भारत के साथ सीमा विवाद तीव्र होने के दौरान चीन ने कानून पारित करके सेना के अधिकार बढ़ाए

बीजिंग – सीमा पर चीन के खिलाफ गतिविधियों को रोकने के लिए चीन ने अपनी सेना को विशेष अधिकार बहाल करनेवाला कानून पारित किया है। चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंड़ता के लिए खतरा सबित होनेवाली कार्रवाईयों को नाकाम करना चीन की सेना को इस कानून के कारण मुमकिन होगा, ऐसा दावा इस देश की सरकारी वृत्तसंस्था ने किया है। भारत और चीन के एलएसी पर तनाव की पृष्ठभूमि पर चीन का यह निर्णय भारत के खिलाफ होने की बात स्पष्ट दिख रही है।

india-border-conflict-china-1चीनी संसद की स्थायी समिती ने इस कानून को मंजूरी प्रदान की। चीन की सरकारी वृत्तसंस्था ने यह जानकारी प्रदान की है और १ जनवरी २०२२ से यह कानून लागू होगा, ऐसा इस वृत्तसंस्था ने कहा है। चीन की संप्रभुता और क्षेत्रिय अखंड़ता बड़ी पावन है और उल्लंघन करना मुमकिन ना होनेवाले मुद्दे हैं। इसी कारण चीन की सरहदों को सुरक्षित रखने के लिए यह कानून बनाकर चीनी सेना को ज्यादा अधिकार दिए जा रहे हैं, यह जानकारी इस वृत्तसंस्था ने प्रदान की। इस कारण सीमा पर चीन की संप्रभुता और अखंड़ता के लिए खतरा साबित होनेवाली कार्रवाईयों को राकना संभव होगा, यह दावा यह वृत्तसंस्था कर रही है।

इसी बीच चीन का यह कानून यानी इस देश के प्रचार तंत्र का हिस्सा दिखता है। बीते कुछ हफ्तों से ‘एलएसी’ पर घुसपैठ की कोशिश करके चीन की सेना भारत पर दबाव ड़ालने की कोशिश कर रही है। इससे पहले चीन ने ‘एलएसी’ के करीबी क्षेत्र में प्रचंड़ मात्रा में सैन्य तैनाती एवं हथियार और रक्षा सामान की तैनाती की थी। इस पर भारत ने भी मुँहतोड़ तैनाती करके चीन की इस दबाव नीति को जोरदार प्रत्युत्तर दिया था। इसके बाद चीन के सैनिकों की घुसपैठ की कोशिश को भी भारतीय सेना ने नाकाम किया। इसके बाद चीन अपनी सेना को ज्यादा अधिकार देने का ऐलान करके भारत पर दबाव ड़ालने की और एक कोशिश कर रहा है।

भारत और चीन के बीच सीमा व्यवस्थापन का समझौता हुआ है और इसके अनुसार दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे के खिलाफ हथियारों का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। क्या ऐसी स्थिति में चीन ने अपनी सेना को ज्यादा अधिकार बहाल करके ‘एलएसी’ पर हथियारों का इस्तेमाल करने की सहुलियत दी है? यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। लेकिन, भारत के खिलाफ चीन की सेना इस तरह की कार्रवाई कर सकती है, यही दिखाने की कोशिश चीन कर रहा है। इससे पहले भी ‘एलएसी’ पर तनाव के गंभीर परिणाम होंगे, ऐसी धमकियाँ चीन दे रहा था। लेकिन, इसकी परवाह किए बगैर भारतीय सेना और वायुसेना ने ‘एलएसी’ पर वर्चस्व स्थापित करने की दिशा में गतिविधियाँ शुरू की थीं।

इसी कारण चीन अलग अलग मार्ग से यह संकेत दे रहा है कि, ‘एलएसी’ पर स्थिति बिगड़ सकती है। ‘एलएसी’ पर प्रचंड़ मात्रा में तैनाती करने के पीछे भी चीन की यही योजना होने की बात स्पष्ट हुई थी। लेकिन, भारत पर दबाव ड़ालने में प्राप्त हो रही नाकामी की गूँज चीन में सुनाई दे रही है। चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने ‘वेस्टर्न थिएटर कमांड’ के नए प्रमुख के तौर पर जनरल वैंग हायजिआंग को नियुक्त किया। भारत की गतिविधियों के मद्देनज़र चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने यह बदलाव किया, ऐसी चर्चा हो रही है।

इससे पहले ‘एलएसी’ पर भारत के खिलाफ उम्मीद के अनुसार सफलता प्राप्त करने में नाकाम हुए चीनी सेना के वेस्टर्न थिएटर कमांड के तीन अधिकारियों को वहां से हटाना पड़ा था। इनमें से एक की लद्दाख का मौसम बर्दाश्‍त ना होने से मौत हुई और अन्य अधिकारी इसी कारण से अस्वस्थ होने की बात कही जा रही है। अब जनरल वैंग हायजिआंग को नियुक्त करके चीन अपनी भारत विरोधी गतिविधियाँ तीव्र करेगा, यह दिखाई दे रहा है। इस दौरान यह भी कहा जा रहा है कि, जनरल वैंग हायजिआंग चीनी सेना का इस्तेमाल करके तिब्बती और उइगरवंशियों पर बड़े अत्याचार करने का अनुभव रखते हैं।

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