इराकी प्रधानमंत्री पर हमला करने के लिए हुआ ईरानी निर्माण के ड्रोन का इस्तेमाल – इराक के सुरक्षा अफसरों की जानकारी

बगदाद – इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कधीमी के निवास स्थान पर किए गए ड्रोन हमले की ज़िम्मेदारी अब तक किसी भी संगठन ने नहीं स्वीकारी है। लेकिन, इस हमले में इस्तेमाल किया गया ड्रोन ईरान ने बनाया था, यह जानकारी इराक के सुरक्षा अधिकारी ने सार्वजनिक की है। इस वजह से प्रधानमंत्री कधीमी पर हुए जानलेवा हमले के पीछे इराक में मौजूद ईरान से जुड़े आतंकी संगठन होने की बात स्पष्ट हो रही है।

इराकी प्रधानमंत्रीराजधानी बगदाद में स्थित प्रधानमंत्री के निवास स्थान पर रविवार के दिन तीन ड्रोन हमले हुए। इनमें से दो ड्रोन्स को मार गिराया गया, यह जानकारी इराकी सुरक्षा यंत्रणाओं ने प्रदान की। लेकिन, तीसरे ड्रोन के हमले में प्रधानमंत्री कधीमी के निवास स्थान का बड़ा नुकसान हुआ। इससे प्रधानमंत्री कधीमी भी थोड़े घायल हुए। लेकिन, उनके सात अंगरक्षक इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

इस हमले के बाद इराक की जनता को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री कधीमी ने शांति बरतने का आवाहन किया। इराक के राष्ट्रीय गुप्तचर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी निबरास फरमान की हत्या करनेवाले ही इस ड्रोन हमले के पीछे होने का आरोप कधीमी ने लगाया। सीधा ज़िक्र नहीं किया हो फिर भी ईरान और इराक में स्थित ईरान से जुड़े आतंकी गुटों की ओर इराक के प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया था।

इराकी प्रधानमंत्रीइराक के पोप्युलर मोबिलाइज़ेशन युनिट-पीएमयू, कतैब हिज़बुल्लाह ईरान से जुड़ा आतंकी संगठन प्रधानमंत्री कधीमी और निबरस फरमान पर हुए ड्रोन हमले के पीछे होने की आशंका जताई जा रही है। इससे पहले भी इन दोनों संगठनों ने इराक एवं सीरिया में हमले करने के लिए ड्रोन्स का इस्तेमाल किया था। लेकिन, इन दोनों संगठनों ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से इन्कार किया है।

ऐसी स्थिति में इराकी सुरक्षा यंत्रणा के अधिकारी और सूत्रों ने नाम सार्वजनिक ना करने की शर्त पर सोमवार के दिन इस हमले से संबंधित अहम जानकारी साझा की। प्रधानमंत्री के निवास स्थान पर हुए हमले में इस्तेमाल हुआ ड्रोन और विस्फोटक ईरान के बने होने की जानकारी इस अधिकारी ने अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था से साझा की। पीएमयू, कतैब या असैब अलह अल-हक में से कोई एक ईरान से जुड़ा संगठन इस ड्रोन हमले के पीछे हो सकता है, ऐसी आशंका इराकी अधिकारी ने व्यक्त की है।

प्रधानमंत्री कधीमी पर हुए हमले की विश्‍वभर के नेताओं ने आलोचना की है। भारत, ब्रिटेन, फ्रान्स, सौदी अरब, जॉर्डन, इजिप्ट के राष्ट्रप्रमुखों ने प्रधानमंत्री कधीमी से फोन पर इस हमले का निषेध किया। तो, अमरीका के विदेशमंत्री ने इस हमले के बाद इराकी प्रधानमंत्री से फोन पर बातचीत की थी।

इराकी प्रधानमंत्रीइराक के चुनावों में विजयी हुए मुक्तदा अल-सद्र ने भी कधीमी पर यह हमला यानी आतंकी हमला होने का ऐलान किया। ईरान के विदेश मंत्रालय ने भी इस हमले का निषेध किया। इसके बाद ईरान के कुदस्‌ फोर्सस के प्रमुख मेजर जनरल इस्माईल घनी ने रविवार के दिन राजधानी बगदाद की यात्रा करने के दावे किए जा रहे हैं। अधिकृत स्तर पर इसकी जानकारी सामने नहीं आयी है। लेकिन, ईरान के वृत्त संस्थाओं ने यह खबर सामने लायी है।

इसी बीच इराक के किरकुक प्रांत में हुए विस्फोट के दौरान ईरान से जुड़े गुट के दो आतंकी मारे गए। यह विस्फोट कब हुआ, इसकी जानकारी सामने नहीं आयी है। लेकिन, यहां के तार कलान क्षेत्र में हुए विस्फोट में पीएमयू के दो आतंकी मारे गए और तीन घायल हुए। बीते महीने हुए चुनावों के नतीज़ों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन एवं रविवार के ड्रोन हमले की वजह से इराक की स्थिति में तनाव निर्माण हुआ है।

इराक की भूमि पर ईरान समर्थक और ईरान विरोधी गुटों में संघर्ष हो रहा है और इराकी नेताओं पर हो रहे हमले और ईरान समर्थक प्रदर्शनकारियों पर इराकी सरकार की कार्रवाई भी इसी संघर्ष का हिस्सा होने की बात कही जा रही है। इस वजह से इराक में फिर से अस्थिरता बढ़ रही है और इससे तीव्र अंदरुनि संघर्ष की पृष्ठभूमि तैयार हो रही है।

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