अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को ‘हवाना सिंड्रोम’ से खतरा – पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोल्टन

वॉशिंग्टन – ‘हवाना सिंड्रोम’ अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के साथ प्रशासन के वरिष्ठ अफ़सरों को निष्क्रिय कर सकता है और इसका देश की सुरक्षा पर गंभीर असर पड सकता है, यह इशारा अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने दिया| अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प प्रशासन के कई अफ़सरों ने वर्टिगो एवं स्मृतिभ्रंश जैसी त्रासदी से जूझने की शिकायतें की थीं| इसका दाखिला देकर पूर्व सुरक्षा सलाहकार ने यह इशारा दिया कि, युद्ध के दौरान ऐसी घटना हुई तो बड़ा नुकसान हो सकता है|

havana-syndrome-threat-1अमरीका के ‘सीबीएस’ समाचार चैनल के (६० मिनिटस्) नामक कार्यक्रम में बोलते समय बोल्टन ने ‘हवाना सिंड्रोम’ के खतरे का ज़िक्र किया| ‘हमें हवाना सिंड्रोम का खतरा है, इसकी पुख्ता जानकारी नहीं है| लेकिन, इसके सटीक जवाब की खोज़ करने के लिए ध्यान केंदित करना पडेगा| कुछ होने पर यह कोशिश करना घातक साबित हो सकता है| युद्ध के दौरान शत्रु राष्ट्र ने हवाना सिंड्रोम का इस्तेमाल करके राष्ट्राध्यक्ष, सलाहकार एवं सैन्य अधिकारियों को निष्क्रिय किया तो अमरीका की पूरी सुरक्षा दांव पर लग सकती है, यह इशारा बोल्टन ने दिया|

वर्ष २०१६ में क्युबा की राजधानी में अमरीका और कनाड़ा के दूतावासों के कर्मचारी ‘हवाना सिंड्रोम’ से पीड़ित होने की बात सामने आयी थी| इसमें ‘सीआईए’ के एजंटस् का समावेश होने की बात स्पष्ट होने पर यह एक जैविक हमला होने का आरोप अमरीका ने लगाया था| इसके पीछे क्युबा एवं चीन के होने की आलोचना ट्रम्प प्रशासन ने की थी| इसके बाद वर्ष २०१७ में वॉशिंग्टन समेत यूरोप और चीन में स्थित अमरिकी दूतावास के सैन्य एवं गुप्तचर यंत्रणा के अधिकारी प्रभावित हुए थे|

havana-syndrome-threat-2बायडेन प्रशासन ने अमरीका का नियंत्रण स्वीकारने के बाद सीआईए प्रमुख विल्यम बर्न्स ने इस मामले की जॉंच शुरू की| साथ ही अमरिकी एजंटस् पर हुए इस हमले के पीछे रशिया के होने के आरोप लगाना जारी रखा था| नवंबर के शुरू में बर्न्स ने रशिया का दौरा करके रशियन गुप्तचर यंत्रणा के दो प्रमुख अफसरों से मुलाकात की| इस दौरान भी हवाना सिंड्रोम चर्चा का मुद्दा उठा था, यह दावा किया जा रहा है|

अमरिकी विदेश विभाग ने इसे अस्पष्ट स्वास्थ्य संबंधी घटना बताया था| तो, अपने एजंटस् के मानसिक एवं शारिरीक स्वास्थ्य पर प्रहार करनेवाले यह हमले जैविक हमलों का हिस्सा होने का आरोप ‘सीआईए’ ने लगाया था| वर्ष २०२० में प्रसिद्ध हुई रपट में हवाना सिंड्रोम’ के पीछे मायक्रोवेव एनर्जी का हमला होने का दावा किया गया था|

रशिया और चीन दोनों पर ‘हवाना सिंड्रोम’ के मुद्दे पर आरोप लगाए गए थे| लेकिन, दोनों देशों ने यह आरोप ठुकराए हैं|

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