चीन के साथ बढ़ रहे तनाव की पृष्ठभूमि पर ताइवान स्थित अपने नागरिकों की सुरक्षित निकालने के लिए अमरीका की योजना तैयार

वॉशिंग्टन – यूक्रेन युद्ध से सबक प्राप्त करने के बाद अमरीका ने ताइवान में मौजूद अपने नागरिकों को वहां से सुरक्षित बाहर निकालने की तैयारी शुरू की है। चीन के साथ बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि पर अमरीका पिछले छह महीनों से इस योजना पर काम कर रही हैं। लेकिन, पिछले दो महीनों में अमरीका ने इसकी गति बढ़ाई है, यह जानकारी अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा के तीन अधिकारियों ने साझा की। अमरिकी विदेश एवं रक्षा मंत्रालय ने इस मुद्दे पर बयान करने से स्पष्ट इनकार किया है। लेकिन, चीन ताइवान पर हमला करने की तैयारी में होने के संकेत अमरीका की इस तैयारी से प्राप्त हो रहे हैं।

यूक्रेन में रशिया ने की हुई कार्रवाई के कारण अमरीका अब ताइवान पर सोच विचार करने के लिए मज़बूर हुई है। क्यों कि, पिछले कुछ महीनों से अमरीका और चीन के ताल्लुकात बिगड़ रहे हैं, ऐसा दावा अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा के एक अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर किया। साउथ एवं ईस्ट चाइना सी और ताइवान की खाड़ी में अमरीका और चीन के लड़ाकू विमान, विध्वंसकों का खतरनाक ढ़ंग से सफर करना इसी का उदाहरण है। चीन की चेतावनी के बावजूद अमरिकी जनप्रतिनिधि ताइवान का दौरा कर रहे हैं। इससे आगे के समय में अमरीका और चीन का सघर्ष शुरू हुआ तो ताइवान बड़ी आसानी से चीन के हमलों का लक्ष्य बनेगा, यह ड़र अमरीका को सता रहा है, ऐसा इन अधिकारी ने कहा।

अगले कुछ सालों में ताइवान पर अपना अधिकार जताने के लिए चीन हमला कर सकता है, ऐसा अमरिकी अधिकारियों का कहना हैं। ऐसा हुआ तो वहां से अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालना अमरीका के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी। क्यों कि, वर्ष २०१९ में प्राप्त जानकारी के अनुसार ताइवान में ८० हज़ार से भी अधिक अमरिकी नागरिक मौजूद हैं। इन सभी को शीघ्रता से बाहर निकालना मुमकिन नहीं हैं, इसपर गौर करके पिछले छह महीनों से अमरीका अपने नागरिकों को वहां से निकालने की योजना बना रही हैं, ऐसी जानकारी अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा के अधिकारियों ने प्रदान की। लेकिन, पिछले दो महीनों में अमरीका ने इस योजना पर शुरू काम को अधिक गतिमान किया है, ऐसा इन अधिकारियों का कहना हैं।

फ़रवरी महीने में तुर्की में हुए विनाशकारी भूकंप के बाद ताइवान स्थित ‘अमरिकन इन्स्टीट्यूट ऑफ ताइवान’ विभाग ने सोशल मीडिय पर एक ट्विट किया था। ‘प्रिपेअरिंग नाऊ फॉर डिजास्टर’ यानी की ‘आपदा का मुकाबला करने की तैयारी की जा रही हैं’, यह कहकर ताइवान भी भूकंप प्रवण क्षेत्र का हिस्सा होने की याद भी ताज़ा की थी। साथ ही ताइवान में मौजूद नागरिक अपने नाम का पंजीकरण करके आपाद स्थिति का सामने करने की तैयारी करें, ऐसी सूचना अमरीका के इस विभाग ने की थी। अमरिकन इन्स्टीट्यूट ऑफ ताइवान यह विभाग ताइवान में बतौर अमरिकी दूतावास काम कर रहा हैं। इस वजह से इस विभाग ने जारी किए ट्वीट पर इस वृत्तसंस्था ने ध्यान आकर्षित किया।

अमरिकी विदेश एवं रक्षा विभाग ताइवान में शुरू इन गतिविधियों पर बोलने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं। लेकिन, ताइवान की खाड़ी में संघर्ष होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के लिए आवश्यक तैयारी अमरीका ने करने की बात स्पष्ट होती है तो इससे ताइवान में अमरीका के प्रति अविश्वास निर्माण हो सकता है। इस वजह से अगली धांदली से बचने के लिए अमरीका ने इसकी पुरी जानकारी छिपाकर रखी, यह दावा ‘द मेसेंजर’ नामक अमरिकी वृत्तसंस्था ने किया।

इसी बीच, अफ़गानिस्तान और सूड़ान के संघर्ष से अपने नागरिकों की रिहाई करने का काफी बड़ा बड़ा तजूर्बा अमरीका को प्राप्त हुआ है। इस वजह से ताइवान में युद्ध शुरू होने से पहले ही अमरीका वहां पर मौजूद अपने नागरिकों की रिहाई की योजना तैयार कर रही हैं, ऐसा दावा इस वृत्तसंस्था ने किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.