अमरीका को पाकिस्तान में स्थित आतंकी केंद्रों पर हमले करने होंगे – अमरिकी विश्‍लेषक माइकल रुबीन की मॉंग

वॉशिंग्टन – अमरीका को अफ़गानिस्तान से सेना वापसी करके तीन महीने बीत चुके हैं| इस सेना वापसी का अमरीका की सुरक्षा पर असर नहीं पड़ेगा, ऐसा आश्‍वासन राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने अमरिकी जनता को दिया था| लेकिन, असल में उल्टा ही हो रहा है और अफ़गानिस्तान के हर शहर में ‘आयएस-खोरासन’ का विस्तार हो रहा है| इस बात का तीव्र अहसास अमरिकी विश्‍लेषक माइकल रुबीन ने कराया| अफ़गानिस्तान में गंभीर हो रही आंतकवाद की समस्या का मूल इस देश के काबुल और कंदहार नहीं हैं, बल्कि पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और सैन्य मुख्यालय रावलपिंड़ी में मौजूद आतंकी केंद्र हैं| इन पर अमरीका हमले करे, ऐसी मॉंग रुबीन ने बड़े जोरों से की है|

माइकल रुबीन‘अमरिकन एंटरप्राईज़ इन्स्टिट्यूट-एईआई’ के विश्‍लेषक और पेंटॅगॉन के अधिकारी के तौर पर कार्य करनेवाले माइकल रबीन की खाड़ी क्षेत्र के विशेषज्ञ के रूप में पहचान है| उन्होंने अफ़गानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी के बाद उभरी स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया है और मौजूदा स्थिति अमरीका की सुरक्षा के लिए चुनौतीपूर्ण होने का दावा किया| अमरिकी पत्रिका के लेख में रुबीन ने अमरीका को वास्तव का स्पष्ट अहसास कराया| वर्तमान में अफ़गानिस्तान के हरएक प्रांत में खतरनाक आतंकी संगठन ‘आयएस-खोरासन’ का विस्तार हुआ है| ऐसी स्थिति में आतंकवाद के जड़ों पर प्रहार करना अमरीका के लिए आवश्यक हो गया है, ऐसा इशारा रुबीन ने इस लेख द्वारा दिया है|

अफ़गानिस्तान के काबुल और कंदहार प्रांत आतंकवाद के केंद्र नही हैं बल्कि, आतंकवाद के केंद्र पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबद और पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय रावलपिंड़ी में हैं, यह कहकर पाकिस्तान ने आज तक अमरीका के साथ खेले ‘डबल गेम’ का भी रूबीन ने पर्दाफाश किया| अमरीका ने अफ़गानिस्तान पर हमला करने के बाद बीते २० वर्षों से पाकिस्तान ‘डबल गेम’ खेलके अमरीका का विश्‍वासघात करता रहा है, ऐसा रूबीन ने लेख में कहा है| अमरीका से आतंकवाद विरोधी युद्ध के लिए प्राप्त होनेवाला निधि पाकिस्तान ने तालिबान को ही प्रदान किया, इसके अलावा अल-कायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन को आश्रय भी दिया, इस बात की याद माइकल रूबीन ने दिलायी|

अफ़गानिस्तान से अमरीका ने अपमानकारक वापसी से आतंकियों के प्रति सहानुभूती रखनेवाले पाकिस्तानी अधिकारी खुश हुए हैं| साथ ही पाकिस्तान के राजनीतिक अधिकारी हमारा देश आतंकियों के खिलाफ होने के दावे कर रहे हैं, लेकिन असल में वे आतंकियों के पक्ष में हैं, यह बात उनकी हरकतें दिखा रही हैं| १३ वर्ष पहले पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठन ‘लश्कर ए तोयबा’ ने मुंबई पर आतंकी हमला करके १६० से अधिक लोगों की जान ली थी और इनमें १३ वर्ष उम्र की लड़की के साथ छह अमरिकी नागरिकों का भी समावेश था| इसके बावजूद पाकिस्तान ने इस आतंकी संगठन पर कार्रवाई करने के बजाय उसे प्रोत्साहन दिया था, इस ओर भी रूबीन ने ध्यान आकर्षित किया|

इसके साथ ही मुंबई, कराची और काबुल में अमरिकी नागरिकों की जान लेनेवाले आतंकियों को पाकिस्तान सुरक्षा प्रदान कर रहा है| इन बातों का संज्ञान लेकर अमरीका के वाईट हाऊस, विदेश मंत्रालय पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, यह मॉंग माइकल रुबीन ने की| इसके असर का अहसास पाकिस्तान को कराना और अमरीका का निर्धार व्यक्त करना बड़ा अहम होगा| हम पाकिस्तान में सुरक्षित हैं, आतंकियों की इस सोच को अमरीका को तोड़ना ही होगा, इसके लिए अफ़गानिस्तान में मौजूद आतंकियों को लक्ष्य करने के लिए तैयार किए गए ‘ओवर द हॉराइज़ॉन’ नीति का इस्तेमाल किया जाए, यह आवाहन मायकल रुबीन ने किया है|

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