पाकिस्तान के १५० परमाणु अस्त्र आतंकवादियों के हाथ लगेंगे – अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की चेतावनी

वॉशिंग्टन – ‘अफगानिस्तान के बाद तालिबान पाकिस्तान पर कब्ज़ा करेगा। इससे पाकिस्तान के पास होनेवाले १५० परमाणु अस्त्र आतंकवादियों के हाथ लगेंगे’, ऐसी सनसनी मचानेवाली चेतावनी अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने दी। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने अफगानिस्तान से की वापसी के ये भयंकर दुष्परिणाम संभव हैं, यह बताकर बोल्टन ने उसकी जमकर आलोचना की। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यह चिंता ज़ाहिर कर रहे हैं, ऐसे में अमरिकी कॉंग्रेस की ‘रिसर्च सर्व्हिस’ ने यह विस्तृत रिपोर्ट जारी की है कि पाकिस्तान में लगभग १२ विदेशी संगठन सक्रिय हैं।

परमाणु अस्त्रतालिबान का कट्टर समर्थक होनेवाले पाकिस्तान के मौलाना अब्दुल अझिज ने, जल्द ही कट्टरपंथी पाकिस्तान पर कब्ज़ा करेंगे, ऐसा घोषित किया था। अफगानिस्तान में तालिबान को मिली सफलता पाकिस्तान में बड़े जल्लोष के साथ मनाई गई थी। तालिबान की ही एक शाखा माने जानेवाले ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ संगठन ने, पाकिस्तान में अपनी हुकूमत लाने की ज़ोरदार तैयारी की है। पाकिस्तानी माध्यम हमारा उल्लेख ‘आतंकवादी’ ऐसा ना करें, ऐसी धमकी भी ‘तेहरिक’ ने दी है। उसी समय, अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता आने के बाद, पाकिस्तान में आतंकवादियों के कारनामें अधिक ही तीव्र हुए दिख रहे हैं। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ये सारे बदलाव दर्ज़ किए जा रहे होकर, अमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने इस मामले में, दुनिया को दहला देनेवाली चेतावनी दी।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने यकायक अफगानिस्तान से सेना हटाने के कारण, तालिबान को आसानी से अफगानिस्तान पर कब्ज़ा प्राप्त हुआ। इसलिए तालिबान का अगला लक्ष्य ‘पाकिस्तान पर कब्ज़ा’ यह होगा। एक बार जब पाकिस्तान तालिबान के कब्ज़े में जाता है, तो फिर इस देश के पास होनेवाले लगभग १५० परमाणु अस्त्र आतंकवादियों के हाथ लगेंगे’, अशी गंभीर चिंता बोल्टन ने ज़ाहिर की। एक रेडियो स्टेशन को दिए इंटरव्यू के दौरान बोल्टन ने यह चेतावनी दी। इससे पहले भी पाकिस्तान के परमाणु अस्त्र आतंकवादियों से असुरक्षित होने की बात सामने आई थी। पाकिस्तानी लष्कर में ही आतंकवादी मानसिकता होनेवाले कुछ लोगों का समावेश होकर, उनके कारण पाकिस्तान के परमाणु अस्त्र आतंकवादियों के हाथ लग सकते हैं, ऐसी चिंता कुछ लोगों ने ज़ाहिर की थी। हालांकि पाकिस्तान अपने परमाणु अस्त्र सुरक्षित होने के कितने भी दावे करें, फिर भी उस पर भरोसा रखने जैसी परिस्थिति नहीं है, यह कई बार स्पष्ट हुआ था।

परमाणु अस्त्रअफगानिस्तान का कब्ज़ा तालिबान के पास जाने के बाद, उससे प्रेरणा लेकर ‘तेहरिक’ तथा अन्य आतंकवादी संगठनों ने, पाकिस्तान में कट्टरपंथियों की हुकूमत लाने की तैयारी शुरू की है। मौलाना अब्दुल अझिज ने दी चेतावनी इसी की गवाही दे रही है। इससे पाकिस्तान के परमाणु अस्त्र आतंकवादियों के हाथ लगने का ख़तरा अधिक ही तीव्र हुआ है।

जॉन बोल्टन पाकिस्तान के परमाणु अस्त्रों को लेकर यह चिंता ज़ाहिर कर रहे हैं, ऐसे में अमेरिकन संसद की ‘काँग्रेशनल रिसर्च सर्व्हिस’ (सीआरएस) ने पाकिस्तान में आतंकवादियों के मुक्त संचार पर रोशनी डालनेवाली रिपोर्ट जारी की। इसके अनुसार पाकिस्तान में लगभग १२ विदेशी आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं। इनमें अल कायदा तथा हक्कानी नेटवर्क का समावेश है। साथ ही, भारत में घातपात मचानेवाले ‘लश्कर-ए-तोयबा’, ‘जैश-ए-मोहम्मद’, ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’, ‘हुजी’, इनका समावेश है। साथ ही, ‘आयएस-खोरासान’ ‘जंदुल्लाह’, ‘सिपाह-ए-साहबा’, ‘लश्कर-ए-झांगवी’ ये आतंकवादी संगठन भी पाकिस्तान में सक्रिय होने की बात इस रिपोर्ट में नमूद की गई है।

इसी बीच, भारत ने भी संयुक्त राष्ट्र संगठन की सुरक्षा परिषद में पाकिस्तानी परमाणु अस्त्रों की सुरक्षा का मुद्दा उपस्थित किया। पाकिस्तान का नामोल्लेख टालकर भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रिंगला ने यह जताया कि अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय ने परमाणु अस्त्रों के संदर्भ में अधिक सतर्कता दिखाने की ज़रूरत है।

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