अमरिका सेना की तैनाती किए बिना भी ईरान का खतरा हटा सकती है – प्रसिद्ध लष्करी विश्‍लेषक का निवेदन

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – खाडी क्षेत्र में शुरू संघर्ष में ईरान को परास्त करने के लिए अमरिका ने इस क्षेत्र में सेना की तैनाती करने की जरूरत नही है| इस देश के खुफिया ठिकानों पर हमलें करके अमरिका ईरान को परेशान कर सकती है, ऐसा निवेदन अमरिका के प्रसिद्ध लष्करी विश्‍लेषक ने किया है| इसके लिए इराक में ‘सद्र’ गुट से हाथ मिलाना, येमन में हौथी बागियों के ठिकानों पर हमला करना, लेबनान में हिजबुल्लाह, गाजापट्टी में हमास और सीरिया में ईरान से जुडी संगठनों को परेशान करने के लिए इस्रायल की सहायता करना, ऐसे कई विकल्प इस विश्‍लेषक ने आगे रखे है|

पिछले हफ्ते में अमरिका में एक ख्यात समाचार पत्र ने पेंटॅगॉन और अमरिका के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी का हवाला देकर एक समाचार प्रसिद्ध किया था| ईरान के विरोध में युद्ध शुरू करने के लिए राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने खाडी क्षेत्र में कम से कम एक लाख बीस हजार सैनिक तैनात करने के आदेश जारी करने का समाचार इस पत्र ने दिया था| अगले कुछ ही घंटों में ट्रम्प ने वर्णित समाचार यानी संबंधित समाचार पत्र ने प्रसिद्ध किया हुआ फेक न्यूज होने की बात स्पष्ट की थी| साथ ही अमरिका को ईरान के साथ युद्ध करने की जरूरत नही है, यह भी ट्रम्प ने कहा था| कडे प्रतिबंधों के जरिए ईरान की ईंधन निर्यात ‘जिरो’ करने का ऐलान ट्रम्प ने किया था|

इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा के पूर्व एजंट और प्रसिद्ध हडसन इन्स्टिट्युट इस अभ्यास गुट के वरिष्ठ विश्‍लेषक मायकल प्रेजेन्ट इन्होंने राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्हें ईरान संबंधी कुछ विकल्पों का सुझाव रखा है| इसमें येमन में हौथी बागियों के विरोध में सौदी अरब और यूएई ने शुरू किए संघर्ष में अमरिका हिस्सा ले और इन बागियों पर जोरदार हमलें करें| साथ ही वहां की समुद्री क्षेत्र में अवैध गश्त कर रहे ईरान की ‘रिव्होल्युशनरी गार्डस्’ के पोतों पर भी अमरिका हमला करें, ऐसा विश्‍लेषक प्रेजेन्ट ने कहा है|

इन हमलों की वजह से ईरान पर दबाव बढेगा| अकेले येमन ही नही, तो सीरिया, लेबनान और गाजा में ईरान समर्थक गुटों पर कार्रवाई करने के लिए अमरिका इस्रायल की सहायता करे, ऐसा प्रेजेन्ट ने कहा है| इन हमलों से ईरान को सीरिया और लेबनान से पीछे हटना होगा| साथ ही इराक में ईरान की रिव्होल्युशनरी गार्डस् के ठिकानों पर भी कार्रवाई करें, यह मांग विश्‍लेषक प्रेजेन्ट ने रखी है| ऐसा हुआ तो ईरान का प्रभाव नष्ट होगा और फिर ईरान को घुटने के बल लाना आसान होगा, ऐसा प्रेजेन्ट का कहना है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.