भारतीयों और इस्रायलियों के एक होने से अद्भूत घटनाएँ घटती है – इस्रायली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट

बैंगलुरू – ‘अद्भुत क्षमता वाले हमेशा चौंकानेवाली बातें करवा सकते हैं| भारत विश्‍व के बड़े देशों में से एक है और भारत की अर्थव्यवस्था और डिजिटल क्षेत्र की कुशलता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता| तो, इस्रायल अनुसंधान में आगे है| इसलिए जब भारतीय और इस्रायली एक होते हैं तब अद्भुत घटनाएँ घटती हैं’, ऐसा कहकर इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने भारत और इस्रायल के सहयोग की अहमियत स्पष्ट की| प्रधानमंत्री बेनेट जल्द ही भारत का दौरा करेंगे| फिलहाल भारतीय सेनाप्रमुख इस्रायल की यात्रा पर हैं| इस पृष्ठभूमि पर इस्रायली प्रधानमंत्री का यह बयान पूरे विश्‍व का ध्यान आकर्षित कर रहा है|

नफ्ताली बेनेट‘बंगलुरू टेक समिट-बीटीएस २०२१’ के लिए साझा किए वीडियो संदेश में इस्रायली प्रधानमंत्री ने भारत की दिल खोलकर सराहना की| ‘प्रौद्योगिकी मात्र जीवन आसान करने की क्षमता नहीं रखती बल्कि, जीवन की सुरक्षा का सामर्थ्य भी रखती है| यदि भारत और इस्रायल दोनों अपनी शक्ति और बुद्धी का बल लगाकर इस मोर्चे पर सहयोग विकसित करें तो विशाल संभावनाएं एवं असीम अवसर सामने आएँगे, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री बेनेट ने व्यक्त किया| इससे पहले भारतीय और इस्रायली नागरिकों ने मिलकर अतुलनीय बातें की हैं, इसका उदाहरण दिया जा सकता है, यह कहकर प्रधानमंत्री बेनेट ने अपने अनुभव का दाखिला दिया| हम ‘सीओटा’ नामक कंपनी चला रहे थे और कंपनी का एक भारतीय कंपनी के साथ विलयन हुआ और अमरीका के मैनहैटन में एक साथ काम करने लगे| दोनों संस्कृतियों का यह समन्वय काफी जोरदार साबित हुआ था, ऐसा प्रधानमंत्री बेनेट ने कहा|

इस अनुभव से आशावादी एवं स्मार्ट लोगों के साथ काम करने की अहमियत हमें ज्ञात हुई, ऐसा प्रधानमंत्री बेनेट ने आगे कहा| भारतीय और इस्रायली नागरिकों का साथ आना यानी रचनात्मकता, सरलता और दृढ़ता का संगम साबित होगा| इससे अतुलनीय बातें की जा सकती हैं, यह विश्‍वास इस्रायली प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया| इसी बीच भारत के सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकूंद नरवणे इस्रायल की पांच दिन यात्रा पर दाखिल हुए हैं| भारत और इस्रायल का लष्करी सहयोग नई उंचाई पर पहुँचाने के लिए उनका यह दौरा काफी प्रभावी साबित होगा, यह संकेत प्राप्त हो रहे हैं| साथ ही भारत की ‘डीआरडीओ’ और इस्रायल की ‘डीडीआरडी’ के बीच आर्टिफिशिल इंटेलिजन्स, क्वांटम तकनीक, रोबोटिक्स, ड्रोन्स, फोटोनिक्स और बायोसेन्सिंग, आदि क्षेत्रों के अनुसंधान कार्य के सहयोग के लिए समझौता हुआ| इससे भारत का रक्षा सामर्थ्य प्रचंड़ मात्रा में बढ़ेगा और भारत काफी बड़ी सैन्य सामर्थ्य रखनेवाले देश के तौर पर उभरेगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं| खास तौर पर पाकिस्तान के कुछ पत्रकार भारत और इस्रायल के इस सहयोग से खौफ में होने की बात दिखती है|

इस्रायल के प्रधानमंत्री जल्द ही भारत का दौरा कर रहे हैं| इससे दोनों देशों का हर स्तर और मोर्चे पर सहयोग बढ़ेगा, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं| भारत के साथ रणनीतिक सहयोग बढ़ाने का निर्णय इस्रायल की भूतपूर्व सरकार ने भी किया था| सत्ता परिवर्तन के बाद प्रधानमंत्री बेनेट ने भी यही नीति बरकरार रखी है और भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए इस्रायल सबसे अधिक अहमियत देने की बात दिखाई दी है| सेनाप्रमुख जनरल नरवणे की इस्रायल यात्रा का स्वागत करते हुए भारत में नियुक्त इस्रायल के राजदूत ने जनरल नरवणे की फोटो सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध की थी| इस फोटो में जनरल नरवणे के पीछे पाकिस्तानी सेना अधिकारी जनरल नियाज़ी ने वर्ष १९७१ की जंग में हारने के बाद आत्मसमर्पण करने के समझौते पर हस्ताक्षर करते समय खींची गई फोटो लगाई थी| सोशल मीडिया पर भारतीय नागरिकों ने इस्रायली राजदूत के इस संदेश का बड़ा जोरदार स्वागत किया था|

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