भारत के लष्करप्रमुख इस्रायल के दौरे पर

तेल अविव – भारत के लष्करप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे इस्रायल के दौरे पर गए हैं। उन्होंने इस्रायल के लष्करप्रमुख मेजर जनरल तामिर यादेई के साथ चर्चा की। दोनों देशों के बीच लष्करी सहयोग व्यापक करना और आतंकवादियों पर कार्यवाही को लेकर सहयोग बढ़ाना, ये मुद्दे इस चर्चा में अग्रस्थान पर थे। लष्करप्रमुख जनरल नरवणे का यह पाँच दिन का इस्रायल दौरा यानी सर्वसाधारण बात न होकर, भारत और इस्रायल का लष्करी सहयोग अलग ही ऊँचाई पर पहुँचने के संकेत इससे मिल रहे हैं, ऐसा दावा पाकिस्तान के विश्लेषक कर रहे हैं।

इस्रायल के दौरे परकुछ ही दिन पहले भारत और इस्रायल के बीच अत्याधुनिक तंत्रज्ञान पर संशोधन के बारे में सहयोग समझौता संपन्न हुआ था। इसमें आर्टिफिशल इंटेलिजन्स, क्वांटम टेक्नोलॉजी, ड्रोन्स, रोबोटिक्स, बायो सेन्सिग और ब्रेनमशिन इंटरफेस इस अति प्रगत तंत्रज्ञान पर आधारित संयुक्त संशोधन और निर्माण पर सहयोग का समावेश है। भारत की डीआरडीओ और इस्रायल की ‘डायरेक्टोरेट ऑफ डिफेन्स रिसर्च अँड डेव्हलपमेंट’ इन संस्थाओं के बीच यह समझौता हुआ है। लष्करी तंत्रज्ञान में इस्रायल यह दुनिया में सबसे अग्रसर देशों में से एक माना जाता है। इस क्षमता के कारण इस्रायल, खाड़ी क्षेत्र समेत दुनिया का बहुत बड़ा लष्करी सामर्थ्य होनेवाला देश है ऐसा कहा जाता है। अपनी इस क्षमता को लगातार बढ़ाने की आक्रामक नीति इस्रायल ने अपनाई है। अत्याधुनिक तंत्रज्ञान की प्रगती, उस पर संशोधन संशोधन इसके लिए इस्रायल भारत के साथ कर रहे सहयोग को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। क्योंकि इसका बहुत बड़ा लाभ भारत को मिलेगा, ऐसी चेतावनी पाकिस्तान के एक विश्लेषक ने दी है।

इस्रायल के साथ बनी इस सहयोग के कारण भारत को प्रगत लष्करी तंत्रज्ञान उपलब्ध होगा, इसपर गौर फरमा कर, इससे पाकिस्तान और चीन के सामने नई चुनौतियाँ खड़ी रहेंगी, ऐसा इस पाकिस्तानी विश्लेषक का कहना है। इस पृष्ठभूमि पर, जनरल नरवणे के इस्रायल दौरे का महत्व भारी मात्रा में बढ़ा हुआ दिख रहा है। इस दौरे का सारा विवरण अभी भी सार्वजनिक नहीं हुआ है। लेकिन भारत इस्रायल से अतिप्रगत ड्रोन्स तथा अन्य हथियार और रक्षा सामग्री की खरीद के लिए उत्सुक होने की खबरें इससे पहले प्रकाशित हुईं थीं।

इस कारण लष्करप्रमुख के इस दौरे में भारत और इस्रायल के बीच नए रक्षा समझौते की संभावना सामने आ रही है। पाकिस्तान समेत चीन भी भारत और इस्रायल के इस सहयोग पर नजर रखे हैं। चीन के साथ तनाव बढ़ते समय, भारतीय लष्कर ने एलएसी पर इस्रायली बनावट के ड्रोन्स का इस्तेमाल किया था। इस कारण चिनी लष्कर की गतिविधियाँ समय पर ही जानना भारतीय लष्कर के लिए संभव हुआ। चिनी लष्कर की घुसपैंठ के विरोध में समय पर ही कार्रवाई करके, उसे भारतीय सेना द्वारा करारा जवाब दिया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.