अमरीका, ब्रिटेन और फ्रान्स की नौसेना की ईरान को चेतावनी

तेल अवीव – अमरीका, ब्रिटेन और फ्रान्स की नौसेनाओं ने होर्मुझ की खाड़ी में एक साथ सफर करके ईरान की सख्त चेतावनी दी है। अमरीका का यूएसएस पॉल हैमिल्टन विध्वंसक इस सफर में शामिल था। लेकिन, इस यात्रा के दौरान ईरान की नौसेना के तेज़ गश्तीपोत यूएसएस पॉल हैमिल्टन की दिशा में आगे बढ़ती देखी गई। इसके बावजूद अमरीका, ब्रिटेन और फ्रान्स की नौसेना ने होर्मुझ की खाड़ी से एकसाथ सफर करके वहां की कार्रवाई के परिणाम गंभीर हो सकते हैं, इसका अहसास ईरान को कराया। यह मौजूदा समय की बड़ी अहम बात होने का दावा किया जा रहा है। 

ईरान को चेतावनीचीन की मध्यस्थता से सौदी अरब के साथ राजनीतिक सहयोग स्थापित होने के बाद ईरान का आत्मविश्वास बढ़ा है। ईरान ने रशिया के साथ अपना सहयोग काफी बढ़ाया है। साथ ही खाड़ी देशों में ईरान को हो रही विरोध फिलहाल कम होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। साथ ही इस्रायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर गंभीर चिंता जताई है। परमाणु बम बनाने ेक लिए पर्याप्त युरेनियम का संवर्धन करने तक ईरान जल्द ही पहुंचेगा, ऐसी चेतावनी इस्रायल ने दी थी। इस वजह से इस्रायल ने ईरान के परमाणु प्रकल्प पर हमला करने की संभावना भी बढ़ रही हैं। अमरीका ने भी ईरान की हरकतों पर जताई चिंता ईरान की आशंका बढ़ाती दिख रही है।  

इस वजह से ईरान ने अपना शक्ति पदर्शन अधिक बढ़ाया है। हमारे परमाणु प्रकल्प पर हमले हुए तो होर्मुझ की खाड़ी से हो रही वैश्विक ईंधन यातायात बंद की जाएगी, ऐसी धमकियां ईरान दे रहा है। हमारी धमकियां खोखली नहीं हैं, यही दिखाने के लिए ईरान ने दो ईंधन टैंकर जब्त किए थे। इसका अमरीका ने गंभीर संज्ञान लिया है। इसके साथ ही अमरीका ने ईरान को रोकने के लिए विमान वाहक युद्धपोत भी खाक्षी की ओर रवाना किया था। साथ ही फ्रान्स और ब्रिटेन ने भी होर्मुझ की खाड़ी में ईरान की जारी हरकतों के विरोध में चेतावनी दी थी।

इस पृष्ठभूमि पर अमरीका, ब्रिटेन और फ्रान्स की नौसेना ने होर्मुझ की खाड़ी में एक साथ सफल करना ईरान को परिणामों का अहसास कराता है, ऐसा कहा जा रहा है। लेकिन, अमरिकी नौसेना के यूएसएस पॉल हैमिल्टन नामक विध्वंसक के काफी करीब से ईरानी नौसेना के दो स्पीड बोटस्‌‍ ने सफर करने की खबरें हैं। इसके ज़रिये तीनों देशों की नौसेना ने इस क्षेत्र में किए इस सफर का हम निषेध करते हैं, यही ईरान ने जताया है। आगे के समय में भी ईरान इसपर अधिक आक्रामक हरकत करके प्रत्युत्तर दे सकता हैं।

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