छ: ट्रिलियन डॉलर्स का नुकसान हुआ है। इसके लिए संपूर्णत: चीन ही ज़िम्मेदार है, ऐसा दोषारोपण ‘हेंरी जॅक्सन सोसायटी’ ने किया है।

पिछले साल के दिसम्बर महीने में ही चीन में कोरोनावायरस के २०० मामलें सामने आये थे। इसके बावजूद भी चीन ने ‘जागतिक स्वास्थ्य संगठन’ को इसके बारे में अन्धेरे में ही रखा। आंतर्राष्ट्रीय समुदाय और जागतिक स्वास्थ्य संगठन को इसके बारे में जानकारी देर से मिली होने के कारण अगले समय में उसके भयंकर परिणाम भुगतने पड़े। लेकिन चीन इस संक्रमण के बारे में जानकारी छिपाने की कोशिशें कर ही रहा था।

उलटे इस संक्रमण की जानकारी देनेवाले ली वेन्लियांग पर ही चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत ने कार्रवाई की। ऐसे देश के खिलाफ़ सारी दुनिया एकजूट करें और चीन से पूरे साढ़े छ: ट्रिलियन डॉलर्स का मुआवज़ा वसूल करें, ऐसा आवाहन ‘हेंरी जॅक्सन सोसायटी’ ने किया है।

चीन से साढ़े छ: ट्रिलियन डॉलर्स के मुआवज़े की माँग यानी चीन की अर्थव्यवस्था को रसातल में ले जाने जैसा ही है। ऐसा होने के बावजूद भी, इस जागतिक संकट के लिए चीन ही ज़िम्मेदार है, ऐसा आरोप लगाकर, इस देश से बहुत भारी मात्रा में मुआवज़े की माँग की जा रही है और उसे पुष्टि भी की जा रही है।

इन माँगों की तीव्रता बढ़ रही होकर, इस कारण चीन पर का दबाव भी बढ़ता चला जा रहा है। इन दिनों चीन अपनी आंतर्राष्ट्रीय छवि सँवारने की जानतोड़ कोशिशें कर रहा है। उसके लिए चीन कर रहे प्रयास भी अब उसी पर ही पलटते हुई दिखाये दे रहे हैं।

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