अमरीका-चीन युद्ध की संभावना बढ़ी – अमरिकी फॉरिन अफेअर्स कमिटी के अध्यक्ष की चेतावनी

वॉशिंग्टन – ‘खून की बूंद गिराए बिना ताइवान पर नियंत्रण करने में यदि चीन असफल रहा तो चीन सेना को उतारकर ताइवान पर कब्ज़ा करेगा। ऐसा हुआ तो अमरीका को चीन विरोधी युद्ध के लिए तैयार रहना पडेगा। अफ़गानिस्तान से जल्दबाज़ी में सेना हटाकर अमरीका की कमज़ोरी दिखानेवाले राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन की भूमिका की वजह से चीन के साथ युद्ध की संभावना अधिक बढ़ गई है’, ऐसी चेतावन अमरीका की ‘फॉरिन अफेअर्स कमिटी’ के नए अध्यक्ष मायकल मैकॉल ने दी। इसी बीच, आनेवाले समय में चीन के साथ युद्ध शुरू होता है तो अमरीका के भंड़ार में सिर्फ एक हफ्ते के लिए पर्याप्त शस्त्रास्त्र होने का सनसनीखेज दावा ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक ऐण्ड इंटरनैशनल स्टडीज्‌‍’ (सीएसआईएस) नामक अध्ययन मंडल ने दिया।

अमरीका की ‘एअर मोबिलीटी कमांड’ (एएमसी) के प्रमुख जनरल माईक मिनीहान ने पिछले हफ्ते अपने कमांड के सैनिकों के लिए एक मेमो भेजा था। अगले साल अमरीका में राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव होंगे। इस दौरान अमरीका का ताइवान और अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों पर ध्यान नहीं रहेगा, यह अवसर साधकर चीन ताइवान पर हमला कर सकता है। इसकी वजह से साल २०२५ तक चीन के साथ यकीनन युद्ध होगा, ऐसा इशारा जनरल मिनीहान ने अपने सैनिकों को दिया था। साथ ही चीन पर हमला करने के लिए वायुसेना को तैयार रहने के आदेश भी जनरल मिनीहान ने दिए थे।

अमरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन ने ‘एएमसी’ के प्रमुख जनरल मिनीहान की इस चेतावनी से दूरी कर ली थी। साथ ही अमरिकी रक्षा विभाग की चीन को लेकर यह नीति न होने का बयान भी पेंटॅगॉन ने किया था। लेकिन, अमरिकी प्रतिनिधि सदन की फॉरिन अफेअर्स कमिटी के प्रमुख मायकल मैकॉल ने भी जनरल मिनीहान की चेतावनी अधिक गंभीरता से लेने की जरुरत स्पष्ट की। ताइवान और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन युद्ध छेड़ सकता है, ऐसा दावा मैकॉल ने किया।

अमरीका की तरह ताइवान में भी अगले साल चुनाव होंगे। इन चुनावों के दौरान चीन ताइवान में कम्युनिस्ट हुकूमत से वफादार सरकार स्थापित करने के लिए और इसके ज़रिये पूरे ताइवान पर नियंत्रण करने की कोशिश करेगा, यह मैकॉल ने अमरिकी समाचार चैनल से बोलते हुए स्पष्ट किया। लेकिन, इसमें चीन असफल रहा तो जिनपिंग की हुकूमत सेना का इस्तेमाल करके ताइवान पर कब्ज़ा करेगा, इस पर मैकॉल ने ध्यान आकर्षित किया। लेकिन, बायडेन प्रशासन ने सेना के प्रति अपनाई हुई कमज़ोर भूमिका चीन के लिए लाभकारी साबित हो रही है, ऐसा आरोप मैकॉल ने लगाया। बायडेन प्रशासन की नीति के कारण अमरीका की सेना की ताकतवर प्रतिमा मलीन हो गई है, ऐसी आलोचना मैकॉल ने की। इसकी वजह से चीन का आत्मविश्वास बढ़ा है और वह ताइवान और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में युद्ध शुरू करेगा, ऐसी संभावना भी मैकॉल ने जताई।

इसी बीच, अमरीका के ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक ॲण्ड इंटरनैशनल स्टडीज्‌‍’ द्वारा बनाई गई ४४ पन्नों की रपट में बायडेन प्रशासन को अमरिकी रक्षा विभाग की मौजूदा स्थिति दर्शायी गई है। आनेवाले समय में चीन के साथ युद्ध हुआ तो पहले हफ्ते में अमरीका लंबी दूरी की मिसाइलें, प्रिसिजन गाइडेड एम्युनिशन्स का भंड़ार खो देगी, ऐसी चेतावनी इस अध्ययन मंडल ने दी है। यूक्रेन में जारी युद्ध की वजह से अमरीका के शस्त्र उद्योग की कमियां दिखाई पड़ी हैं, यह दावा इस अध्ययन मंडल ने किया है।

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