रशिया ने सीरियन हुकूमत का तख्ता पलटने की तैयारी जुटाने से हिज़बुल्लाह में हड़कंप – रशियन अखबार का दावा

मास्को – बीते पांच वर्षों से अधिक समय सीरिया के संघर्ष में व्यस्त रही रशिया पीछे हटने की तैयारी में है। उससे पहले रशिया अस्साद की हुकूमत का तख्ता पलटकर सीरिया की सत्ता का ज़िम्मा लष्करी गुट के हाथों दे सकती है। इसमें सीरिया के विरोधी गुटों का भी समावेश होगा, ऐसी चिंता हिज़बुल्लाह को सताने लगी है। इसके लिए हिज़बुल्लाह के वरिष्ठ शिष्टमंडल ने दो दिन पहले शीघ्रता से रशिया का दौरा किया। रशिया के ‘नेज़ाविसिमाया गैज़ेटा’ नामक अखबार ने यह दावा किया है।

russia-hezbollah-syriaलेबनान में स्थित ईरान से जुड़े हिज़बुल्लाह गुट के नेता मोहम्मद राद ने दो दिन पहले रशिया की यात्रा की। इस यात्रा के दौरान राद ने रशियन विदेशमंत्री सर्जेई लैवरोव से बातचीत की। रशियन मुखपत्र ने लैवरोव और राद की मुलाकात की जानकारी साझा की। लेकिन, रशिया के एक अखबार ने इस मुलाकात की अलग ही जानकारी प्रसिद्ध की है।

ईरान की सेना की एवं ईरान से जुड़े गुट की सीरिया में हुई तैनाती को रशिया की मंजूरी नहीं है। इस वजह से सीरिया में ईरान का प्रभाव और तैनाती कम करने के लिए रशिया द्वारा सीरिया में ‘मिलिटरी काऊन्सिल’ का गठन होने की संभावना है। ऐसा हुआ तो रशिया अस्साद को सत्ता से हटाकर सीरिया में रशिया समर्थक गठबंधन की सरकार स्थापित करेगी। इस वजह से ईरान का सीरिया पर प्रभाव कम होने की आशंका है।

सीरिया के अस्साद विरोधी गुट के नेता मुनाफ लास ने कुछ दिन पहले रशिया के वरिष्ठ अफसरों से मुलाकात की थी। लास, तुर्की से जुड़े गुट के नेता माने जाते हैं। इस वजह से सीरिया पर ईरान का प्रभाव कम करने के लिए रशिया अस्साद की हुकूमत का तख्ता पलटने की सोच में होने का दावा रशियन अखबार ने किया है। इस वजह से ईरान से जुड़े बेचैन हिज़बुल्लाह ने अपने वरिष्ठ नेताओं को रशिया रवाना किया, ऐसा इस अखबार का कहना है।

रशियन सरकार या हिज़बुल्लाह ने इस अखबार की खबर पर प्रतिक्रिया दर्ज़ नहीं की है। लेकिन, सीरिया में ईरान और हिज़बुल्लाह की बढ़ती दखलअंदाज़ी को लेकर रशिया की नाराज़गी की खबरे इससे पहले भी प्रसिद्ध हुईं थी। इस्रायल ने भी इस मुद्दे पर रशिया के सामने अपनी नाराज़गी व्यक्त की थी।

इसी बीच, रशियन विदेशमंत्री लैवरोव ने हिज़बुल्लाह के नेताओं के साथ चर्चा के दौरान इस्रायल ने रशिया को संदेश पहुँचाया है, यह दावा भी किया जा रहा है। येमन में स्थित हौथी बागियों ने सौदी पर हमले करने की जो गलती की उसे हिज़बुल्लाह इस्रायल पर हमला करके ना दोहराए। क्योंकि, ऐसा करने पर इस्रायल हिज़बुल्लाह की बिल्कुल परवाह नहीं करेगा और इसमें लेबनान का भी नुकसान होगा, ऐसा इशारा इस्रायल के रक्षामंत्री गांत्ज़ ने दिया था। इस्रायल का यह तीखा संदेश रशिया ने हिज़बुल्लाह को दिया होने की जानकारी पश्‍चिमी देशों के राजनीतिक सूत्रों से प्राप्त होने की बात कही जा रही है।

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