ताइवान पर हमला किया तो अमरीका करेगी चीन के ‘लॉजिस्टिक’ क्षमताओं को लक्ष्य – अमरिकी वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी का इशारा

वॉशिंग्टन – चीन ने ताइवान पर हमला किया तो अमरिकी रक्षाबल चीन के मुख ‘लॉजिस्टिक’ क्षमताओं पर हमले करेगा, ऐसी चेतावनी अमरिकी वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी ने दी। ‘अटलांटिक कौन्सिल’ नामक अध्ययन मंड़ल के कार्यक्रम में  बोलते समय जनरल क्लिंटन हायनोट ने अमरिका के मित्रदेशों पर हमला करना दूसरे देशों के लिए आसान नहीं होगा, ऐसे तीखे शब्दों में चेतावनी दी। चीन ने ताइवान पर हमला किया तो यह उसके लिए इतिहास की सबसे कठिन सैन्य मुहिम होगी, इसके लिए अमरीका हर तरह की कोशिश करेगी, इन शब्दों में जनरल हायनोट ने चीन को इसके परिणामों का अहसास कराया।

पिछले महीने अमरिकी प्रतिनिधि सदन की सभापति नैन्सी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था। इससे आगबबूला हुए चीन ने ताइवान के समुद्री क्षेत्र में उकसानेवाले युद्धाभ्यास की शुरूआत की थी। ताइवान को घेरानेवाले इन हवाई और समुद्री युद्धाभ्यास का आयोजन करके चीन ताइवान पर हमले करने की तैयारी कर रहा है, ऐसा दावा ताइवान के नेता और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं। अमरीका के साथ अंतरराष्ट्रीय समूदाए ने भी इस पर गंभीर संज्ञान लिया है और ताइवान का सहयोग करने की जोरदार तैयारी भी शुरू की है। इनमें अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ यूरोपिय देशों का भी समावेश दिख रहा है।

पेलोसी की यात्रा के बाद चीन के सैंकड़ों विमान और युद्धपोत ताइवान की सीमा के करीब मंड़रा रहे हैं और घुसपैठ की कोशिश भी जारी है। चीन के ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ ने ताइवान के करीबी चीनी प्रांत में जोरदार सैन्य जमावड़ा शुरू किया है। साथ ही कई हिस्सों में ‘लाईव फायर’ युद्धाभ्यास का आयोजन किया जा रहा है। यह सभी गतिविधियाँ ताइवान पर हमले की तैयारी है और किसी भी क्षण चिंगारी भड़क सकती है, ऐसे बयान दोनों ओर से किए जा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका के वरिष्ठ अधिकारी ने की चेतावनी ध्यान आकर्षित कर रही है।

अटलांटिक कौन्सिल नामक अध्ययन मंड़ल ने ‘फ्युचर ऑफ एअर वॉरफेअर’ विषयक परिसंवाद का आयोजन किया था। इसमें बोलते हुए ‘एअरफोर्स फ्युचर्स’ के उप-प्रमुख जनरल हायनोट ने चीन को कड़ी चेतावनी दी। ‘अमरीका के मित्रदेशों पर किसी ने भी हमला करने की कोशिश की तो उनके लिए वह मुहिम आसान नहीं होगी। ९० मील की खाड़ी पार करके ताइवान के खिलाफ हमले करना कितना कठिन साबित हो सकता है, इस पर अमरीका के प्रतिद्वंद्वी चीन ने सोचा होगा, हम ऐसी उम्मीद करते हैं’, ऐसा इशारा जनरल हायनोट ने दिया।

ताइवान क्षेत्र की मौजूदा स्थिति कायम रहे, यही अमरीका की मंशा है। ताइवान का समुद्री क्षेत्र पार करके चीन ने यदि ताइवान पर हमला किया या जापान पर मिसाइल दागने की अमरिका की इच्छा नहीं है, यह भी अमरिकी अधिकारी ने रेखांकित किया। अमरिकी हुकूमत एवं रक्षा विभाग लगातार यह आश्वासन दे रहे हैं कि, ताइवान की सुरक्षा के लिए अमरीका प्रतिबंद्ध है। लेकिन, इस पर अधिक स्पष्ट बयान करना अमरिकी अधिकारी ने टाल दिया। इस पृष्ठभूमि पर हायनोट ने चीन के ‘लॉजिस्टिक’ को लक्ष्य करने का इशारा देकर पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया है।

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