अमरीका के गुआम सैन्य अड्डे पर चीन के ‘वोल्ट टायफून’ का साइबर हमला – अमरीका में ‘ब्लैकआऊट’ का ड़र

वॉशिंग्टन – इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के ‘गुआम’ द्वीप पर स्थित अमरिकी सैन्य अड्डे पर चीन के साइबर हमले से सनसनी निर्माण की। चीन के ‘वोल्ट टायफून’ इन हैकर्स ने काफी जटिल मालवेअर का इस्तेमाल करके गुआम अड्डे की अहम यंत्रणाओं को नाकाम किया। ‘फाईव्ह आईज्‌‍’ देशों की गुप्तचर यंत्रणा और माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने चीन के इन साइबर हमलों की जानकारी सार्वजनिक की। ऐसे में आगे के समय में चीन सीधे अमरीका की बुनियादी सुविधाओं को साइबर हमलों से लक्ष्य कर सकता है, ऐसी चेतावनी अमरिकी विदेश विभाग ने प्रदान की। इसी बीच, आगे के समय में ताइवान पर हमला करने से पहले चीन साइबर हमलों के माध्यम से अमरीका में ब्लैकआऊट करेगा, ऐसा ड़र सैन्य विश्लेषक जता रहे हैं। 

‘वोल्ट टायफून’चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी और ेसना से जुड़े ‘वोल्ट टायफून’ नामक हैकर्स गुट ने अमरीका के गुआम द्वीप पर साइबर हमला किया। इससे सैन्य अड्डे की संपर्क यंत्रणा, निर्माण क्षेत्र और यातायात की व्यवस्था पुरी तरह से नाकाम हुई थी। इसके लिए ‘वोल्ट टायफून’ हैकर्स ने गुआम के नेटवर्क में घुसपैठ करके संबंधित यंत्रणा के कमांडस्‌‍ में बदलाव किए। माइक्रोसॉफ्ट और अमरीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाड़ा और न्यूजीलैण्ड इन देशों की गुप्तचर यंत्रणाओं के ‘फाइव्ह आईज्‌‍’ ने इस मालवेअर की जानकारी सार्वजनिक की।

इस हमले की वजह से गुआम सैन्य अड्डे की यंत्रणा कुछ समय के लिए बंद पड़ी थी। यह साइबर हमा पुख्ता कब हुआ यह अमरीका ने स्पष्ट नहीं किया है। लेकिन, आगे के समय में चीन सिधे अमरीका की बुनियादी सुविधा और काफी संवेदनशील सुविधा एवं प्रकल्पों को भी लक्ष्य कर सकता हैं, ऐसा इशारा अमरिकी विदेश विभाग ने दिया। इसमें ईंधन और गैस पाईपलाईन्स एवं रेलवे नेटवर्क का भी समावेश होगा, ऐसी चिंता विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने जताई है। चीन के पास बड़े साइबर हमले करने की क्षमता होने का दावा मिलर ने किया।

इन साइबर हमलों के ज़रिये चीन ने साइबर संघर्ष के लिए युद्ध भूमि तैयार की है, ऐसा दावा अमरिकी सैन्य विश्लेषक कर रहे हैं। लेकिन, अमरीका और फाईव्ह आईज्‌‍ ने लगाए आरोपों की चीन ने कड़ी आलोचना की है। चीन की यंत्रणा पश्चिमी देशों को किसी भी तरह से लक्ष्य नहीं कर रही हैं और अमरीका एवं सहयोगी देश चीन के खिलाफ दुष्प्रचार का अभियान चला रहे हैं, यह आरोप चीनी विदेश मंत्रालय ने लगाया। फाईव्ह आईज्‌‍ की रपट पुरी तरह से अव्यावसायिक और सबूत पेश नहीं करती, ऐसी फटकार चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने लगाई। ‘अमरीका स्वयं ही हैकिंग का साम्राज्य हैं’, ऐसा गंभीर आरोप निंग ने लगाया।

गुआम के इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमरीका का काफी अहम सैन्य और हवाई अड्डा हैं। इस क्षेत्र में चीन या उत्तर कोरिया की वजह से युद्ध शुरू हुआ तो गुआम द्विप से ही अमरीका अपने एशियाई मित्र देशों की सहायता के लिए आगे जा सकती हैं। इस द्वीप पर अमरीका ने परमाणु एवं स्टेल्थ यंत्रणा से लैस बॉम्बर विमान तैनात किए हैं। इस वजह से गुआम पर साइबर हमला करके चीन ने अमरिकी सैन्य अड्डे हमारे निशाने पर होने की बात दिखाई है। साथ ही आगे के समय में ताइवान पर हमला करने से पहले चीन साइबर हमले के माध्यम से अमरीका में ‘ब्लैकआऊट’ करवा सकता है, इस ओर सैन्य विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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