अफ़गानिस्तान से सेना वापसी अमरीका के लिए शर्मनाक बात – पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प

वॉशिंग्टन – अफ़गानिस्तान से सेना की वापसी अमरीका के इतिहास में सबसे बड़ी शर्मनाक बात हुई है। अमरीका के चुनावी नतीजे घुमाने के लिए खर्च किए गए अरबों डॉलर्स उपयुक्त साबित हुए, यह साबित होने से चीन अब अमरीका को देखकर हंस रहा है, ऐसा कहकर अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने गुस्सा व्यक्त किया। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की कमज़ोर और गलत नीतियों की वजह से ही अफ़गानिस्तान में यह स्थिति निर्माण हुई है, लेकिन बायडेन यह दावा कर रहे हैं कि, अमरीका ने पैसों की आपूर्ति करने के बावजूद अफ़गान सेना ही लड़ने के लिए तैयार नहीं है। बायडेन के इस दावे पर भी ट्रम्प ने आपत्ति जताई। अमरीका ने अफ़गान सेना के लिए किया खर्च यानी तालिबान से लड़ने के लिए दी गई रिश्‍वत थी क्या, यह सवाल भी ट्रम्प ने किया है।

शर्मनाक बात‘फॉक्स न्यूज’ नामक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में डोनाल्ड ट्रम्प ने अफ़गानिस्तान की स्थिति के लिए बायडेन को ज़िम्मेदार ठहराया है। साथ ही ऐसी सेना वापसी की वजह से चीन और रशिया दोनों को बड़ा लाभ होगा, इस ओर भी ट्रम्प ने ध्यान आकर्षित किया। हमारी हार करानेवाले चुनाव में धांदली करने के लिए चीन ने अरबों डॉलर्स खर्च किए और बायडेन को जिताया, यह आरोप ट्रम्प ने इससे पहले कई बार किया था। इस साक्षात्कार के दौरान भी इसका दाखिला देकर हमने किए हुए निवेश का उपयोग हुआ, इस आनंद में चीन अब अमरीका को देखकर हस रहा है, ऐसी तीखी टिप्पणी भी ट्रम्प ने लगाई।

हमने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष होते हुए चीन से अरबों डॉलर्स खींच लाए थे। इसके बदले में हमने चीन को कुछ भी हासिल करने नहीं दिया। इसके बावजूद अमरीका को किसी भी तरह का नुकसान पहुँचाना चीन के लिए मुमकिन नहीं हुआ था। लेकिन, अब चीन अमरीका को देखकर हस रहा है, ऐसी आलोचना करके ट्रम्प ने बायडेन के नेतृत्व की कमज़ोरी रेखांकित की। अफ़गान सेना को अमरिकी सेना ने प्रदान की हुई सहायता यानी तालिबान से लड़ने के लिए दी हुई रिश्‍वत थी क्या, यह सवाल करके ट्रम्प ने बायडेन को फटकार लगाई।

शर्मनाक बातरशिया का सालाना लष्करी खर्च करीबन ५० अरब डॉलर्स है। वहीं, अमरीका ने अकेले अफ़गानिस्तान की मुहिम के लिए सालाना ४२ अरब डॉलर्स खर्च किए थे। इतना करने के बावजूद अमरीका के हाथों में कुछ भी नहीं लगा, यह अफसोस भी ट्रम्प ने व्यक्त किया। अमरीका की सेना को स्वदेश बुलाकर बायडेन ने अफ़गान जनता को तालिबानी भेड़िये के सामने रखा, यह आरोप ट्रम्प ने लगाया। ट्रम्प की तरह राजनीतिक विरोधी ही नहीं, बल्कि किसी समय बायडेन का पक्ष लेनेवाले माध्यम भी अफ़गानिस्तान की स्थिति को लेकर बायडेन की आलोचना कर रहे हैं। बायडेन की लोकप्रियता में गिरावट शुरू होने के दावा किया जा रहा है।

पूर्व राष्ट्राध्यक्ष जॉर्ज बुश ने अफ़गान जनता के प्रति हमारे दिल में बड़ा दर्द होने का बयान किया। प्रगति की राह पर चल रही अफ़गान जनता के लिए अब भयंकर खतरनाक स्थिति बनी है, यह इशारा देकर बुश ने अमरिकी सेना की वापसी पर नाराज़गी जताई। तभी, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अमरीका की पूर्व राजदूत निक्की हैले ने कहा कि, अफ़गानिस्तान से वापसी करने की वजह से विश्‍वभर में अमरीका के सहयोगियों को धमकियाँ मिलने लगी हैं और अमरीका पर अविश्‍वास बढ़ रहा है।

अमरीका का भरोसा करनेवालों का हश्र अफ़गानिस्तान में क्या हुआ, इसे देखें, ऐसी धमकियाँ चीन से ताइवान को प्राप्त हो रही हैं। युक्रैन को भी रशिया से ऐसे ही इशारे मिल रहे हैं, ऐसा कहकर हैले ने अफ़गानिस्तान में प्राप्त हुई असफलता की वजह से अमरीका की छवि मिट्टी में मिलने का अहसास कराया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.