भारतीय बनावट के स्वार्म ड्रोन्स के प्रात्यक्षिक

स्वार्म ड्रोन्सझाँसी – झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में झाँसी में ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ आयोजित किया गया है। बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंग ने इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस समय रक्षा बलों के हथियारों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई होकर, यहाँ भारतीय बनावट के स्वार्म ड्रोन्स के विशेष प्रत्यक्षिक आयोजित किए गए थे। आधुनिक युद्ध में स्वार्म ड्रोन जैसे तंत्रज्ञान का प्रचंड महत्व होकर, कुछ ही दिन पहले लष्कर ने १०० स्वार्म ड्रोन्स की खरीद करने का फैसला किया होने की खबर आई थी। साथ ही, नौसेना और वायुसेना भी स्वार्म ड्रोन्स की खरीद करने की तैयारी में है। इस पृष्ठभूमि पर, झाँसी में एक ही समय पर २५ स्वार्म ड्रोन्स ने हवा में उड़ान भरी। इसके जरिए भारत ने अपने लष्करी सामर्थ्य का भी प्रदर्शन करवाया है। आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रदर्शनी की भेंट करनेवाले हैं।

स्वार्म ड्रोन्सभारतीय रक्षा बल ‘नो कॉन्टेक्ट वॉरफेअर’ के लिए सिद्ध हो रहा होकर, इसके लिए अहम साबित होनेवालीं यंत्रणाओं का सादरीकरण झाँसी में ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ के उपलक्ष्य में किया गया। साथ ही, इस समय एयर शो का भी आयोजन किया गया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंग ने यहाँ पर रखीं आधुनिक यंत्रणाएँ, टैंक्स, राइफलें तथा अन्य लष्करी तंत्रज्ञान का मुआयना किया। इस समय स्वार्म ड्रोन्स के प्रात्यक्षिक हुए। इसी साल जनवरी महीने में ‘आर्मी डे’ के उपलक्ष्य में लष्कर ने आयोजित किए संचालन में एक ही समय पर ७५ ड्रोन्स ने उड़ान भरकर थरारक प्रात्यक्षिक प्रस्तुत किए थे। दुश्मन के एयरस्ट्रिप्स, लष्करी चौकियाँ, टैंक्स इन्हें इन स्वार्म ड्रोन्स के जरिए लक्ष्य करने का अभ्यास इस उपलक्ष्य में किया गया था और सारी दुनिया का ध्यान इसकी ओर आकर्षित किया गया था। तब तक चीन दुनिया को दिखा दे रहा था कि स्वार्म ड्रोन्स तंत्रज्ञान में उसने बढ़त हासिल की है। सन २०१७ में चीन ने एक ही समय पर २०० स्वार्म ड्रोन्स ने प्रात्यक्षिक किए थे। लेकिन ‘आर्मी डे’ के उपलक्ष्य में भारत ने, इसी प्रकार की क्षमता भारत के पास भी है यह दिखा दिया था।

स्वार्म ड्रोन्सबुधवार को झाँसी में फिर एक बार भारत ने अपने इस सामर्थ्य का दर्शन करवाया। रक्षा संशोधन और विकास संस्था (डीआरडीओ) ने यह स्वार्म ड्रोन विकसित किया है। इस समय इन ड्रोन्स ने अपनी क्षमता भी दिखा दी। सोमवार को ही रक्षाबलप्रमुख बिपिन रावत ने नागपुर में एक कंपनी ने विकसित किए सुसाईड ड्रोन्स के प्रोटोटाइप का मुआयना किया था और इस समय इस सुसाइड ड्रोन के प्रात्यक्षिक भी दिखाए गए थे। उसके बाद अब झाँसी में, डीआरडीओ ने विकसित किए स्वार्म ड्रोन के प्रात्यक्षिक संपन्न हुए हैं।

स्वार्म ड्रोन्सएक दौर था जब भारत उसके लिए आवश्यक रक्षासामग्री का ६० से ७० प्रतिशत आयात करता था। लेकिन अब हालात बदले होकर, फिलहाल हम ३५ प्रतिशत रक्षासामग्री आयात कर रहे होकर, ६५ प्रतिशत सामग्री भारत में ही बनती है, इसपर इस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंग ने गौर फरमाया। हिंदुस्थान एरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी (हल) को ५० हज़ार करोड़ रुपए के ऑर्डर्स भारतीय रक्षा बलों से प्राप्त हुए हैं। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के लिए सरकार कर रहे प्रयासों के परिणाम इससे दिखाई देते हैं, इसकी ओर भी रक्षा मंत्री ने ध्यान आकर्षित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.