ईरानी मिसाइल और अतंरिक्ष कार्यक्रम की असफलता के पीछे अमरिका का हाथ – अमरिकी समाचार पत्र का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग – अंतरिक्ष एवं मिसाइल कार्यक्रम का दायरा बढाने के विषय में ईरान से किए जा रहे दावे झुठे होने, की सच्चाई सामने आयी है| पिछले दशक में ईरान ने अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रम के तहेत किए प्रक्षेपणों में से लगभग ७० प्रतिशत मुहिम विफल हुई है| ईरान की इस विफलता के पीछे अमरिका का हाथ होने का दावा भी अमरिका के एक प्रमुख समाचार पत्र ने किया है|

अमरिका के ‘द न्यूयॉर्क टाईम्स’ ने इस संबंधी वृत्त प्रसिद्ध किया है और इसमें ईरान ने पिछले महीने से किए दो प्रक्षेपणों का जिक्र किया है| जनवरी १५ और फरवरी ५ के दिन ईरान ने अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहेत दो राकेटस् प्रक्षेपित किए थे| यह दोनों राकेटस् विफल साबित हुए थे| अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने भी इस घटना का जिक्र किया था|

‘पिछले मंगलवार के दिन ईरान की हुकूमत ने अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक राकेट का परीक्षण किया था| यह परीक्षण असफल साबित हुआ है| यदि यह परीक्षण सफल हुआ होता तो ईरान को काफी अहम जानकारी प्राप्त हुई होती और इस जानकारी के बलबुते पर ईरान अंतरखंडिय बैलस्टिक मिसाइल का निर्माण कर सकता| यह मिसाइल अमरिका को लक्ष्य करनेवाला भी हो सकता| लेकिन, अमरिका यह कभी भी मुमकिन नही होने देगा’, इन शब्दों में ट्रम्प इन्होंने ईरान की असफलता पर ध्यान दिलाया|

इसके पहले अमरिकी विदेश मंत्री माईक पोम्पिओ इन्होंने ईरान का अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रम एक दुसरे से जुडा हुआ है, यह कहकर इसके विरोध में अमरिका कदम उठाएगा, यह इशारा दिया था| इस पृष्ठभूमि पर ईरान के मिसाइल और राकेटस् को प्राप्त हो रही विफलता के पीछे अमरिका ने किया बडा षडयंत्र ही है, ऐसा ‘न्यूयॉर्क टाईम्स’ अने इस वृत्त में कहा है| अमरिका ने लगभग एक दशक पहले उस समय के राष्ट्राध्यक्ष जॉर्ज बुश इनके कार्यकाल में इससे जुडा कार्यक्रम हाथ मे लिया था, ऐसा दावा इस वृत्त में किया गया है|

ईरान पर प्रतिबंध लगाए जाने से अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रम के लिए ईरान ‘ब्लैक मार्केट’ में मौजूद कंपनीयों से जरूरी पुर्जों की खरीदी करता है| इन कंपनीयों को फर्जी पुर्जों की आपुर्ति करके इसके द्वारा ईरान का अंतरिक्ष एवं मिसाइल कार्यक्रम उधेडने की योजना अमरिका ने बनाई थी| बुश इनके कार्यकाल के दौरान शुरू हुई यह योजना अगले दोनों राष्ट्राध्यक्षों के कार्यकाल में भी शुरू रही, ऐसा ‘न्यूयॉर्क टाईम्स’ ने अपने वृत्त में कहा है|

इसके पहले अमरिका और इस्रायल ने ‘स्टक्सनेट’ इस सायबर वेपन की सहायता से ईरान के परमाणु कार्यक्रम का विकास रोक रखा था, यह भी उजागर हुआ था|

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